किसान ने पुत्र की नौकरी को जमीन बेच जेबवरात गिरवी रखकर 6 लाख 30 हजार दिए थे रुपए, जिला पंचायत पर रुपए बंदर बांट का आरोप
बाह। थाना बाह क्षेत्र के अंतर्गत गांव खेड़ा देवदास निवासी किशन महिपाल सिंह कुशवाह का पुत्र विवेक कुशवाह का सेना में नौकरी के लिए लगातार दिन-रात मेहनत कर रहा था। आरोप है कि बीते महीनों पूर्व उसकी मुलाकात भानु प्रताप उर्फ सनी ओझा पुत्र राकेश एवं उसका साथी सचिन कुमार पुत्र विजय कुमार निवासी कस्बा भदरौली से हुई थी। दोनों ने गुमराह करते हुए सेना में नौकरी लगवाने और अपनी सेटिंग होने की बात बताई थी। जिस पर युवक विवेक जालसाजी करने वाले दोनों युवकों की झांसे में आ गया। और उसने अपने पिता को यह बात बताई जिस पर उन्होंने पुत्र की नौकरी लगवाने के लिए अपने कुछ जमीन बेच जेबरात गिरवी रखकर 6 लाख 30 हजार रुपए भानु प्रताप एवं उसके साथी सचिन कुमार को दिए थे।जिस ठगी करने वाले दोनों लोगों ने सेना का फर्जी नियुक्ति पत्र युवक को पकड़ा दिया। जब उसे पता चला कि दिया हुआ नियुक्ति पत्र फर्जी है। तो ठगी की जानकारी होने पर युवक के परिवार में हड़कंप मच गया। मामले को लेकर युवक और उसके पिता ने ठगी करने वाले दोनों लोगों से संपर्क किया और पुलिस में शिकायत करने की बात कही जिस पर उन्होंने रुपए वापस करने के लिए आश्वासन दिया। मगर काफी दिन बीत जाने के बावजूद भी रुपए वापस नहीं किए गए जिससे परेशान पीड़ित किसान और उसके पुत्र ने थाना बाह में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि पुलिस ने दोनों ठगी करने वाले लोगों को थाने बुलाने के लिए कहा तो बीच में बिचौलिया जिला पंचायत सदस्य महेश कठेरिया थाने पहुंच गया और रुपए वापस करने एवं राजीनामा करने के लिए कहा। जिस पर पिता पुत्र राजी हो गए थे।एक लाख रुपए उसे थाने में दिए गए 25 हजार रुपए अगले दिन दिए थे।50 हजार रुपए अगले दिन देने को कहा था मगर नहीं दिए। आरोप है कि बिचौलिया जिला पंचायत सदस्य महेश कठेरिया ने बाकी की रकम 4 लाख 55 हजार रुपए चैक द्वारा दिए जाने का आश्वासन दिया गया था। कुछ रुपए मिले थे जिनमें से जिला पंचायत सदस्य एवं अन्य लोगों ने बंदरबांट कर लिया। बाकी के रुपए मांगे जाने पर रुपए नहीं दिए जा रहे हैं। और दिए गए बैंक चैक का भी कोई आता पता नहीं चल रहा है। जिला पंचायत से मामले में कहा गया तो वह भी इंकार कर रहा है। पीड़ित किसान और युवक परेशान है उन्होंने मामले को लेकर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जनता दरबार में पहुंचकर लिखित प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की थी। वहीं मंगलवार को पिता पुत्र थाने पहुंचे और पुलिस से एक बार फिर कार्रवाई को गुहार लगाई है पुलिस मामले की जांच कर रही है। मामले में जिला पंचायत सदस्य की भूमिका संदिग्ध बताई गई है।