Thursday, June 26, 2025

BCCI IPL Franchise Kochi Tuskers Case | Bombay High Court | BCCI को कोच्चि टस्कर्स से विवाद में बड़ा झटका: बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने बोर्ड के चैलेंज को खारिज किया, अब 538 करोड़ देने पड़ेंगे

- Advertisement -


मुंबई5 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

BCCI को IPL फ्रेंचाइजी कोच्चि टस्कर्स से विवाद में बड़ा झटका लगा है। बोर्ड को कोच्चि टस्कर्स के मालिकों को 538 करोड़ रुपए चुकाने होंगे। बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को BCCI की याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में बोर्ड ने आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ अपील की थी। ट्रिब्यूनल ने जुलाई 2015 में बोर्ड को कोच्चि टस्कर्स केरल के मालिकों को 538 करोड़ रुपए का आर्बिट्रल अवार्ड देने का आदेश दिया था।

जस्टिस आरआई छागला की सिंगल बेंच ने कहा- ‘कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती, क्योंकि आर्बिट्रेशन एंड कंसीलिएशन एक्ट के सेक्शन 34 के तहत कोर्ट की भूमिका सीमित होती है। BCCI का चैलेंज अधिनियम की धारा 34 के दायरे के खिलाफ है।’

10 साल पहले 2015 में ट्रिब्यूनल के जस्टिस आरसी लाहोटी ने फ्रेंचाइजी के हक में फैसला सुनाया था। कोर्ट ने ऑर्डर दिया कि BCCI कॉम्पेनसेशन के रूप में टीम को 538 करोड़ रुपए देगा। ट्रिब्यूनल के इसी फैसले को BCCI ने बॉम्‍बे हाईकोर्ट में चैलेंज किया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा-

QuoteImage

हम आर्बिट्रेटर के फैसले को सिर्फ इसलिए नहीं बदल सकते, क्योंकि आपको पसंद नहीं।

QuoteImage

कोच्चि टस्कर्स केरल ने 18 मई 2011 को चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ आखिरी IPL मैच खेला था।

क्या है आर्बिट्रेशन? आर्बिट्रेशन एक ऐसा तरीका है, जिसमें 2 पार्टियां (जैसे- लोग, कंपनियां या संगठन) अपने विवाद को कोर्ट की बजाय तीसरे पक्ष के सामने समाप्त करते हैं। तीसरे पक्ष को आर्बिट्रेटर कहा जाता हैं। कोच्चि टस्कर्स और BCCI में पैसों का झगड़ा था। दोनों का विवाद आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल में गया था। इस ट्रिब्यूनल ने कोच्चि टस्कर्स के पक्ष में फैसला सुनाया था।

3 पॉइंट्स में समझिए पूरा मामला

  • कोच्चि टस्कर्स केरल को IPL की एक नई टीम के रूप में 2011 में शामिल किया गया था। इस टीम का मालिकाना हक पहले रेंडेजवस स्पोर्ट्स वर्ल्ड (RSW) के पास था। बाद में इसे कोच्चि क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड (KCPL) ने संभाला। सितंबर 2011 में BCCI ने फ्रेंचाइजी को टर्मिनेट कर दिया।
  • क्योंकि, फ्रेंचाइजी के मालिक BCCI की बैंक गारंटी को रिन्यू नहीं करा सके थे। 26 मार्च 2011 तक मालिक को गांरटी बैंक में जमा करनी थी। बोर्ड ने करीब 6 महीने इंतजार किया, लेकिन उन्हें कॉन्ट्रैक्ट के 156 करोड़ रुपए नहीं मिले। जिस कारण BCCI ने 19 सितंबर 2011 को एनुअल मीटिंग में टीम को टर्मिनेट कर दिया।
  • बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ KCPL और RSW ने 2012 में मध्यस्थता यानी आर्बिट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की। 2015 में ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाया कि BCCI ने कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन किया और गलत तरीके से गारंटी की रकम वसूली। ट्रिब्यूनल ने कहा था कि BCCI की गलती से KCPL को ₹384 करोड़, RSW को ₹153 करोड़ का नुकसान हुआ। यानी कुल मिलाकर ₹538 करोड़ से ज्यादा की भरपाई तय की गई, जिसमें ब्याज-कानूनी खर्च भी शामिल हैं।

RSW ने 1555 करोड़ रुपए में खरीदी टीम फ्रेंचाइजी कोच्चि टस्कर्स IPL की 9वीं फ्रेंचाइजी थी। इसे रोंदेवू स्पोर्ट्स वर्ल्ड कंपनी ने 2010 में 1555 करोड़ रुपए में खरीदा था। दरअसल, BCCI ने 2011 में IPL टीमों की संख्या 8 से बढ़ाकर 10 किया गया।

महेला जयवर्धने की कप्तानी वाली टीम में ब्रेंडन मैक्कुलम, रवींद्र जडेजा, मुथैया मुरलीधरन, आरपी सिंह और श्रीसंथ जैसे स्टार खिलाड़ी थे। इसके बावजूद टीम 14 में से 6 ही मैच जीत सकी और पॉइंट्स टेबल में 8वें नंबर पर रहकर प्लेऑफ में नहीं पहुंच सकी।

कोच्चि टस्कर्स के खिलाफ तेंदुलकर ने शतक बनाया कोच्चि ने एक ही सीजन खेला, लेकिन उनके खिलाफ क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने अपने टी-20 करियर का इकलौता शतक लगा दिया। 15 अप्रैल 2011 को वानखेड़े स्टेडियम में सचिन की सेंचुरी से मुंबई इंडियंस ने 182 रन बनाए। हालांकि, ये स्कोर टीम की जीत के लिए काफी नहीं रहा, कोच्चि ने 19 ओवर में 2 ही विकेट खोकर टारगेट हासिल कर लिया। मैक्कुलम ने मैच विनिंग 81 रन बनाए।

खबरें और भी हैं…



Source link

आपकी राय

क्या नवरात्र में मीट की दुकानों को बंद करने का फैसला सही है?

View Results

Loading ... Loading ...

Latest news

- Advertisement -

SHARE MARKET LIVE

GOLD PRICE


Gold price by GoldBroker.com

SILVER PRICE


Silver price by GoldBroker.com

Related news

- Advertisement -