वॉशिंगटन3 दिन पहले
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अमेरिकी संसद के निचले सदन में 34 के मुकाबले 366 वोट से इस फंडिग बिल को पास किया गया।
अमेरिकी संसद के दोनों सदनों से अस्थाई फंडिग बिल पारित हो गया है। इससे आखिरी वक्त में गवर्नमेंट शटडाउन टल गया। अगर यह शटडाउन लागू हो जाता तो सरकार के पास कर्मचारियों को सैलरी देने के पैसे नहीं बचते।
अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के निचले सदन हाउस ऑफ रेप्रेसेंटेटिव में जहां 34 के मुकाबले यह बिल 366 वोट से पारित हो गया। वहीं ऊपरी सदन सीनेट में यह 11 के मुकाबले 85 वोटों से पास हुआ। अब यह बिल राष्ट्रपति जो बाइडेन के सिग्नेचर के लिए शनिवार (अमेरिकी समयानुसार शुक्रवार) को ही व्हाइट हाउस भेजा जाएगा। जिसके बाद यह कानून बन जाएगा।
अगर यह बिल पास नहीं होता तो अमेरिका में सरकारी शटडाउन लग जाता। इससे 8.75 लाख कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया जाता, जबकि इमरजेंसी सेवा में लगे 14 लाख कर्मचारियों को बिना वेतन के काम करना पड़ता। पिछली बार 2018 में जब 35 दिनों तक शटडाउन रहा था तब 20 लाख से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए थे।
बिल पास करने के लिए रिपब्लिकन पार्टी के 170 सांसदों और डेमोक्रेटिक पार्टी के 196 सांसदों ने पक्ष में वोट दिया। जबकि 34 रिपब्लिकन सांसदों ने इस बिल के विपक्ष में वोट दिया।
सरकारी खर्च चलाने के लिए संसद में बिल पास होना जरूरी
अमेरिका में सरकार के कर्ज की एक सीमा तय होती है। वह देश चलाने के लिए उससे ज्यादा उधार नहीं ले सकती है। बीते सालों में सरकार को कैशलेस होने से बचाने के लिए ये सीमा कई बार बढ़ी है। इसके लिए अमेरिकी संसद में एक बिल लाया जाता है।
एक बार बिल खारिज होने के बाद इसे दोबारा पास कराने के लिए आज यानी शनिवार तक का आखिरी समय था। इसके बाद भी बिल पास नहीं होता तो अमेरिका में शटडाउन लग सकता था।
कर्ज सीमा को बढ़ाने को लेकर विवाद न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका का बजट घाटा बहुत ज्यादा है। इसका मतलब ये हुआ कि सरकार का खर्च उसकी कमाई से कहीं ज्यादा है। इसके चलते उसे अपने कामकाज के लिए कर्ज लेना पड़ता है।
हालांकि अमेरिकी सरकार जितना चाहे उतना कर्ज नहीं ले सकती। इसके लिए एक कर्ज लिमिट तय होती है। अमेरिकी सरकार अपने खर्च का भुगतान इसी सीमा के भीतर कर पाती है। अमेरिका में कर्ज लेने की प्रक्रिया 1939 में शुरू हुई थी। लेकिन तब से अब तक कर्ज लेने की सीमा को 103 बार बढ़ाया जा चुका है।
बिल में ट्रम्प की मांग को स्वीकार नहीं किया गया
ट्रम्प का विरोध कर्ज लेने को लेकर तय किए गए समय पर था। ट्रम्प का कहना था- अमेरिकी संसद को या तो कर्ज सीमा से छुटकारा पा लेना चाहिए या फिर इसे 2025 की जगह 2029 तक बढ़ा देना चाहिए। इसके बिना हम कोई भी समझौता नहीं करेंगे।
ट्रम्प ने कहा कि अगर शटडाउन होता है तो अभी हो जाए, 20 जनवरी के बाद नहीं। यह बाइडेन की समस्या है, लेकिन अगर रिपब्लिकन इसे ठीक करने में मदद कर सकते हैं तो करेंगे।
शटडाउन से अमेरिका पर क्या असर पड़ता ? अगर अमेरिका में सरकारी शटडाउन लग जाता तो सरकार के खर्च के लिए पैसा नहीं होता, यानी सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली सैलरी से लेकर सरकार तमाम दूसरे खर्च नहीं कर पाती। कई सरकारी कर्मचारियों को नए साल पर वेतन नहीं मिलेता। हालांकि इमरजेंसी सर्विसेज जैसे- मेडिकल सर्विस, सीमा सुरक्षा और हवाई सेवाएं जारी रहती।
शटडाउन होने पर अमेरिकी सरकार को अपने खर्चों में कटौती करनी पड़ती। यूएसए टुडे के मुताबिक इससे 20 लाख कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिलेती और गैर जरूरी कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया जाता। इस कारण देश में कई संस्थान तब तक बंद हो सकते थे।
अमेरिका में पिछले 50 साल में फंडिंग बिल अटकने की वजह से 20 बार शटडाउन हुआ है। ट्रम्प के पिछले कार्यकाल में ही 3 बार सरकार को शटडाउन का सामना करना पड़ा था। 2019 का शटडाउन सबसे ज्यादा 35 दिन तक जारी रहा था, जिसमें अमेरिकी इकोनॉमी को 25 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।
अमेरिकी मीडिया हाउस न्यूयॉर्क टाइम्स और CNN ने इस मामले पर मस्क की आलोचना की है। इसमें कहा गया है कि दुनिया के सबसे अमीर आदमी ने अमेरिकी सरकार की फंडिंग का बिल पारित होने से रोककर देश को बंधक बना दिया है।
वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने कहा कि भले ही अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प बने हैं लेकिन असली ताकत मस्क के हाथों में आ गई है। गौरतलब है कि इलॉन मस्क न कभी अमेरिकी सांसद रहे हैं और न ही अभी वे सरकार में अहम पद पर हैं। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रम्प ने उन्हें एक गैर संसदीय विभाग (DOGE) की जिम्मेदारी सौंपी है।
अमेरिका में शटडाउन के चर्चित मामले
- 2013 में अमेरिका के साथ 8,891 किमी लंबी कनाडा सीमा की देखभाल करने वाला सिर्फ 1 शख्स था। उस पर ही पूरे बॉर्डर इलाके के साफ-सफाई की जिम्मेदारी थी। बाकी सारे कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया था।
- अमेरिका के सवा लाख सैनिक (ज्यादातर पहले और दूसरे विश्वयुद्ध) दूसरे देशों में मारे गए हैं। ये दुनियाभर के 24 क्रबिस्तानों में दफन हैं। इनमें से 20 यूरोप में हैं। 2013 में शटडाउन होने पर ये सारे कब्रिस्तान बंद कर दिए गए थे।
- 2018 के शटडाउन में वेतन नहीं मिलने की वजह से कई कर्मचारी एयरपोर्ट पर काम करने नहीं जा रहे थे जिस वजह से कई उड़ानें रद्द कर दी गईं।
- 2018 के शटडाउन में FBI डायरेक्टर ने चेतावनी दी कि उनके पास पैसे खत्म हो चुके हैं जिस वजह से उनके काम में दिक्कतें आ रही हैं।
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