Thursday, June 26, 2025

‘राजनीतिक रैलियां हो सकती हैं लेकिन आर्मी की भर्ती रैली से कोविड का डर’… जंतर-मंतर में युवाओं ने किया प्रर्दशन

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नई दिल्ली: इंडियन आर्मी और एयरफोर्स में अपने भविष्य को लेकर चितिंत युवाओं ने दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया। देश भर से आए सैकड़ों युवा मंगलवार को जंतर मंतर जुटे और इंडियन आर्मी में भर्ती शुरू करने और लंबे वक्त से पेंडिंग एयरमैन का रिजल्ट जारी करने की मांग की। युवाओं ने सवाल किया कि जब कोविड के दौरान चुनाव हो सकते हैं, राजनीतिक रैलियां हो सकती हैं तो सिर्फ आर्मी की भर्ती रैली बंद करने का क्या मतलब है। उन्होंने कहा कि हम दिन रात आर्मी में भर्ती होने के लिए मेहनत कर रहे हैं लेकिन अगर जल्द भर्ती नहीं खुली तो हम ओवरऐज हो जाएंगे। कई युवा तो इंतजार में ओवरऐज हो गए।

जंतर मंतर पर प्रदर्शन
इससे पहले भी युवाओं ने कभी सोशल मीडिया के जरिए तो कभी चुनाव के दौरान राजनीतिक रैलियों में नारेबाजी कर सरकार का ध्यान अपनी तरफ खींचने की कोशिश की। अब संसद सत्र के दौरान जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर इन युवाओं को उम्मीद है कि सरकार इनकी तरफ ध्यान देगी और आर्मी में भर्ती शुरू करेगी। इंडियन एयरफोर्स ने पिछले साल जुलाई में एयरमैन के लिए परीक्षा आयोजित की थी। जिसका नतीजा तीन हफ्तों के भीतर आना था। अभी तक इसका रिजल्ट जारी नहीं किया गया है। रिजल्ट जारी क्यों नहीं किया गया इसे लेकर एयरफोर्स की तरफ से कोई साफ जवाब नहीं दिया गया है।

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रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने दिया था राज्यसभा में बयान
हरियाणा से आए कुछ युवाओं ने कहा कि सरकार कोविड के दौरान राजनीतिक रैलियां तो आयोजित कर सकती है लेकिन सिर्फ आर्मी की भर्ती नहीं कर सकती। दो हफ्ते पहले ही रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में लिखित जवाब दिया कि कोविड की वजह से सभी रिक्रूटमेंट रैली सस्पेंड की गई है। उन्होंने बताया कि 2020-21 में 97 रिक्रूटमेंट रैली की योजना थी जिसमें 47 रैली हो पाई। इनमें से भी सिर्फ चार रैली के कॉमन एंट्रेस एग्जाम किए गए, इसके बाद रिक्रूटमेंट एक्टिविटी रोक दी गई। साल 2021-22 में 87 रिक्रूटमेंट रैली की योजना थी जिनमें से चार रैली ही की जा सकी लेकिन इनमें से किसी का भी कॉमन एंट्रेस एग्जाम नहीं किया गया।

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आर्मी के कामों में दिखने लगा असर
इंडियन आर्मी के एक अधिकारी के मुताबिक भर्ती ना होने का असर अब आर्मी के कामों में भी दिखने लगा है। जिन इलाकों में तनाव रहता है वहां हर वक्त चौकसी की जरूर रहती है ऐसे में एक भी सैनिक कम होने का असर दूसरे सैनिकों पर पड़ता है। सैनिकों को छुट्टी मिलने में देरी हो रही है। हर साल एवरेज 50-60 हजार सैनिक सेना से रिटायर्ड हो जाते हैं ऐसे में नई भर्ती न होने का असर आर्मी के कामकाज पर दिखेगा ही। एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि रिक्रूटमेंट रैली के बाद किसी युवक को सैनिक बनने में करीब डेढ़ साल का वक्त लगता है। अगर आज भी आर्मी के लिए रिक्रूटमेंट रैली हुई तो भी सारी प्रकिया और उनकी ट्रेनिंग के बाद डेढ़ साल बाद आर्मी को वह ट्रेंड सैनिक के तौर पर मिल पाएंगे।

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