‘हमने इजराइल के ड्रोन हमले को महसूस किया है। फ्लाइट रद्द होने से यहीं फंसे हुए हैं। आने वाले दिनों में क्या होगा यह नहीं जानते। किसी तरह यहां से निकलकर अपने देश आ जाएं बस।’
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यह कहना है ईरान में रुके आशु जायसवाल का। उनसे दैनिक भास्कर ने वीडियो कॉल पर बात की। वहां के हालात बताते हुए आशु कहते हैं- 18 जून तक फ्लाइट्स रद्द होने से मजबूरी में रुकना पड़ रहा है। ऐसा अचानक होने से हमें पैसों की दिक्कत आ सकती है। आशु के साथ 34 लोगों का दल है। इनमें लखनऊ का एक पूरा परिवार भी शामिल है। इन लोगों का कहना है कि मिसाइलें गिरती दिख रही हैं। हमारे पैसे भी खत्म हो रहे हैं।
ईरान और इजराइल के बीच 5 दिनों युद्ध चल रहा है। कहा जा रहा है कि ईरान में यूपी के करीब 1000 लोग फंसे हैं। ये लोग ईरान में जियारत (धार्मिक यात्रा) करने गए हैं।
इनमें से कुछ लोगों ने दैनिक भास्कर से बातचीत की और वीडियो भेजे। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
दैनिक भास्कर रिपोर्टर फरीदुल हसन से आशु जायसवाल ने वीडियो कॉल पर बात की। उन्होंने कई बातें शेयर कीं।
इराक से यात्रा शुरू कर सीरिया फिर ईरान आए ईरान के कुम शहर में मौजूद आशु जायसवाल बताते हैं कि वह 34 लोगों के साथ 27 मई को सलाम एयर से लखनऊ से धार्मिक यात्रा पर निकले थे। यह यात्रा इराक से शुरू हुई। उसके बाद सीरिया गए और फिर ईरान पहुंचे। 18 जून को लखनऊ वापसी की फ्लाइट है, जिसे कैंसिल कर दिया गया है। हम लोगों को नई तारीख 21 जून बताई गई है। उम्मीद करते हैं कि सब कुछ बेहतर रहा, तो 21 तारीख को भारत वापसी करेंगे।
लखनऊ से ईरान जियारत पर गए ग्रुप की तस्वीर। ये लोग इस समय ईरान के कुम शहर में हैं।
मौलाना ने ट्रेन यात्रा से वीडियो जारी किया लखनऊ से ईरान पहुंचे मौलाना नुसरत ने इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष के हालात बयां करते एक वीडियो जारी किया है। यह वीडियो उन्होंने फिदक ट्रेन में यात्रा के दौरान शूट किया था। उनके साथ लखनऊ-बाराबंकी और आसपास के और भी यात्री हैं।
वीडियो में उन्होंने बताया कि सोमवार देर शाम को मशहद (धार्मिक स्थल) से निकलकर दूसरे धार्मिक स्थल ‘कुम’ जा रहे हैं। उन्होंने वीडियो में यूपी के अलग-अलग जनपदों आए हुए लोगों के बारे में भी बताया। साथ ही बताया कि हम लोग हालात बेहतर होने और फ्लाइट के उड़ान भरने के इंतजार में हैं। हमें इजरायली बम धमाकों की आवाजें सुनाई पड़ रही हैं।
मौलाना नुसरत ने बताया कि वह धार्मिक यात्रा पर हैं। फिलहाल फ्लाइटें बंद हैं, लेकिन ईरान में मार्केट खुले हैं और लोग पवित्र स्थलों पर जा रहे हैं।
भारत के 1000 से ज्यादा लोग ईरान में फंसे लखनऊ में शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने कहा- ईरान और इजराइल के बीच युद्ध की स्थिति में हालात बहुत चिंताजनक है। लखनऊ समेत पूरे प्रदेश के 1000 से अधिक लोग ईरान में फंसे हैं। इसमें बड़ी संख्या में छात्र भी शामिल हैं। उनके अलावा तीर्थयात्रा पर गए लोग और पेशेवर लोग भी हैं। मौलाना ने कहा कि सबसे ज्यादा समस्याओं का सामना तीर्थयात्रियों को करना पड़ रहा है।
