Monday, June 30, 2025

India pushes Russia to repatriate citizens amid reports of 12 deaths, 16 missing | विदेश मंत्रालय बोला- यूक्रेन-रूस जंग में 12 भारतीयों की मौत: रूसी सेना की तरफ से लड़ रहे 16 भारतीय लापता; फंसे लोगों को वापस लाएंगे

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नई दिल्ली21 मिनट पहले

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प्रेस ब्रीफ में सवालों का जवाब देते विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने रूस में एक भारतीय नागरिक की मौत पर शुक्रवार को बयान दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि रूसी सेना में काम कर रहे 12 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई है। वहां 18 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से 16 व्यक्तियों के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वे बचे हुए लोगों की जल्द रिहाई और स्वदेश वापसी की मांग कर रहे हैं।

हाल ही में केरल के रहने वाले भारतीय नागरिक बिनिल बाबू की रूस-यूक्रेन युद्ध के फ्रंटलाइन पर मौत हो गई थी। वे कई महीने से वापस भारत लौटने के लिए गुहार लगा रहे थे। बिनिल बाबू (32 साल) केरल के त्रिशूर जिले के वडक्कनचेरी के रहने वाले थे।

रणधीर जायसवाल ने कहा कि बिनिल बाबू की मौत बेहद दुखद है। हमने उनके परिवार से बात की है। हम रूसी अधिकारियों के साथ संपर्क में है। हम जल्द से जल्द बिनिल बाबू के शव को लाने की कोशिश कर रहे हैं।

रूस की तरफ से जंग लड़ रहे केरल के बिनील बाबू की मौत हो गई।

रूस में जंग लड़ने वाले भारतीयों के 126 मामले

प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि एक और भारतीय जैन टी कूरियन घायल हुए हैं। वे बिनिल के रिश्तेदार हैं। फिलहाल उनका इलाज चल रहा है। भारतीय दूतावास उनके संपर्क में हैं। उनका स्वास्थ्य बेहतर होते ही उन्हें वापस भारत लाए जाने की प्रक्रिया शुरू होगी।

प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि भारत ने रूस के समक्ष इस मामले को जोरदार तरीके से उठाया है और रूसी सेना से सभी भारतीयों की जल्द से जल्द छोड़ने की अपनी मांग दोहराई है। उन्होंने कहा कि रूसी सेना में शामिल भारतीय नागरिकों के 126 मामले सामने आए हैं। इनमें से 96 लोग भारत लौट आए हैं।

काम की तलाश में रूस गए, जंग लड़ने भेज दिया बिनील और कुरियन नौकरी की तलाश में रूस गए थे। वे जून 2024 में इस जंग में फंस गए। उन्हें यूक्रेनी इलाके में रूसी सैनिकों को खाना पहुंचाने और गड्ढा खोदने का काम दिया गया था। बाद में रूसी सेना ने उन दोनों को जंग में फ्रंटलाइन पर भेज दिया।

बिनील बाबू के साले सनीश स्कारिया ने एक महीने पहले अपने घर फोन किया था और कहा था कि वे शायद उन्हें फिर से फोन न कर पाएं, क्योंकि वे जंग लड़ने यूक्रेनी इलाके में जा रहे हैं। बिनील बाबू रूस जाने से पहले बिजली मिस्री और कुरियन मैकेनिक का काम कर रहे थे।

इन दोनों युवकों को एक रिश्तेदार ने पोलैंड में नौकरी दिलाने का वादा किया था, लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि उन्हें वास्तव में रूस का वीजा दिया गया था। उन्होंने वीजा और टिकट के लिए भारी रकम खर्च की थी। इसलिए उन्हें रूस जाना पड़ा। बिनील बाबू जब रूस के लिए रवाना हुए तब उनकी पत्नी गर्भवती थीं।



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