वाराणसी में शराब कारोबारी चाचा-चाची समेत 2 भाई और बहन के हत्यारोपी विशाल उर्फ विक्की ने पुलिस को खूब चकमा दिया। वारदात की पूरी प्लानिंग करने के साथ उसने पुलिस से बचने के हथकंडे भी अपनाए। वारदात से पहले उसने तीन बार रिहर्सल की और इसके साथ ही सड़क-चौराह
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चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरों में पुलिस को गुमराह करने के लिए कई रूप भी बदले। उसने हर वारदात के बाद खुद को नया गेटअप दिया। हर लोकेशन पर कैमरों से बचता भी नजर आया। चेहरा छिपाने के लिए गमछे भी बदले तो हुडी भी पहन लिया।
पुलिस की सर्विलांस टीम हुलिया के आधार पर तलाशती रही और वह दूसरे लुक में घूमता रहा। जब उस लुक को ट्रैस किया तो विक्की का तीसरा लुक सामने आया। वह पिट्ठू बैग लेकर निकला था जिसमें कुछ कपड़े, लैपटॉप और 500-200 के नोटों की तीन-चार गडि्डयां थीं।
स्टेशन और बस स्टैंडों पर उसने फरारी काटी। ट्रेन में कभी भिखारी तो कभी पुजारी बनकर सफर भी किया। यूपी के कई जिलों समेत पांच प्रदेशों के चक्कर लगवाए। क्राइम ब्रांच की एक टीम लगभग दो महीने तक तमिलनाडु और कर्नाटक के चक्कर ही काटती रही।
5 लाख नंबर सर्विलांस पर, 1047 CCTV की फुटेज खंगाली भेलूपुर में 5 नवंबर 2024 को भदैनी में कारोबारी राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू गुप्ता (42), बेटे नवनेंद्र (25), सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (16) की लाश मिली। सभी की गोली मारकर हत्या की गई थी। वहीं राजेंद्र गुप्ता का शव उसके निर्माणाधीन मकान रोहनिया के मीरापुर रामपुर गांव में मिली। राजेंद्र गुप्ता की न्यूड लाश मिली, उन्हें 3 गोलियां मारी गई थीं।
हत्यारोपी की तलाश के लिए पुलिस की 10 टीमें लगी थी। तीन महीने में जिले की क्राइम ब्रांच ने ताबड़तोड़ छापेमारी और ठिकाने खंगाले। सर्विलांस पर 5 लाख नंबरों को लगाया गया जिनकी लोकेशन उन दिनों में वाराणसी के भेलूपुर इलाके में थी। वाराणसी से दिल्ली, तमिलनाडु, कोलकाता जाने वाले नंबर भी रडार पर रहे।
पुलिस की टीमों ने त्रिनेत्र समेत निजी प्रतिष्ठानों पर लगे 1047 कैमरों में फुटेज खंगाली, सिपाहियों से लेकर दरोगाओं तक ने 310 घंटे की सीसीटीवी फुटेज देखी। इसमें जो संदिग्ध मिले उन्हें मार्क किया जिनका फुटेज विक्की से मिलता जुलता नजर आया। जब विशाल गुप्ता उर्फ विक्की पकड़ा गया तो कई राज से पर्दा उठा, उसने खुद सीसीटीवी फुटेज में अपने बदले हुए हुलिया की पहचान बताई। इसके साथ ही पुलिस को वारदात की पूरी कहानी भी सुनाई।
सबसे पहले रोहनिया से भदैनी तक रेकी की विशाल गुप्ता उर्फ विक्की ने हत्याकांड के पहले कई मंदिरों में माथा टेका,आगे होने वाली वारदात के लिए भगवान से माफी मांगी। तीर्थस्थलों में पूजा-पाठ करने के लिए केदारनाथ, बद्रीनाथ और जम्मू गया। दर्शन-पूजन के बाद विशाल दीपावली को पहले घर भी आया था। उसने भदैनी के घर में वारदात के लिए प्लान ए और बी बनाए।
इसके साथ ही रोहनिया गया और फिर भदैनी तक आने का रिहर्सल किया। विशाल ने केवल एक बार ही नहीं बल्कि दो-तीन बार रोहनियां से घर तक आवागमन किया। हालांकि वारदात के बाद वह कैसे स्टेशन और बस स्टैंड जाएगा, इस पर भी काम किया और जरनल ट्रेन का टिकट लिया।
विक्की ने किया परदादी की हत्या का भी खुलासा विक्की ने पुलिस को बताया कि उसके मां-पिता और दादा की ही नहीं, 108 साल की परदादी को भी राजेंद्र ने मारा था। उनकी मौत स्वाभाविक नहीं थी बल्कि हत्या थी, जिसे चाचा ने छिपा लिया था। उसने बताया कि परदादी की आंख की दवा चचेरी बहन गौरांगी ने गिरा दी थी। परदादी ने उसे डांटा था। तब राजेंद्र गुप्ता को इतना बुरा लगा कि पूजा के दौरान परदादी को लकड़ी के पीढ़े से पीटा। लकड़ी का पीढ़ा टूट गया तो नुकीला हिस्स पीठ में दे मारा। अस्पताल में परदादी की मौत हुई थी।
हत्याकांड में शामिल दोनों भाइयों को मिलेगी करोड़ों की संपत्ति राजेंद्र गुप्ता की हत्या में शामिल विशाल और प्रशांत ही अब उसकी हत्या के इकलौते वारिस होंगे। हत्याकांड में आरोपी होने के बावजूद कानूनन उन्हें ही अधिकार मिलेगा। बताया गया कि कई मकान और दुकानों का मालिक राजेंद्र करोड़ों की अचल संपत्ति रखता था। उसने भाई की संपत्ति भी अपने नाम करा रखी थी और कुल मिलाकर हर महीने 10 लाख रुपये से ज्यादा किराया वसूलता था।
बेटे की मौत के बाद शारदा देवी ने कहा था कि अब उनके खानदान में उनके दो पौत्र विशाल और जुगनू बचे हैं। उनके दोनों पौत्र ही उनके परिवार की चल-अचल संपत्ति के हिस्सेदार होंगे। दोनों पोते समझदार हैं और उन्हें ही विरासत करेंगी। हालांकि राजेंद्र के परिवार में किसी के नहीं होने से कानूनन भी दोनों को संपत्ति मिलेगी।
शनिवार को रौद्र रूप में रहता था राजेंद्र, भतीजों को पीटता था विक्की गुप्ता ने बताया कि मां मंजू देवी, पिता कृष्णा लाल और दादा लक्ष्मी नारायण गुप्ता की हत्या के बाद राजेंद्र और उनका परिवार प्रताड़ित करता था। विशाल, प्रशांत और उसकी बहन से नौकरों जैसा व्यवहार किया जाता था। हर शनिवार को राजेंद्र सभी को जरूर मारता-पीटता था।
शनिवार को राजेंद्र जब पीटता था तो कहता था कि उसके सिर पर शनि सवार हो गये हैं। लोहे के राड से उसे और उसके भाई को पीटता था। पिटाई के दौरान नीतू और राजेंद्र के बच्चे कुछ नहीं बोलते थे। राजेंद्र पर करंट लगाकर भी प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। साथ ही बताया कि बड़ी मां नीतू अपने बच्चों के साथ रहने नहीं देती थी। राजेंद्र अपने बड़े बेटे नमनेंद्र को उकसाता था, इसीलिए वह भी अक्सर मारपीट करता था।