Thursday, June 26, 2025

Israel Economic Crisis; Missile – Fighter Jet Fuels | Iran War Impact | इजराइल में युद्ध से आर्थिक संकट: रोजाना ₹6000 करोड़ खर्च हो रहे; GDP ग्रोथ रेट गिरकर 3.6% पर पहुंची​​ ​​​​​

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तेल अवीव2 मिनट पहले

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इजराइल के बीर्शेबा में सोरोका मेडिकल सेंटर पर शुक्रवार को ईरानी मिसाइल गिरने के बाद अफरातफरी मच गई।

ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष सिर्फ सैन्य नहीं, अब आर्थिक संकट में भी बदलता जा रहा है। पूर्व इजराइली रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (रि.) रेएम अमीनाच के मुताबिक, इजराइल का रोजाना युद्ध लड़ने में 725 मिलियन डॉलर (करीब ₹6,000 करोड़) खर्च हो रहा है।

इसमें केवल मिसाइल, जेट ईंधन, बमबारी और सैनिक तैनाती जैसे सीधे खर्च शामिल हैं। पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को हुए नुकसान और प्रोडक्टिविटी में गिरावट को भी जोड़ा जाए, तो असल खर्च इससे कहीं ज्यादा हो सकता है।

ईरान ने इजराइल के बीर्शेबा शहर पर शुक्रवार सुबह मिसाइल हमला किया। इससे कई गाड़ियों में आग लग गई।

पहले 2 दिन में ही ₹12,500 करोड़ रूपए खर्च हुए

13 जून को ईरान पर अटैक के बाद पहले दो दिन में इजराइल का खर्च 1.45 अरब डॉलर (करीब ₹12,500 करोड़ रूपए) तक पहुंच गया था। इसमें से 593 मिलियन डॉलर (करीब ₹5 हजार करोड़) बमबारी और जेट ईंधन और बाकी रक्षा संचालन में गए।

इजराइल का रक्षा बजट पहले ही गाजा युद्ध में काफी खर्च हो चुका है। वित्त मंत्रालय ने 2025 में GDP ग्रोथ रेट का अनुमान 4.3% से घटाकर 3.6% कर दिया है।

रक्षा बजट दोगुना होने से विकास स्वास्थ्य-शिक्षा पर असर

इजराइल का रक्षा बजट 2023 के 15 अरब डॉलर से बढ़कर 2025 में 31 अरब डॉलर हो गया है, जो जीडीपी का लगभग 7% ( दुनिया में यूक्रेन के बाद सबसे ज्यादा) है। इससे स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे अहम क्षेत्र पिछड़ सकते हैं।

इजराइल को अमेरिका का सहारा

इस युद्ध में अब तक ईरान 400 से अधिक मिसाइलें दाग चुका है, जबकि इजराइल ने 120 लॉन्चर तबाह करने का दावा किया है। इजराइल की मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी अब थकने लगे हैं। अमेरिका से नए डिफेंस सिस्टम मिलने की उम्मीद की जा रही है। साथ ही इजराइल अमेरिका से मिलने वाले फंड को बढ़ाने की भी मांग कर सकता है।

फायर पावर वेबसाइट के अनुसार अमेरिका हर साल इजराइल को आयरन डोम और एयरो डिफेंस सिस्टम के लिए 4500 करोड़ रुपए की मदद देता है।अमेरिका की ओर से इजराइल को हर साल सैन्य मदद के रूप में लगभग 30 हजार करोड़ रुपए अलग से दिए जाते हैं। इस मदद को ‘इजराइल फंड’ कहा जाता है।

वैश्विक स्तर पर असर

इस युद्ध के वैश्विक असर भी दिखने लगे हैं। कच्चे तेल के दाम 5% तक बढ़ गए हैं और ब्रेंट क्रूड 74.60 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है। वहीं, S&P 500 और एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट आई है। जलमार्गों पर खतरे से ऊर्जा आपूर्ति पर भी असर पड़ा है।

क्रूड ऑयल को ही रिफाइन करके पेट्रोल और डीजल बनते हैं। (फाइल फोटो)

ईरान-इजराइल संघर्ष में पिछले 7 दिन में क्या-क्या हुआ

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