Giriraj Singh and Mamata Banerjee Statement: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक तरफ पहलगाम आतंकी हमले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। तो वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज उनके मुर्शिदाबाद पहुंचने पर तंज कसा और कहा कि ममता बनर्जी घड़ियाली आंसू बहाने पहुंची है।
मुर्शिदाबाद पहुंची ममता बनर्जी ने इस दौरान कहा- यह समय सांप्रदायिक राजनीति करने का नहीं, बल्कि सीमा और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने का है। ममता ने भावुक अपील करते हुए कहा- ‘कृपया भारत का ध्यान रखें। हम भारत से प्यार करते हैं। भारत को आपदा से बचाएं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उन्हें न्याय मिलना चाहिए।’
ममता बनर्जी ने उठाए सवाल, मंत्री गिरिराज का पलटवार
यह बयान ऐसे टाइम पर आया है जब पूरे देश में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर आक्रोश है, जिसमें कई निर्दोष नागरिकों की जान गई। ममता बनर्जी का बयान केंद्र सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर अप्रत्यक्ष सवाल भी खड़े करता है। है तो वहीं, केंद्रीय मंत्री और सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि, ममता बनर्जी वोट की राजनीति करती हैं।
27 दिन बाद घड़ियाली आंसू बहाने पहुंची है ममता- गिरिराज सिंह
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा- ममता बनर्जी वोट की राजनीति करती हैं, लाशों पर, धर्म पर वोट की राजनीति करती हैं। आज हिन्दुओं के घरों पर निशान बनाकर मुर्शिदाबाद में हत्या की गयी, नरसंहार हुआ, उनके संरक्षण में हुआ, उनके राज्य में हिन्दू सुरक्षित नहीं है। 27 दिन बाद औपचारिकता पूरी करने और घड़ियाली आंसू बहाने ममता बनर्जी मुर्शिदाबाद पहुंची हैं।
मुर्शिदाबाद जिला बांग्लादेश की सीमा से सटा है। जिले में मुस्लिमों की आबादी करीब 70 प्रतिशत है। यह पश्चिम बंगाल का सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला जिला है। मुर्शिदाबाद में पहले भी हिंसा होती रही है। दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। तब भी मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़क गई थी। 14 दिसंबर 2019 को प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशनों और बसों को निशाना बनाया। लालगोला और कृष्णापुर स्टेशन पर 5 ट्रेनों में आग लगा दी गई थी और सूती में पटरियां तोड़ दी गई थीं।
2024 में राम नवमी के दौरान मुर्शिदाबाद के शक्तिपुर इलाके में हिंसा भड़की थी। इस दौरान 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाया कि जुलूस पर छतों से पत्थर फेंके गए। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई। इसी तरह से मुर्शिदाबाद में हिंसा को लेकर पहले भी इतिहास रहा है।