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Rampur News In Hindi: रामपुर के चावला हाउस में मोना चावला द्वारा हाथ से तैयार बेल का मुरब्बा देश-विदेश में मशहूर है. यह मुरब्बा पाचन, ब्लड सर्कुलेशन और एनीमिया में लाभकारी है. कीमत 300 रुपये प्रति किलो है.
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हाइलाइट्स
- रामपुर में बेल का मुरब्बा घर पर तैयार होता है.
- मुरब्बा सेहत के लिए फायदेमंद और विदेशों में भी मांग है.
- मुरब्बा 300 रुपये प्रति किलो में बेचा जाता है.
रामपुर: रामपुर के चावला हाउस में पिछले 50 सालों से एक खास मुरब्बा बनाया जा रहा है. यह न तो किसी दुकान में बेचा जाता है और न ही इसकी कोई ब्रांडिंग की गई है, फिर भी इसके स्वाद और औषधीय गुणों के कारण इसकी मांग देश-विदेश तक है. खास बात यह है कि यह मुरब्बा पूरी तरह से घर पर हाथ से बनाया जाता है. इसे बनाने वाली मोना चावला बताती हैं कि यह परंपरा उनके परिवार में वर्षों से चली आ रही है और वे खुद इसे अपने हाथों से तैयार करती हैं.
गर्मियों में बेल का शरबत फायदेमंद होता है
गर्मियों में बेल का शरबत जितना फायदेमंद होता है, उतना ही लाभकारी होता है बेल का मुरब्बा. यह न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि कई स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भी भरपूर है. यह पाचन से जुड़ी समस्याओं, ब्लड सर्कुलेशन और एनीमिया में भी कारगर साबित होता है.
मीठी चाशनी में डाल दिया जाता है
बेल का मुरब्बा बनाने की प्रक्रिया भी बेहद रोचक है. सबसे पहले कच्चे बेल को पानी में करीब 10 मिनट तक उबाला जाता है ताकि उसका सख्त छिलका आसानी से उतर जाए. इसके बाद बेल को छीलकर गोल-गोल टुकड़ों में काटा जाता है और फिर से उबालने के बाद इसे मीठी चाशनी में डाल दिया जाता है. इसके बाद इसे कांच की बरनी में भरकर करीब 15 दिनों तक धूप में रखा जाता है ताकि इसका स्वाद और औषधीय गुण पूरी तरह से निखर कर आ जाएं.
देश और विदेशों में भेजा जाता
एक बार बनने के बाद यह मुरब्बा लगभग दो साल तक खराब नहीं होता. मोना चावला बताती हैं कि वे इसे सिर्फ ऑर्डर पर तैयार करती हैं और यही वजह है कि इसकी कोई दुकान नहीं है. ग्राहक फोन या सोशल मीडिया के जरिए संपर्क करते हैं और मुरब्बा सीधे घर से ही देश और विदेशों में भेजा जाता है.
बेल का यह मुरब्बा गैस, बदहजमी और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत देता है. इसकी कीमत 300 रुपये प्रति किलो है, जो इसके औषधीय गुणों को देखते हुए काफी वाजिब मानी जाती है.