पैसे और दवाएं खत्म होने का मंडरा रहा खतरा मौलाना ने कहा कि जो लोग यहां से रवाना हुए, वो अपना बजट बनाकर गए थे। अब उनके ऊपर होटल में ज्यादा दिन रुकने से खर्च बढ़ गया है। संबंधित मामले को लेकर मौलाना ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर यह मांग की है कि ईरान में फंसे सभी भारतीयों को सुरक्षित लाया जाए।
पूरा परिवार ईरान में फंसा, पति अकेले लखनऊ में हैं लखनऊ के रहने वाले अली महमूद ने बताया कि पत्नी-बच्चों समेत हमारा पूरा परिवार ईरान धार्मिक यात्रा पर है। इसी दौरान इजराइल-ईरान में संघर्ष शुरू हो गया। इसके बाद से मेरी चिंता बढ़ गई है। खुद और परिवार को लेकर लगातार परेशान हूं। दिन में कई बार वॉट्सऐप से कॉल कर इंडिया से परिजन हमारी खैरियत लेते हैं।
उन्होंने बताया कि फिलहाल हमारा पूरा परिवार सुरक्षित है, लेकिन फिर भी मैं मानसिक रूप से तनाव में हूं। हमारी यही दुआ है कि जल्द से जल्द हमारा परिवार सकुशल हिंदुस्तान लौटे। इसके लिए मैंने भारत सरकार से भी अनुरोध किया है कि सभी भारतीयों को वापस लाने की कवायद शुरू की जाए।
अली महमूद ने वीडियो जारी कर बताया- हमने मशहद में इजराइली ड्रोन हमले को महसूस किया। फिलहाल, हम पूरी तरह सुरक्षित हैं।
ईरान के 3 चर्चित धार्मिक स्थल ईरान में मौजूद भारतीयों ने बताया कि पवित्र स्थलों की यात्रा पर हर साल लाखों शिया मुस्लिम यहां आते हैं। ईरान के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल मशहद, कुम और तेहरान में मौजूद हैं। जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ज्यादातर श्रद्धालु मशहद में रुकते हैं। जहां 8वें शिया इमाम हजरत अली रजा की दरगाह स्थित है। यह स्थल शिया मुसलमानों के लिए काफी पवित्र माना जाता है।
ईरान का मशहद और कुम है धार्मिक राजधानी मशहद के अलावा श्रद्धालु कुम शहर भी जाते हैं, जहां 7वें शिया इमाम हजरत मूसा अल काजिम की बेटी बीबी फातिमा की मजार है। कुम और मशहद दोनों ही शहर शिया समुदाय में पवित्र माने जाते हैं। कुम को ईरान की धार्मिक राजधानी भी कहा जाता है। क्योंकि, यहां दुनिया के विभिन्न हिस्सों से हजारों छात्र इस्लामी धर्मशास्त्र की पढ़ाई के लिए कई साल तक रुकते हैं।
मौलाना सैफ अब्बास ने विदेश मंत्रालय को यह पत्र लिखकर भारतीयों को वापस लाने की मांग रखी है।
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भारत ने अपने नागरिकों से तेहरान छोड़ने को कहा, दूतावास से तुरंत संपर्क करने की सलाह; नेतन्याहू बोले- खामेनेई की हत्या से जंग खत्म होगी
इजराइल और ईरान के बीच 5वें दिन भी संघर्ष जारी है। इस बीच ईरान में स्थित भारतीय दूतावास ने तेहरान में रह रहे लोगों को वहां से बाहर निकलने और किसी सुरक्षित जगह पर चले जाने की सलाह दी है। कुछ घंटे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी तेहरान में रहने वाले सभी लोगों को तुरंत शहर खाली करने की चेतावनी जारी की थी। (पूरी खबर पढ़िए)