Thursday, June 26, 2025

Haryana karnal son Nishant Dev made the country proud update news, Grandmother could not see the punches raining in the match, grandson flying kite on the roof shined in America, | करनाल के मुक्केबाज ने मैक्सिको के जोस्यू सिल्वा को हराया: सुपर वेल्टरवेट वर्ग मुकाबला, छत पर पतंग उड़ाने वाला निशांत अमेरिका में चमका – Karnal News

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न्यूयॉर्क में हुई प्रतियोंगिता में मैच जीतने के बाद हाथ उठाता निशांत देव।

करनाल के युवा मुक्केबाज निशांत देव ने न्यूयॉर्क के द थिएटर एट मैडिसन स्क्वायर गार्डन में सुपर वेल्टरवेट वर्ग के मुकाबले में मैक्सिको के जोस्यू सिल्वा को हराकर जबरदस्त जीत हासिल की है। छह राउंड के इस प्रोफेशनल मुकाबले में तीन जजों ने निशांत के पक्ष मे

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उसकी मां और दादी ने मैच के दौरान महसूस की गई घबराहट को भी साझा किया। वहीं दोस्तों ने बताया कि बचपन में निशांत को जितना बॉक्सिंग का शौक था, उतनी ही दीवानगी उसे पतंगबाजी की भी थी। जब भी घर आता है, दिनभर छत पर पतंग उड़ाता है।

निशांत की जीत के बाद परिवार को मिठाई खिलाते रिश्तेदार।

दादी रोशनी बोलीं – पोते को मुक्के लगते हुए नहीं देख सकती निशांत की दादी रोशनी ने देसी अंदाज में कहा कि मेरा पोता जब रिंग में होता है तो मैं टीवी नहीं देखती। जब उस पर मुक्के पड़ते हैं तो मेरे से देखा नहीं जाता। मैच खत्म हो जाता है, तब पूछती हूं कि हुआ क्या। उन्होंने बताया कि पिछली बार जब वह घर आया था तो गाजर का हलवा बनाया था, लेकिन बॉक्सर होने के चलते उसे मीठा खाने नहीं देते।

मां प्रियंका ने कहा – मैच खत्म होने के बाद ही देखती हूं वीडियो निशांत की मां प्रियंका का कहना है कि जब भी उसका मुकाबला होता है, तो वे लाइव मैच नहीं देखतीं। डर के कारण वे टीवी बंद कर देती हैं और बाद में ही मैच का वीडियो देखती हैं। उन्होंने कहा, “जब मैच खत्म हो जाता है, तब देखती हूं। आज का मुकाबला भी शानदार रहा। वह चाहता तो नॉकआउट कर देता, लेकिन उसने धैर्य और टेक्निक से जीत दर्ज की।”

न्यूयॉर्क में मैच जीतने के बाद रेफरी के साथ विजेता।

पिता बोले – ओलिंपिक का अधूरा सपना अब प्रो-गेम से पूरा होगा निशांत के पिता पवन देव ने बताया कि यह उनके बेटा का अमेरिका में दूसरा प्रोफेशनल मुकाबला था। अगला मुकाबला जुलाई में संभावित है। उन्होंने कहा कि पहली फाइट तो दो मिनट में खत्म हो गई थी। इस बार कोच ने जैसा प्लान किया था, निशांत ने वैसा ही खेल दिखाया। उसका सपना था कि वह ओलिंपिक खेले और उसने वहां क्वार्टर फाइनल तक जगह बनाई। अब वह प्रोफेशनल मुक्केबाजी की ओर पूरी तरह बढ़ चुका है।

बचपन से खेल के प्रति जुनून, कर्ण स्टेडियम से शुरू किया सफर पिता ने बताया कि निशांत की खेल के प्रति लगन बचपन से रही है। वह 5वीं कक्षा से ही कर्ण स्टेडियम में प्रैक्टिस करता था और सबसे पहले उठकर सबको जगाता था। उन्होंने कहा कि निशांत ने 6 से 7 साल बैंगलोर में प्रैक्टिस की और पिछले अक्टूबर से वह अमेरिका में है। जो सपना उसने देखा था, उसे अब साकार कर रहा है।

दोस्त ललित बोले- बॉक्सिंग और पतंगबाजी दोनों का है दीवाना बचपन के दोस्त ललित ने बताया कि निशांत को बॉक्सिंग के साथ-साथ पतंगबाजी का भी शौक है। जब भी करनाल आता है तो दिनभर छत पर पतंग उड़ाता है और खाना भी वहीं खाता है। ललित ने कहा कि आज के मैच में भी उसने शानदार खेल दिखाया, स्पीड और स्टेमिना का बेहतरीन मेल था।

परिवार के घर पर बधाई देने पहुंचे लोग।

करनाल में बधाई देने वालों की लगी कतार निशांत की इस उपलब्धि के बाद उनके करनाल स्थित घर में बधाई देने वालों का तांता लग गया। मोहल्ले के लोग, रिश्तेदार और मित्र सभी उन्हें शुभकामनाएं देने पहुंच रहे हैं। परिवार के लिए यह एक गर्व का क्षण है कि उनका बेटा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश और शहर का नाम रोशन कर रहा है।

अब निगाहें अगले मुकाबले पर, प्रोफेशनल रैंकिंग में सुधार की उम्मीद निशांत की इस जीत के बाद उनकी प्रोफेशनल रैंकिंग में भी सुधार की उम्मीद है। अगला मुकाबला जुलाई में होने की संभावना है, जहां उनके प्रदर्शन पर दुनियाभर के बॉक्सिंग प्रेमियों की नजरें टिकी रहेंगी। परिवार को भरोसा है कि निशांत एक दिन प्रोफेशनल वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना भी जरूर पूरा करेगा।



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