Wednesday, June 25, 2025

Katrina Kaif becomes global tourism ambassador of Maldives | कैटरीना कैफ बनीं मालदीव की ग्लोबल टूरिज्म एम्बेसडर: भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने की कोशिश, #BoycottMaldives ट्रेंड के बाद 40% तक कम हुए थे टूरिस्ट

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2 घंटे पहले

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बॉलीवुड एक्ट्रेस कैटरीना कैफ अब मालदीव की ग्लोबल टूरिज्म एम्बेसडर बन गई हैं। मंगलवार को सोशल मीडिया पर यह घोषणा की गई। विजिट मालदीव ने इस खबर को शेयर करते हुए कहा कि वे कैटरीना कैफ को अपने ग्लोबल ब्रांड एम्बेसडर के रूप में पाकर बेहद खुश हैं। गौरतलब है कि कैटरीना भारत में ब्रांड एंडोर्समेंट की दुनिया का बड़ा चेहरा हैं।

कैटरीना कैफ बनीं मालदीव की ग्लोबल टूरिज्म एम्बेसडर

कैटरीना ने इस मौके पर कहा, “मालदीव लग्जरी और नेचुरल ब्यूटी का शिखर है, ऐसी जगह जहां सादगी और शांति एक साथ मिलती है। ‘सनी साइड ऑफ लाइफ’ का फेस बनकर मुझे गर्व महसूस हो रहा है। इस कोलेबोरेशन के जरिए मैं दुनियाभर के लोगों को मालदीव की खासियत और बेहतरीन यात्रा अनुभव से परिचित कराने के लिए उत्साहित हूं।”

भारत-मालदीव रिश्तों में खटास के बीच आया यह कोलेबोरेशन यह कोलेबोरेशन ऐसे वक्त में हुआ है जब भारत और मालदीव के रिश्तों में पिछले साल जनवरी के बाद से कुछ कड़वाहट देखी गई थी। विजिट मालदीव ने हाल ही में समर सेल कैंपेन लॉन्च किया है ताकि दुनियाभर से ज्यादा से ज्यादा सैलानी मालदीव की खूबसूरती, समृद्ध समुद्री जीवन और लग्जरी अनुभवों को जान सकें। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने मालदीव की यात्रा पर जा सकते हैं।

मालदीव नेताओं की आपत्तिजनक टिप्पणियों ने बढ़ाया था विवाद गौरतलब है कि 2024 की शुरुआत में दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई थी। 7 जनवरी 2024 को भारत में हैश टैग BoycottMaldives ट्रेंड हुआ था। PM मोदी ने लक्षद्वीप दौरे का एक वीडियो शेयर किया था। इसमें खूबसूरती के लिहाज से लक्षद्वीप मालदीव को टक्कर देता नजर आया। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग कहने लगे थे कि लाखों रुपए खर्च कर मालदीव जाने से बेहतर है कि लक्षद्वीप जाएं।

इससे मालदीव के मंत्री और नेता नाराज नजर आए थे। उस समय मंत्री मरियम शिउना, डिप्टी मिनिस्टर्स अब्दुल्ला महजूम माजिद और माल्शा शरीफ ने प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। मंत्री मरियम शिउना ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में PM मोदी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। वहीं, नेता जाहिद रमीज लिखा था कि भारत सर्विस के मामले में हमारा मुकाबला नहीं कर सकता। मरियम यूथ एम्पावरमेंट, इन्फॉर्मेशन एंड आर्ट की डिप्टी मिनिस्टर थीं।

उनकी इस पोस्ट पर मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा था, “शिउना ने गलत शब्द कहे हैं। ये बात मालदीव की सुरक्षा और समृद्धि को खतरे में डाल सकती है। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार को ऐसी टिप्पणियों से दूरी बनानी चाहिए।”

सोशल मीडिया पर एक यूजर ने PM मोदी का लक्षद्वीप वाला वीडियो शेयर करते हुए लिखा था – बढ़िया कदम है! यह मालदीव की नई सरकार के लिए एक बड़ा झटका है, जो चीन की कठपुतली है। इस दौरे के बाद लक्षद्वीप में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

इसके जवाब में PPM के नेता जाहिद रमीज ने लिखा था- बेशक यह अच्छा कदम है, लेकिन भारत कभी हमारी बराबरी नहीं कर सकता है। मालदीव पर्यटकों को जो सर्विस देता है, वो भारत कैसे देगा। वो इतनी सफाई कैसे रख पाएंगे, जितनी हम रखते हैं। उनके कमरों में आने वाली बदबू टूरिस्टों के लिए सबसे बड़ी दिक्कत होगी।

बॉलीवुड स्टार्स ने किया था लक्षद्वीप को सपोर्ट मालदीव के नेताओं की आपत्तिजनक पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर भारतीयों और मालदीव के नागरिकों के बीच जंग छिड़ गई थी। भारत के लोगों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि देश में हैशटैग BoycottMaldives ट्रेंड करने लगा था। लोग मालदीव का जमकर विरोध किया था।

हैशटैग BoycottMaldives ट्रेंड करने लगा था।

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सितारों ने भी मालदीव के विरोध में सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर की थीं। अक्षय कुमार, जॉन अब्राहम, श्रद्धा कपूर ने लक्षद्वीप की तस्वीरें शेयर की और लिखा था कि यहां छुट्टियां मनाने जरूर आएं।

अक्षय कुमार ने लिखा था- हैरानी की बात यह है कि मालदीव के लोग उस देश की बुराई कर रहे हैं, जहां से सबसे ज्यादा टूरिस्ट मालदीव पहुंचते हैं।

