Wednesday, June 25, 2025

Pakistan Army Chief demands- Trump should get Nobel Prize | पाकिस्तान आर्मी चीफ की मांग- ट्रम्प को नोबेल पुरस्कार मिले: भारत-पाक संघर्ष खत्म कराने का क्रेडिट दिया, ट्रम्प ने शुक्रिया कहा

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वॉशिंगटन4 मिनट पहले

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पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग की है। उन्होंने यह पुरस्कार भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने में ट्रम्प की अहम भूमिका के लिए मांगा।

आसिम मुनीर अभी अमेरिका के दौरे पर हैं। यहां ट्रम्प और मुनीर की मीटिंग बंद कमरे में हुई। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने कहा कि ट्रम्प, मुनीर की मेजबानी करेंगे क्योंकि मुनीर ने ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग की है।

ट्रम्प ने मुनीर को इसके लिए शुक्रिया कहा। इस मुलाकात से कुछ घंटे पहले, PM मोदी ने ट्रम्प से फोन पर बातचीत की। तब मोदी ने कहा कि सीजफायर सीधी बातचीत से हुई। उन्होंने अमेरिका की मध्यस्थता से इनकार किया।

ट्रम्प ने फिर कहा- मैंने भारत-पाक युद्ध रुकवाया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को एक बार फिर कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया था। ट्रम्प का यह बयान बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर हुई बातचीत के 12 घंटे बाद आया है।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से फोन पर बातचीत की, जो लगभग 35 मिनट तक चली। बातचीत के दौरान PM मोदी ने राष्ट्रपति ट्रम्प को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताया।

भारत कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने ट्रम्प और मोदी के बातचीत की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान PM मोदी ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े किसी भी विषय में व्यापार से संबंधित कोई चर्चा नहीं हुई।

उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तान के कहने पर ही भारत ने सीजफायर किया था। भारत कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता और आगे भी नहीं करेगा।

साथ ही, PM मोदी ने यह भी जोर देकर कहा कि अब भारत आतंकवाद की घटनाओं को प्रॉक्सी वॉर (परदे के पीछे की लड़ाई) नहीं, बल्कि सीधे युद्ध की कार्रवाई के रूप में देखेगा। भारत का ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है।

विदेश सचिव ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने पीएम मोदी की तरफ से विस्तार में बताई गई बातों को समझा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के प्रति समर्थन जताया।

G7 में होनी थी मोदी-ट्रम्प की मुलाकात, लेकिन हुई नहीं

PM मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प की मुलाकात G7 के इतर होनी तय थी, लेकिन ट्रम्प को 17 जून को G7 छोड़कर अमेरिका लौटना पड़ा। इस कारण ये मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद ट्रम्प के कहने पर दोनों नेताओं की फोन पर बात हुई। बातचीत करीब 35 मिनट चली।

22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद राष्ट्रपति ट्रम्प ने फोन पर पीएम मोदी से शोक संवेदना जताई थी और आतंक के खिलाफ समर्थन जताया था। इसके बाद दोनों नेताओं 18 जून को यह पहली बातचीत थी। इसलिए पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रम्प ने ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तार से बात की।

‘भारत ने पाकिस्तान में सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया’

मिसरी ने ये भी बताया कि पीएम मोदी ने ट्रम्प को यह स्पष्ट रूप से कहा कि 22 अप्रैल के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का अपना दृढ़ संकल्प पूरी दुनिया को बता दिया था।

भारत ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया था।

भारत के एक्शन बहुत ही मेजर्ड (नपे-तुले), प्रिसाइज (सटीक) और नॉन-एस्केलेटरी थे। साथ ही भारत ने ये भी स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान की गोली का जवाब हम गोले से देंगे।

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