Sunday, June 29, 2025

Trump’s victory in the presidential election will be confirmed today | राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प की जीत पर मुहर आज: कमला हैरिस करेंगी जीत का ऐलान; 2021 में इसी दिन संसद में घुसे थे प्रदर्शनकारी

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वॉशिंगटन51 मिनट पहले

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अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव हुए थे। ट्रम्प को इसमें जीत हासिल हुई। ट्रम्प को 312 इलेक्टोरल वोट्स मिले हैं जबकि उनके विरोधी कमला को सिर्फ 226 इलेक्टोरल वोट्स मिले। चुनाव में जीत हासिल करने के लिए किसी प्रत्याशी को 270 इलेक्टोरल वोट्स चाहिए होते हैं।

ट्रम्प की जीत भले ही 6 नवंबर को तय हो गई थी, लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा 6 जनवरी को होगी। इस दिन अमेरिकी संसद कैपिटल हिल के जॉइंट सेशन में इलेक्टोरल कॉलेज के वोट गिने जाएंगे। यह प्रक्रिया उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की अध्यक्षता में होनी है क्योंकि वह सीनेट की अध्यक्ष हैं।

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 3 फेज में होते हैं

राज्यों के प्रतिनिधि मिलकर राष्ट्रपति चुनते हैं

अमेरिका में जनता इलेक्टर्स (राज्यों के प्रतिनिधि) चुनती है। ये इलेक्टर्स पॉपुलर वोट यानी कि जनता के वोट के आधार पर चुने जाते हैं। जब जनता वोट करती है तो वह सीधे राष्ट्रपति को वोट नहीं करती है, बल्कि वह अपने राज्य के इलेक्टर्स को वोट देते हैं।

कई इलेक्टर्स मिलकर ही इलेक्टोरल कॉलेज बनाते हैं। इलेक्टोरल कॉलेज ही राष्ट्रपति चुनता है। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में 538 इलेक्टर्स चुने जाते हैं। सभी राज्यों से चुने गए इलेक्टर्स की संख्या अलग-अलग होती है।

यहां रोचक बात यह है कि अमेरिकी चुनाव में ‘विनर टेक ऑल’ सिस्टम काम करता है। इसका मतलब है कि अगर किसी कैंडिडेट को एक राज्य में 50% से ज्यादा पॉपुलर वोट मिल जाते हैं, तो तो उस राज्य के तमाम इलेक्टोरल वोट उसी कैंडिडेट को मिले हुए माने जाते हैं। जैसे ट्रम्प को पेन्सिलवेनिया में सबसे ज्यादा लोगों ने वोट किया तो वहां के सारे इलेक्टर्स (19) ट्रम्प को मिल गए।

इलेक्टर्स का राष्ट्रपति चुनने के अलावा कोई काम नहीं

इलेक्ट्रोरल कॉलेज एक चुनावी संस्था है जो अमेरिका के राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति को चुनने के लिए गठित की गई है। दिसंबर के महीने में इलेक्टोरल कॉलेज की बैठक होती है। इसमें हर राज्य के चुने हुए इलेक्ट्रर्स अपनी-अपनी काउंटी या राज्य में मिलते हैं और राष्ट्रपति के लिए औपचारिक तौर पर वोटिंग करते हैं।

इलेक्टोरल वोटों को राज्य के चुनाव अधिकारी प्रमाणित करते हैं और फिर इन वोटों को कांग्रेस को भेजा जाता है। अगली 6 जनवरी को कैपिटल हिल यानी अमेरिकी संसद में दोनों सदन (सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) इकट्ठा होते हैं।

अमेरिकी सीनेट के अध्यक्ष उपराष्ट्रपति होते हैं। अभी यह पद कमला हैरिस के पास है, इसलिए वही इक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती शुरू करेंगी। उन्हें हर राज्य के चुनाव रिजल्ट्स को पढ़ने के लिए दस्तावेज मिलेगा।

कमला हैरिस (बाएं) अभी उपराष्ट्रपति हैं, इसलिए ट्रम्प (दाएं) को मिलने वाले इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की गिनती उनकी निगरानी में ही होगी।