7 जनवरी 2024 को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाली मालदीव की महिला मंत्री मरियम शिउना को कैबिनेट से सस्पेंड कर दिया था। शिउना के अलावा दो और डिप्टी मिनिस्टर्स माल्शा शरीफ और अब्दुल्ला महजूम माजिद को भी सस्पेंड किया गया था।

‘इंडिया टुडे’ से बातचीत में मालदीव सरकार के प्रवक्ता इब्राहिम खलील ने कहा था- भारत के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट्स के हवाले से जो कुछ चल रहा है, उसके बारे में हमारी सरकार अपना रुख साफ कर चुकी है। फॉरेन मिनिस्ट्री ने भी बयान जारी किया है। भारत के बारे में कमेंट्स करने वाले सभी सरकारी अफसरों को फौरन सस्पेंड किया जा रहा है।

फिर फरवरी 2024 में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइजू ने घोषणा की थी कि भारत 10 मई से पहले मालदीव से अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुला लेगा। मालदीव ने उनके देश में मौजूद भारतीय सेना को 10 मई 2024 से पहले देश छोड़ने को कहा था। तब 11 मार्च 2024 को 25 भारतीय सैनिकों के पहले समूह ने मालदीव छोड़ दिया था। फिर 9 अप्रैल 2024 को भारतीय सैनिकों को दूसरा समूह ने भी मालदीव छोड़ दिया था।

फरवरी 2024 में नई दिल्ली में हुए मालदीव और भारत के बीच समझौते में ये तय हुआ था कि सैन्य विमानों के संचालन की देखरेख के लिए मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों की जगह भारत की टेक्निकल स्टाफ टीम लेगी। इसके बाद 29 मई 2024 को 26 टेक्निकल स्टाफ का पहला बैच मालदीव पहुंच गया था।

भारत से मालदीव जाने वाले टूरिस्ट घटे 40% 2024 में मालदीव और भारत के बीच जारी गतिरोध का असर वहां के टूरिज्म पर पड़ा था। जनवरी 2024 से अप्रैल 2024 तक मालदीव पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में 40 फीसदी गिरावट आई थी।

मालदीव की मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म ने बताया था कि जनवरी 2024 से अप्रैल 2024 तक भारत से 43,991 टूरिस्ट आए। 2023 में इस दरम्यान यह संख्या 73,785 थी।

2023 में मालदीव जाने वाले पर्यटक।

पर्यटन मंत्री बोले थे- मालदीव हमेशा भारत से दोस्ती करना चाहता है 6 मई 2024 को मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहिम फैसल ने भारतीयों से उनके देश आने की अपील की थी। उन्होंने कहा था- हमारी इकोनॉमी टूरिज्म पर ही निर्भर है। इब्राहिम फैसल ने कहा था कि मालदीव हमेशा भारत से दोस्ती करना चाहता है। हमारी सरकार भारतीयों के स्वागत के लिए हमेशा तैयार है। मालदीव में सबसे ज्यादा टूरिस्ट भारत से आते थे। अब यह संख्या छठे स्थान पर पहुंच गई है।

राष्ट्रपति मुइज्जू के साथ मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहिम फैसल।

मालदीव दौरे पर पहुंचे थे एस. जयशंकर हालांकि, इन तनावों के बावजूद, भारत ने संबंधों को सुधारने के लिए कदम उठाए। अगस्त 2024 में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मालदीव दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान एस. जयशंकर ने राष्ट्रपति मुइज्जू से भेंट की थी। इस दौरान दोनों देशों के बीच क्षमता निर्माण, UPI सेवा शुरू करने और 6 हाई इम्पैक्ट कम्युनिटी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स पर समझौते हुए।

28 द्वीपों में जल-सीवर नेटवर्क, ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट व अद्दू में रिक्लेमेशन व शोर प्रोटेक्शन प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन हुआ। रक्षा, आर्थिक और सामाजिक सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। जयशंकर ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में हिस्सा लिया था।

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारत दौरे पर पहुंचे थे अक्टूबर 2024 में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारत दौरे पर पहुंचे। दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा था कि उनके देश की ‘मालदीव फर्स्ट’ की नीति से भारत के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मालदीव कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे भारत की सुरक्षा को नुकसान पहुंचे। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में मुइज्जू ने ये भी कहा था कि दूसरे देशों के साथ मालदीव के संबंधों का भारत के साथ रिश्ते पर असर नहीं पड़ेगा।

मुइज्जू ने कहा था कि मालदीव, भारत के साथ रणनीतिक संबंध बनाना जारी रखेगा क्योंकि भारत एक अहम साझेदार और दोस्त है। उन्होंने कहा था कि मालदीव क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।

मुइज्जू ने कहा था कि मालदीव और भारत के बीच रिश्ते हमेशा से मजबूत रहे हैं। उन्हें यकीन है कि यह यात्रा इसे और मजबूती देगी। राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा थी, हालांकि इससे पहले वे जून 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे।

मुइज्जू ने हैदराबाद हाउस में PM मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और मुइज्जू ने मालदीव में हनीमाधू इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे का वर्चुअल तरीके से उद्घाटन किया। इस दौरान मुइज्जू ने PM मोदी को मालदीव आने का निमंत्रण भी दिया था।

हैदराबाद हाउस में राष्ट्रपति मुइज्जू, PM मोदी से मिले।

अक्टूबर 2024 में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करने के लिए भारत का आभार जताया था। उन्होंने मालदीव के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत और चीन दोनों देशों ने मालदीव का कर्ज चुकाने में बहुत ज्यादा मदद की है।

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत का आभार जताया था।

भारत ने ‘नेबर्स फर्स्ट पॉलिसी’ के तहत मालदीव को 400 करोड़ रुपये की सहायता दी थी। मालदीव ने इसके लिए आभार जताया और उम्मीद जताई थी कि भारत कर्ज के भुगतान को और आसान बनाने में मदद करेगा।



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