Thursday, June 26, 2025

वर्षों तक सहती रही दुर्व्यवहार हथिनी कल्पना

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वाइल्डलाइफ एसओएस के साथ अपनी आजादी के पांच साल पूरे किए


लेखक – राजेश तोमर (पत्रकार)
आगरा- कल्पना एक मादा हथिनी है जिसने अपने भयानक अतीत पर विजय प्राप्त की जिसके परिणामस्वरूप आज कल्पना ने वाइल्डलाइफ एसओएस के साथ अपनी स्वतंत्रता के पांच साल पूरे कर लिए है। पूर्व में उत्तर प्रदेश की सड़कों पर भीख मांगने वाली हथिनी के रूप में शोषण और दुर्व्यवहार की शिकार कल्पना को 2019 में वाइल्डलाइफ एसओएस ने बचाया था जिसे लंबे समय तक देखभाल और उपचार के लिए मथुरा स्थित हाथी अस्पताल परिसर में लाया गया था। अपने रेस्क्यू के दौरान, कल्पना की हालत बेहद ही गंभीर थी उसके शरीर पर दर्दनाक अतीत के शारीरिक व भावनात्मक घाव थे। वाइल्डलाइफ एसओएस के एलिफेंट हॉस्पिटल कैंपस में पशु चिकित्सकों की समर्पित टीम ने दिन रात कल्पना के घाव भरने की कोशिश की जो निर्जलीकरण और कुपोषण का संकेत दे रहे थे। वह जब अस्पताल परिसर आई थी तब मिटटी खा रही थी, जो कि पेट में कीड़े से संक्रमित आंत की खराबी का संकेत दे रहे थे। इसके अतिरिक्त भीख मांगते समय उसकी पीठ पर 400 किलो से भी अधिक वजनी लोहे का भारी सामान बंधा होने के कारण उसकी चाल भी गंभीर रूप से प्रभावित थी। आगे की परीक्षाएं कल्पना के लिए और भी अधिक चुनोतिपूर्ण थी, जिनमें उसको दाहिनी आँख से दिखता नहीं था, टखने की हड्डी का बाहर आ जाना,और अगले पैर के नाखूनों में फोड़े-फुन्सियों का बढ़ना शामिल था,जो चिकित्सा की तत्काल आवश्यकता को उजागर करता है। वाइल्डलाइफ एसओएस पशु चिकित्सकों की देखभाल के तहत,उसकी पीड़ा को कम करने और उसके ठीक होने में मदद के लिए लेजर थेरेपी और फुटबाथ सहित व्यापक उपचार किया गया।

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “कल्पना की यात्रा जीवित रहने की अदम्य भावना का प्रतीक है। उनका दृढ़ संकल्प हम सभी को संकट में फंसे वन्यजीवों को बचाने और पुनर्वास में अपने प्रयास जारी रखने के लिए प्रेरित करता है। कल्पना अब अपना दिन अपने पसंदीदा शकरकंद और तरबूज़ खाकर बिताती हैं। उसे अस्पताल परिसर में एक नेत्रहीन हथिनी, हौली के रूप में आजीवन साथी भी मिला है। कल्पना की मानसिक भलाई में मदद करने में हौली की बहुत बड़ी भूमिका रही है। दोनों अपनी दैनिक सैर के दौरान और पूल में अपने हाइड्रोथेरेपी सत्र के दौरान भी साथ ही रहती हैं।

वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा, सामाजिक प्राणी होने के नाते हाथी अपने साथियों के साथ सबसे अच्छे से पनपते हैं। जब कल्पना और हौली का एक-दूसरे से परिचय हुआ तो वे तुरंत एक दूसरे के साथ घुल-मिल गईं। इन वर्षों में, कल्पना ने एक रक्षक की भूमिका निभाई है और हौली की दिनचर्या को पूर्ण करने में उसका मार्गदर्शन भी किया है।

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