Thursday, June 26, 2025

South Korea President Yoon Suk-yeol Impeachment | PPP Party | साउथ कोरिया में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव फेल: विपक्ष जरूरी 200 वोट नहीं जुटा पाया, संसद स्पीकर ने रिजल्ट को अफसोसजनक बताया

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सियोल2 दिन पहले

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साउथ कोरिया की संसद में राष्ट्रपति को हटाने के लिए 200 वोट की जरूरत थी पर विपक्ष सिर्फ 195 वोट जुटा पाया।

साउथ कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक-योल को हटाने के लिए लाया गया महाभियोग प्रस्ताव फेल हो गया। इसे पास होने के लिए 200 वोटों की जरूरत थी, लेकिन विपक्ष के पास सिर्फ 192 सांसद ही थे। इसके अलावा सत्तारूढ़ दल के तीन सांसदों ने इसके पक्ष में वोट किया।

इसके बाद वोटों को गिने बिना ही प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया। महाभियोग पर वोटिंग से पहले सत्ताधारी पार्टी के 108 सांसदों में से 107 ने सदन से वॉकआउट कर दिया था। हालांकि बाद में इनमें से 3 सांसद वापस आ गए थे।

साउथ कोरियाई संसद के स्पीकर वू वोन शिक ने इस रिजल्ट को बहुत को अफसोसजनक और लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बताया।

राष्ट्रपति यून ने 3 दिसंबर को विपक्षी पार्टी पर नॉर्थ कोरिया से सांठगांठ करने और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर देश में मार्शल लॉ लागू कर दिया था। जिसके बाद विपक्ष उनके खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लाया था।

बुधवार को नया संसदीय सत्र शुरू होने के बाद विपक्षी दल फिर से महाभियोग प्रस्ताव पेश कर सकते हैं।

राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ के लिए सिर झुकाकर माफी मांगी

वहीं राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मार्शल लॉ लगाने के लिए देश से माफी मांगी है। उन्होंने लाइव टीवी पर सिर झुकाकर जनता के सामने मार्शल लॉ लगाए जाने को गलत कहा। हालांकि उन्होंने इस्तीफे की घोषणा नहीं की। अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा-

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मैंने राजनीतिक या कानूनी वजहों से मार्शल लॉ लगाने का फैसला नहीं लिया बल्कि यह फैसला हताशा में लिया गया था।

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राष्ट्रपति की पत्नी से जुड़े मामले पर भी वोटिंग साउथ कोरिया की सदन में राष्ट्रपति पर महाभियोग के अलावा उनकी पत्नी के भ्रष्टाचार से जुड़े मामले पर भी वोटिंग जारी है। दरअसल साउथ कोरिया की फर्स्ट लेडी पर आरोप है कि उन्होंने 13 साल पहले कोरियन शेयर मार्केट में स्‍टॉक की कीमतों में हेरफेर कराई थी। अब विपक्ष इस मामले में जांच के लिए अलग प्रोसिक्यूटर की नियुक्ति चाहता है जिसके लिए वोटिंग हो रही है।

साउथ कोरिया संसद में महाभियोग से जुड़ी फुटेज…

राष्ट्रपति को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव पर वोटिंग।

संसद में विपक्षी पार्टी के नेता राष्ट्रपति को पद से हटाने की मांग करते हुए।

संसद के बाहर हजारों नागरिक राष्ट्रपति से पद छोड़ने की मांग कर रहे हैं… VIDEO

राष्ट्रपति के पद छोड़ने पर 60 दिन में चुनाव कराना जरूरी

अगर यून मई 2027 में अपने पांच साल का कार्यकाल खत्म होने से पहले पद छोड़ते हैं, तो संविधान के मुताबिक, 60 दिनों के भीतर राष्ट्रपति चुनाव कराना जरूरी होगा।

संसद में महाभियोग प्रस्ताव पास होने पर यून के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चलाया जाएगा। जहां 9 में से 6 के जजों के वोट से प्रस्ताव साबित हो जाएगा। फिलहाल साउथ कोरिया की कोर्ट में सिर्फ 6 जज हैं, इस वजह से यह साफ नहीं है कि 7 जजों के बिना ये मुकदमा चलेगा या नहीं।

राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगाया, विरोध के बाद 6 घंटे में हटाया

