Monday, June 30, 2025

MP Cricket Journey; IPL 2025 Madhya Pradesh Players Story | Rajat Patidar | पाटीदार और अय्यर जैसे खिलाड़ी एमपी में कैसे तैयार हुए: पहली बार आईपीएल में 11 खिलाड़ी देने वाले एमपी ने क्रिकेट में क्या–क्या बदला – Madhya Pradesh News

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आईपीएल का 18वें सीजन का आज आखिरी दिन है। मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों ने इस बार आईपीएल में जोरदार प्रदर्शन किया। दस साल पहले इस लीग में प्रदेश के सिर्फ 3 खिलाड़ियों को ही शामिल किया गया था, लेकिन इस बार 11 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। मुंबई इंडियंस और चेन्नई

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फाइनल खेल रही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम की कप्तानी की कमान एमपी के ही रजत पाटीदार के हाथ में है। दूसरी ओर पंजाब की टीम में शशांक सिंह हैं जो एमपी से हैं। इस आईपीएल में एमपी के सबसे महंगे खिलाड़ी रहे वेंकटेश अय्यर कोलकाता नाइट राइडर्स के उप कप्तान रहे।

हालांकि एमपी के लिए यहां तक का सफर इतना आसान नहीं रहा। आईपीएल में अपनी ताकत दिखाने के लिए एमपी ने अपने बुनियादी क्रिकेट सुविधाओं और ढर्रे में सुधार किया। सबसे पहले कोच में बदलाव किया गया, फिर स्टेट प्रीमियर लीग शुरू की गई। इसके साथ ही कई ऐसे कदम उठाए गए, जिससे एमपी में क्रिकेट की तस्वीर बदलने लगी।

आईपीएल में कैसे चमका एमपी, इस रिपोर्ट में जानिए… इस साल आईपीएल को सबसे ज्यादा प्लेयर्स देने वाले राज्यों में एमपी पांचवे स्थान पर है। कर्नाटक (16), मुंबई और दिल्ली (दोनों 14) और पंजाब (12) के बाद एमपी 11 खिलाड़ियों की बदौलत उत्तरप्रदेश के साथ पांचवे स्थान पर हैं।

अगर 10 साल पहले की स्थिति देखी जाए तो एमपी से सिर्फ 3 खिलाड़ी आईपीएल में शामिल हुए थे। इनमें भी नमन ओझा के अलावा कोई भी अपनी टीम का अहम खिलाड़ी नहीं था।

अब बताते हैं कैसे बदली एमपी में क्रिकेट की तस्वीर

मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की इस सफलता पर एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर इसके 6 कारण बताते हैं-

1. घरेलू क्रिकेट को मजबूत किया

खांडेकर ने बताया कि यह सफलता अचानक नहीं मिली है। पिछले 6 साल से घरेलू क्रिकेट को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। साल 2020–21 में चंद्रकांत पंडित को मुख्य कोच के तौर पर नियुक्त किया गया। इन्हीं की कप्तानी में एमपी 1999 में पहली बार रणजी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी।

उनके प्रशिक्षण में ही 2021-22 रणजी में 70 साल में पहली बार एमपी की टीम चैंपियन बनी। इसके बाद 2022-23 और 23-24 में सेमीफाइनल में पहुंची। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 2024-25 में फाइनल में पहुंची। चंद्रकांत पंडित कोलकाता नाइट राइडर्स के भी हेड कोच हैं।

2. मध्यप्रदेश प्रीमियर लीग शुरू की

साल 2024-25 में युवा प्रतिभाओं को मंच देने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश प्रीमियर लीग शुरू की। इसका घरेलू क्रिकेट में बहुत फायदा मिला। आईपीएल में सिलेक्ट होने वाले कुछ प्लेयर सीधे एमपीएल से निकले हैं। माधव तिवारी और अनिकेत वर्मा ने एमपीएल में शानदार परफॉरमेंस के दम पर आईपीएल में सिलेक्शन पाया है।

3. प्रशासनिक कसावट और पारदर्शी चयन प्रक्रिया

खांडेकर ने कहा कि हमने क्रिकेट के हित में कड़े फैसले लिए। जो चीजें बदलनी थी वो बदली गईं। प्रशासनिक कसावट की। इससे लेटलतीफी बंद हुई। चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया। हर खिलाड़ी को पता होना चाहिए कि उसका चयन सिर्फ प्रदर्शन के आधार पर किया गया है। प्रदर्शन खराब होने पर उसकी जगह दूसरा खिलाड़ी ले सकता है।

4. सतत प्रशिक्षण का प्लान

2011 में मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने 12-15 एज ग्रुप के लिए सतत प्रशिक्षण योजना शुरू की। यह कोचिंग होलकर स्टेडियम में स्थित अकादमी के अंतर्गत संचालित होती है, जिसका उद्देश्य उभरते क्रिकेटरों को निरंतर प्रशिक्षण प्रदान करना है। इस प्रोग्राम से आवेश खान, आशुतोष शर्मा और राहुल बाथम जैसे प्लेयर्स निकले हैं।

5. पुरुष ही नहीं महिला क्रिकेट पर भी बराबर फोकस

भारतीय क्रिकेट टीम में रजत, आवेश और वेंकटेश जैसे प्लेयर तो खेल ही रहे हैं, वहीं भारत की महिला क्रिकेट टीम और साथ ही साथ विमेंस प्रीमियर लीग में भी मध्यप्रदेश की लड़कियां खेल रही हैं।

6. पिछड़े और ट्राइबल क्षेत्रों से प्रतिभाओं की खोज

शहरों के साथ ही पिछड़े और आदिवासी क्षेत्रों पर भी फोकस किया गया है। रीवा, सिवनी, मंडला और छतरपुर से इंटरनेशनल प्लेयर निकल रहे हैं। अब इन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को और मजबूत करना है। आमतौर पर बड़े शहरों के मुकाबले पिछड़े इलाकों के बच्चों को सुविधाएं कम मिलती थीं, लेकिन अब उन्हें भी बराबर का मौका दे रहे हैं।

प्लेयर्स में भरोसा जागा है कि वो भी आईपीएल खेल सकते हैं

मध्यप्रदेश रणजी टीम के पूर्व कप्तान एमपीएल की भोपाल लेपर्ड टीम के मेंटॉर ब्रजेश तोमर कहते हैं कि ये आईपीएल 18 सालों में मध्यप्रदेश के लिए बेस्ट सीजन रहा है। 11 प्लेयर्स का एकसाथ एक सीजन में खेलना बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसके पीछे सालों की मेहनत है। आज जिन्हें हम खेलते देख रहे हैं, वे अमय खुरासिया की एकेडमी के कारण है। इसके बाद कोच चंद्रकांत पंडित ने भी शानदार काम किया।

एमपीसीए ने पिछड़े इलाकों में भी अपनी बुनियादी सुविधाएं ठीक की हैं। छोटी जगह से प्लेयर निकलता है तो पूरे क्षेत्र के प्लेयर्स में हौसला आ जाता है।

मध्यप्रदेश के ये 11 खिलाड़ी इस सीजन में आईपीएल में खेले



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