Thursday, June 26, 2025

Israel Strike Iran | US Pulls Staff from Middle East | Tensions Escalate | US News | इजराइल ने ईरान पर हमला किया: राजधानी तेहरान में जोरदार धमाके, इजराइल में इमरजेंसी घोषित

- Advertisement -


तेहरान/तेल अवीव4 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

शनिवार तड़के ईरान की राजधानी तेहरान में जोरदार धमाकों की आवाजें गूंजीं। इजराइल के रक्षा मंत्री ने कहा कि उनके देश के फाइटर्स प्लेन ने ईरान पर हमला किया है। इस हमले से मिडिल ईस्ट की दो सबसे ताकतवर सेनाओं के बीच बड़े युद्ध का डर बढ़ गया है। हमले से हुए नुकसान का अभी पता नहीं चल सका है।

माना जा रहा है कि ईरान इसका जवाब देगा और पिछले साल की तरह बड़ी संख्या में बैलिस्टिक मिसाइलें दाग सकता है। इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने देश में इमरजेंसी घोषित कर दी है। उन्होंने कहा कि जल्द ही जवाबी हमले की आशंका है। यरुशलम और अन्य शहरों में सायरन बजे रहे हैं।

तेहरान के लोगों ने बताया कि उन्हें तेज धमाकों की आवाजें सुनाई दीं। एक ईरानी अधिकारी ने कहा कि उनके लड़ाकू विमान इजराइली विमानों को रोकने के लिए उड़े हैं। मोहम्मद जमाली नाम के एक व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने चितगर झील के पास एक छत से दो तेजी से उड़ते जेट देखे, जो पास के मिलिट्री ठिकानों पर हमला कर रहे थे।

उन्होंने कहा, “मैंने पूर्वी तेहरान में दो मिलिट्री ठिकानों से आग और धुआं उठते देखा।”इससे पहले अमेरिका ने बुधवार को मिडिल-ईस्ट से कुछ अमेरिकी नागरिकों और अधिकारियों को निकालने का फैसला किया था। अमेरिकी विदेश विभाग ने इराक में तैनात गैर-जरूरी सरकारी अधिकारियों को लौटने का आदेश दे दिया था, क्योंकि वहां तनाव बहुत बढ़ गया था।

पिछले कुछ दिनों में अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत में देर हुई है, जिससे क्षेत्र में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा था। (फाइल फोटो)

ट्रम्प बोले- हालात खराब हो सकते हैं, इसलिए सैनिक हटा रहे

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि अमेरिका मिडिल-ईस्ट के कुछ देशों से अपने सैनिकों को हटा रहा है, क्योंकि वहां हालात खतरनाक हो सकते हैं।

ट्रम्प ने कहा,

QuoteImage

हमने नोटिस दे दिया है कि सैनिकों को हटाया जाए। ये इलाके खतरनाक बन सकते हैं, आगे क्या होता है, देखते हैं।

QuoteImage

दूसरी तरफ ट्रम्प ने ईरान के परमाणु हथियारों से जुड़े कार्यक्रम को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा, “ईरान को परमाणु हथियार नहीं मिल सकते। बहुत सीधी बात है। हम ऐसा नहीं होने देंगे।”

इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय और सेना ने यह साफ किया था कि इस क्षेत्र से गैर-जरूरी स्टाफ और उनके परिवार को हटा दिया जाएगा, ताकि किसी बड़े संकट की स्थिति में नुकसान से बचा जा सके।

इसके साथ ही बहरीन और कुवैत में मौजूद गैर-जरूरी स्टाफ और उनके परिवारों को भी वापस लौटने की छूट दी गई है।

ईरान बोला- परमाणु डील पर आरोप लगाए तो देंगे कड़ा जवाब

ईरान के विदेश मंत्री और वरिष्ठ राजनयिक अब्बास अराघची ने बुधवार को यूरोपीय देशों को चेतावनी दी है कि अगर वे ईरान के खिलाफ परमाणु कार्यक्रम पर किसी भी तरह का प्रस्ताव पास करते हैं, तो ईरान उसकी कड़ी प्रतिक्रिया देगा। यह बयान IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) की जून बैठक से पहले आया है।

अराघची ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा

QuoteImage

ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस (E3 देश) को याद दिला दूं कि उन्हें JCPOA (2015 परमाणु समझौता) को लागू करने के लिए 7 साल मिले थे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। ये देश जानबूझकर या अपनी कमियों के चलते समझौते को लागू करने में नाकाम रहे। अब ये देश उल्टा ईरान पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जबकि हमने तो सिर्फ अपने अधिकारों का इस्तेमाल किया है।

QuoteImage

अराघची ने यह भी कहा कि अगर ईरान के खिलाफ कोई अन्यायपूर्ण और बेबुनियाद प्रस्ताव पास किया गया, तो इसका अंजाम यूरोप को भुगतना पड़ेगा।

अराघची ने E3 देशों को चेतावनी दी कि ईरान की प्रतिक्रिया बहुत सख्त होगी, जिसकी जिम्मेदारी खुद इन देशों पर होगी।

ईरान, अमेरिका और इजराइल के बीच परमाणु विवाद क्या है?

अमेरिका और इजराइल लगातार ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए हैं। दरअसल ईरान कई सालों से परमाणु तकनीक पर काम कर रहा है।

उसका दावा है कि वह इस तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ बिजली बनाने और मेडिकल साइंस में कर रहा है। लेकिन अमेरिका और इजराइल को शक है कि ईरान चोरी-छिपे परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है।

अमेरिका को डर है कि अगर ईरान के पास परमाणु बम आ गया, तो वह खाड़ी देशों, इजराइल और अमेरिकी ठिकानों के लिए बड़ा खतरा बन जाएगा। इसलिए अमेरिका नहीं चाहता कि ईरान इस दिशा में आगे बढ़े।

2015 में अमेरिका ने ईरान और कुछ अन्य देशों के साथ मिलकर JCPOA (Joint Comprehensive Plan of Action) नाम की एक परमाणु डील की थी। इसके तहत ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगानी थी, और बदले में उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंध हटाए गए थे।

ट्रम्प ने पहले कार्यकाल में परमाणु डील तोड़ दी थी

2018 में डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका को JCPOA डील से बाहर निकाल लिया। ट्रम्प का कहना था कि यह डील ईरान को प्रतिबंधों में छूट देती है लेकिन उसके परमाणु हथियार बनाने के इरादे को नहीं रोक सकती। इसके बाद अमेरिका ने फिर से ईरान पर सख्त प्रतिबंध लगा दिए।

ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई में डील के नियमों का उल्लंघन शुरू कर दिया। उसने यूरेनियम संवर्धन की सीमा तोड़ दी।

——————————————————–

इजराइल और ईरान से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें…

ट्रम्प ने नेतन्याहू से गाजा जंग खत्म करने को कहा:ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमले को मंजूरी नहीं, बातचीत जारी रखना चाहते हैं ट्रम्प

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से गाजा में जंग को खत्म करने के लिए कहा है। इसके अलावा ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला करने को लेकर भी फिलहाल मंजूरी नहीं दी है। पूरी खबर यहां पढ़ें….



Source link

आपकी राय

क्या नवरात्र में मीट की दुकानों को बंद करने का फैसला सही है?

View Results

Loading ... Loading ...

Latest news

- Advertisement -

SHARE MARKET LIVE

GOLD PRICE


Gold price by GoldBroker.com

SILVER PRICE


Silver price by GoldBroker.com

Related news

- Advertisement -