सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इससे अकेडमिक शिड्यूल प्रभावित होगा और याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें संदेश नहीं है कि कोविड के कारण कठिन समय से गुजरना पड़ा है लेकिन कटऑफ अगर बढ़ाया गया तो शिड्यूल प्रभावित होगा। गौरतलब है कि पहले डेडलाइन 31 मई तक थी जिसे सरकार ने बढ़ाकर 31 जुलाई कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी को नीट पीजी कैंडिडेट को इस बात की इजाजत दे दी थी कि वह इंटर्नशिप की डेडलाइन 31 मई 2022 को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के सामने रिप्रजेंटेशन दे सकें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में ज्यूडिशियल दखल के लिए वह इच्छित नहीं है क्योंकि यह एक नीतिगत फैसला है। लेकिन साथ ही कोर्ट ने कहा था कि वह याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार के संबंधित अथॉरिटी के सामने रिप्रजेंटेशन देने की इजाजत दी जाती है।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो भी रिप्रजेंटेशन होगा उस पर संबंधित अथॉरिटी जल्द से जल्द हफ्ते भर में फैसला ले। याचिका में दलील दी गई थी कि कई कैंडिडेट्स ने कोविड के सामने ड्यूटी जॉइन की थी और इस कारण समय पर वह इंटर्नशिप शुरू नहीं कर पाए। कई राज्यों में इंटर्नशिप का शिड्यूल भी अलग-अलग है।