वाशिंगटन डीसी25 मिनट पहले
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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को QUAD देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने पर जोर दिया।
क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि इस हमले के दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
क्वाडा में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। क्वाड की ओर से जारी बयान में कहा गया-
हम हर प्रकार के आतंकवाद और हिंसा का विरोध करते हैं, जिसमें सीमा पार से होने वाला आतंकवाद भी शामिल है।
यह बैठक अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में हुई, जिसमें भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, जापान के ताकेशी इवाया और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग शामिल हुए। बैठक के दौरान नेताओं ने आतंकवाद के अलावा महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों, वैश्विक तापमान में वृद्धि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक में ‘क्वाड क्रिटिकल मिनरल्स इनिशिएटिव’ भी शुरू किया गया। इसका मतलब है कि क्वाड देश मिलकर खनिजों की सप्लाई सुरक्षित और आसान बनाएंगे। इस पहल से ये देश जरूरी खनिजों की कमी से बचने और उनकी सप्लाई में दूसरों पर ज्यादा निर्भर न रहने के लिए साथ काम करेंगे।
क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक की 4 फोटोज…
क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने मंगलवार को वॉशिंगटन में मीटिंग की। फोटो- जापान के ताकेशी इवाया, भारत के एस. जयशंकर,अमेरिका के मार्को रुबियो, ऑस्ट्रेलिया की पेनी वॉन्ग (बांए से दांए)
जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ मीटिंग के बाद अलग से मुलाकात की।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर जापान के ताकेशी इवाया से हाथ मिलाते और फोटो खिंचवाते हुए।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर क्वाड देशों की मीटिंग को संबोधित करते हुए।
जयशंकर बोले- आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मीटिंग में कहा- भारत को अपने लोगों की सुरक्षा के लिए आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है। भारत इस अधिकार का इस्तेमाल करता रहेगा।
जयशंकर ने आतंकवाद के पीड़ित और आतंक फैलाने वालों को एक नजरिए से नहीं देखने की बात कही। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया।
इसके साथ ही विदेश मंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ दुनिया के एकजुट होने पर जोर दिया। उन्होंने पहलगाम हमले के जवाब में भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी जिक्र किया, जिसमें 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया था।
भारत-अमेरिका संबंधों पर चर्चा
जयशंकर ने मीटिंग के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ अलग से मुलाकात की। दोनों ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर बात की। क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी अपने विचार साझा किए गए।
मंत्रियों ने इंडो-पैसेफिक रीजन में शांति और स्थिरता पर जोर दिया। साथ ही ग्लोबल वार्मिंग, साइबर सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी बात हुई।
क्रिटिकल मिनरल्स इनिशिएटिव शुरू किया
क्वाड देशों ने मिलकर एक खास खनिज पहल शुरू की। इसका नाम ‘क्वाड क्रिटिकल मिनरल्स इनिशिएटिव’ है। इस पहल की शुरुआत मिनरल्स के क्षेत्र में चीन के दबदबे को कम करने के लिए हुई है।
विदेश मंत्रियों के बातचीत के बाद एक संयुक्त बयान में, देशों के विदेश मंत्रियों ने इनिशिएटिव शुरू करने की बात कही। जिसे विदेश मंत्रियों ने मिनरल्स को सुरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए अहम बताया।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने क्वाड देशों को महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार बताया और कहा कि अब कई खास मुद्दों पर कार्रवाई करने का समय आ गया है।
जयशंकर बोले- भारत अब न्यूक्लियर हथियारों की धमकी से डरने वाला नहीं
जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान से आने वाले आतंकवाद का भारत करारा जवाब देगा। उन्होंने कहा कि भारत अब न्यूक्लियर हथियारों की धमकी से डरने वाला नहीं हैं।
जयशंकर ने कहा- अब यह डर दिखाने का वक्त चला गया है कि दोनों देश परमाणु ताकतें हैं इसलिए भारत को संयम बरतना चाहिए। अगर पाकिस्तान हमला करेगा तो हम भी जवाब देंगे और सीधा उन पर जो हमला करते हैं। न आतंकियों को छूट मिलेगी, न उनके आका सुरक्षित रहेंगे।
10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ था
22 अप्रैल को पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए इंडियन एयरफोर्स ने 6-7 मई की आधी रात 1:05 बजे पाकिस्तान और PoK में एयर स्ट्राइक की। सिर्फ 25 मिनट चले ऑपरेशन में 7 शहरों में 9 आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए। इसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया।
भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक एक-दूसरे पर ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद 10 मई को सीजफायर हुआ था। ट्रम्प ने सबसे पहले अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी जानकारी दी थी। तब से वे 15 से ज्यादा बार भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष खत्म कराने का दावा कर चुके हैं।
हालांकि भारत लगातार यह कहता रहा है कि सीजफायर पर सहमति भारत-पाकिस्तान के सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच सीधी बातचीत के बाद हुई थी। हालांकि पाकिस्तान ने कई बार राष्ट्रपति ट्रम्प को सीजफायर का क्रेडिट दिया है।
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