साउथ कोरिया में राजनीतिक संकट तब शुरू हुआ जब राष्ट्रपति ने 3 दिसंबर को मार्शल लॉ लगाने की घोषणा की। इसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन होने लगे थे और अराजकता की स्थिति पैदा हो गई।

इसी बीच देश की नेशनल असेंबली में मौजूद 190 सांसदों ने सर्वसम्मति से इस फैसले पलट दिया, जिसके बाद राष्ट्रपति मार्शल लॉ को हटाने का वादा किया था। 6 घंटे बाद (रात 1 बजे) ही दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ हटा दिया गया।

मार्शल लॉ के आदेश को हटाने के कुछ घंटों बाद ही दक्षिण कोरिया में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति यून सुक योल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। साउथ कोरिया के 6 विपक्षी पार्टियों ने मिलकर बुधवार को राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है।

राष्ट्रपति योल को मार्शल लॉ लगाने की जरूरत क्यों पड़ी?

दक्षिण कोरिया की संसद में कुल 300 सीटें हैं। इस साल की शुरुआत में हुए चुनाव में जनता ने विपक्षी पार्टी DPK को भारी जनादेश दिया था। सत्ताधारी पीपल पावर को सिर्फ 108 सीटें मिलीं, जबकि विपक्षी पार्टी DPK को 170 सीटें मिलीं। बहुमत में होने की वजह से विपक्षी DPK, राष्ट्रपति सरकार के कामकाज में ज्यादा दखल दे रही थी, और वे अपने एजेंडे के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे थे।

राष्ट्रपति योल ने 2022 में मामूली अंतर से चुनाव जीता था। इसके बाद से उनकी लोकप्रियता घटती चली गई। उनकी पत्नी के कई विवादों में फंसने की वजह से भी उनकी इमेज पर असर पड़ा। फिलहाल राष्ट्रपति की लोकप्रियता 17% के करीब है, जो कि देश के तमाम राष्ट्रपतियों में सबसे कम है। इन सबसे निपटने के लिए राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगा दिया।

पत्नी की वजह से राष्ट्रपति की छवि को नुकसान हुआ

साउथ कोरिया में पिछले साल डॉग स्लॉटर हाउस बंद करने और डॉग मीट पर बैन लगाया गया था। इसके पीछे फर्स्ट लेडी के कैम्पेन को ही जिम्मेदार माना गया। खुद प्रेसिडेंट ने भी इस मीट बैन को खुला समर्थन दिया था। (फाइल)

पत्‍नी और फर्स्ट लेडी किम कियोन के एक लग्जरी ब्रैंड का बैग गिफ्ट लेने की वजह से राष्ट्रपति की साख में बट्टा लग गया। दरअसल इस साल की शुरुआत में एक यूट्यूबर ने वीडियो लीक कर दिया जिसमें राष्ट्रपति की पत्नी को एक पादरी से महंगा गिफ्ट लेते हुए दिख रही थीं। इस वीडियो को स्पाई कैमरा से फिल्माया गया था।

यह बैग क्रिस्टियन डायर कंपनी का था, जिसकी कीमत 2 लाख भारतीय रुपए बताई जाती है। इतना महंगा गिफ्ट लेने पर देश में उनकी आलोचना होने लगी। साउथ कोरिया में किसी भी सार्वजनिक पद पर बैठे शख्स (परिवार भी शामिल) के लिए 1 मिलियन कोरियन वॉन (60 हजार रुपए) से ज्यादा का गिफ्ट लेना गैरकानूनी है।

इसके बाद राष्ट्रपति यून को राष्ट्रीय टेलीविजन पर माफी मांगनी पड़ी। हालांकि उन्होंने इसकी जांच कराने से मना कर दिया।

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साउथ कोरिया से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

​​​साउथ कोरिया में राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगाया:सेना संसद घेरने पहुंची, लेकिन तब तक सांसद वोटिंग कर चुके थे; 6 घंटे में वापस लेना पड़ा

साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने देश में मार्शल लॉ लगाने का आदेश वापस ले लिया है। राष्ट्रपति ने 3 दिसंबर की शाम 7 बजे (भारतीय समय के मुताबिक) मार्शल लॉ लगाने की घोषणा की थी, जिसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन होने लगे थे और अराजकता की स्थिति पैदा हो गई थी। यहां पढ़ें पूरी खबर…

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