अमेरिका में राहुल गांधी द्वारा दिए गए सिखों पर बयान के मामले में जिला जज की अदालत में दी गई निगरानी अर्जी को वाराणसी जिला जज संजीव पांडेय ने स्वीकार कर लिया है। जिला जज ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 25 फरवरी को तय की है। वहीं इस मामले में उत्त
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बता दें की इसके पहले निचली अदालत ने प्रधान नागेश्वर सिंह की अर्जी नवंबर 2024 में खारिज कर दी थी।
अमेरिका में बयान के बाद दर्ज की थी याचिका प्रधान नागेश्वर मिश्रा ने बताया- राहुल गांधी में पिछले साल अमेरिका में एक आयोजन में दी गई स्पीच में सिखों को लेकर बयान दिया था। जो सही नहीं है। ऐसे में हमने उनपर मुकदमे के लिए वाराणसी की निचली अदालत में एक याचिका दायर की थी। इस याचिका को कोर्ट ने 24 नवंबर 2024 को खारिज कर दिया था। इसपर हमने अपने अधिवक्ता की सहायता से एक निगरानी अर्जी जिला जज की अदालत में डाली थी।
स्वीकार की निगरानी अर्जी, भेजी नोटिस इसपर जिला जज ने अर्जी को पढ़ने और स्टडी के बाद उसे स्वीकार कर लिया है। इसमें विपक्षी यूपी सरकार और राहुल गांधी को नोटिस भी जारी की गई है। इस मामले की सुनवाई 25 फरवरी को होगी।
आरोप – कही थी गृहयुद्ध भड़काने वाली बात सारनाथ थानाक्षेत्र के तिलमापुर गांव के पूर्व प्रधान नागेश्वर मिश्रा ने अपनी निगरानी अर्जी में कहा है- ‘निचली अदालत सरसरी तरीके से हमारी अर्जी खारिज कर दी है। विधि के अनुसार आदेश नहीं दिया गया। इस मामले में दस्तावेजी साक्ष्य हैं। पिछले वर्ष अमेरिका के दौरे पर गए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा था कि भारत में सिखों के बीच असुरक्षा का माहौल है।
उन्हें पगड़ी और कड़ा पहनने का अधिकार नहीं है और न गुरुद्वारों में जाने की अनुमति है। राहुल गांधी के इस बयान का खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने समर्थन किया है। उनके बयान से ऐसा लगता है कि भारत में गृहयुद्ध भड़काने की उनकी साजिश है।