खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन ने शहर की विभिन्न दुकानों से नमकीन के नमूने लिए थे। यह सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजे गए थे। जहां खाद्य विश्लेषक द्वारा जांच करने के बाद 13 में से 12 सैंपल फेल कर दिए
मथुरा के बाजारों में बिकने वाली नमकीन सेहत के लिए खतरनाक है। यह खुलासा हुआ है 5 महीने पहले खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा लिए गए सैंपल की जांच रिपोर्ट आने के बाद। खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन ने शहर की विभिन्न दुकानों से नमकीन के नमूने लिए थे। यह सैंपल
.
मथुरा शहर में चलाया था अभियान
खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन ने सितंबर महीने में मथुरा शहर के विभिन्न इलाकों में जाकर अभियान चलाया था। इस दौरान दुकानों से नमकीन के सैंपल लिए थे। 13 दुकानों से लिए गए सैंपल में से केवल एक सैंपल पास हुआ जबकि 12 नमूने फेल हो गए। जिसके बाद नमकीन का कारोबार करने वालों में हड़कंप मच गया।
13 दुकानों से लिए गए सैंपल में से केवल एक सैंपल पास हुआ जबकि 12 नमूने फेल हो गए।
नमकीन में किया जा रहा था टाट्राजीन रंग का प्रयोग
खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन द्वारा लिए गए नमकीन के सैंपल जांच के लिए लखनऊ खाद्य विश्लेषक के पास भेजे। जिसमें जांच के बाद अग्रवाल एजेन्सीज ट्रांसपोर्ट नगर, गोयल नमकीन भंडार सराय आजमाबाद, श्री बालाजी नमकीन उद्योग पलवल तथा गोपाल नमकीन सदर बाजार के यहाँ से लिए गए नमकीन के नमूनों में बैन किया हुआ टाट्राजीन रंग पाया गया । जिसके लिये सम्बन्धित खाद्य कारोबारकर्ताओं को नोटिस दिया गया था। जिसके जवाब में खाद्य कारोबारकर्ताओं ने नमकीन में निषिद्ध रंग प्रयुक्त करने के आरोप को इनकार करते हुए कथित नमूनों के पुनः जांच हेतु अपील प्रस्तुत की है। इसके साथ ही 2 नमूने मिथ्या छाप एवं 1 नमूना मानकों के अनुरूप पाया गया।
खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन द्वारा लिए गए नमकीन के सैंपल जांच के लिए लखनऊ खाद्य विश्लेषक के पास भेजे
कोलकाता लैब से कराई जाएगी जांच
नमकीन कारोबारियों द्वारा लखनऊ में खाद्य विश्लेषक द्वारा की गयी जांच को स्वीकार किया। जिसके बाद उन्होंने विभाग द्वारा दिए गए नोटिस का जबाब देते हुए पुनः जांच कराने के लिए कहा था। जिसके बाद नमूने पुनः जांच हेतु रेफरल प्रयोगशाला कोलकाता के लिए भेजे जायेंगे। रेफरल लैब कोलकाता से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद विभाग अग्रिम विधिक कार्यवाही करेगा।