उपराष्ट्रपति जब इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों को पढ़ती हैं, तो उसे रिकॉर्ड भी किया जाता है। अगर यदि कोई आपत्ति उठती है, तो उसे दोनों सदनों में विचार किया जाता है। जब सभी वोटों की गिनती पूरी हो जाती है, तो यह घोषणा की जाती है कि कौन राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। राष्ट्रपति बनने के लिए 270 इलेक्टोरल वोट हासिल करना जरूरी है।

अगर भारत से तुलना करें तो जैसे सांसदों के वोट से प्रधानमंत्री का चुनाव होता है, ठीक उसी तरह इलेक्टर्स के वोट से अमेरिका में राष्ट्रपति चुना जाता है। हालांकि भारत के सांसदों के उलट अमेरिका के इलेक्टर्स का राष्ट्रपति चुनने के अलावा और कोई काम नहीं है।

शपथ से पहले जो बाइडेन से मिलने जाएंगे ट्रम्प 6 जनवरी को इलेक्ट्रोरल वोट्स की गिनती के बाद अगर डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति चुन लिए जाते हैं, तो वो 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। ग्रहण से पहले ट्रम्प परंपरा के मुताबिक मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन से मिलने जाएंगे।

ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उनसे जुड़े 5 बड़े विवाद

टैरिफ विवाद:- ​​​ ​​​​ट्रम्प ने 25 नवंबर को ऐलान किया कि वे राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही कनाडा, मैक्सिको और चीन से अमेरिका आने वाले सामान पर भारी टैरिफ लगाएंगे। उन्होंने कहा कि जब तक ये तीनों देश ड्रग्स और अवैध प्रवासियों पर लगाम नहीं लगाते तब तक उन्हें अमेरिका की तरफ से लगाए गए भारी टैरिफ की मार झेलनी पड़ेगी।

ट्रम्प ने कहा कि वे कनाडा और मैक्सिको पर 25% वहीं, चीन पर 35% टैरिफ लगाएंगे। उनके इस बयान पर कनाडा, मैक्सिको और चीन तीनों ने ही कड़ी आपत्ति जताई। ट्रम्प ने 16 दिसंबर को भारत पर भी टैरिफ लगाने की धमकी दी और कहा कि भारत जितना टैरिफ अमेरिका पर लगाएगा, उतना ही भारत पर भी टैरिफ लगाया जाएगा।

कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य और ट्रूडो को गवर्नर कहना

राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद ट्रम्प कई बार कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य कह चुके हैं। इसके अलावा वे PM ट्रूडो उसका गवर्नर बता चुके हैं। ट्रम्प ने ये भी कहा कि ज्यादातर कनाडाई चाहते हैं कि कनाडा, अमेरिका का हिस्सा बन जाए।

ट्रम्प ने कहा कि कनाडा के नागरिकों को बहुत ज्यादा टैक्स देना पड़ रहा है। अगर कनाडा अमेरिका का 51वां राज्य बन जाता है तो टैक्स में 60% से ज्यादा की कटौती हो सकती है। इसके अलावा कनाडा का व्यापार भी दोगुना हो जाएगा। हालांकि उनके बयान पर जस्टिन ट्रूडो ने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी।

ट्रूडो ने पिछले महीने फ्लोरिडा में ट्रम्प के साथ डिनर किया था। इस दौरान ट्रम्प ने मजाक में कनाडा को अमेरिका 51वां राज्य बनने का भी ऑफर दिया था।

पनामा नहर विवाद:

ट्रम्प ने 23 दिसंबर को पनामा नहर को छीनने की धमकी दी। ट्रम्प ने कहा कि नहर का इस्तेमाल करने के लिए पनामा, अमेरिका से ज्यादा शुल्क ले रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पनामा नहर पर चीन अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। ट्रम्प ने कहा कि वह नहर को गलत हाथों में नहीं जाने देंगे।

ट्रम्प की इस धमकी पर पनामा के राष्ट्रपति जोस मुलिनो ने कहा कि नहर की स्वतंत्रता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मुलिनो ने कहा कि पनामा नहर की एक-एक जमीन पनामा की है और यह आगे भी पनामा की ही रहेगी।

ग्रीनलैंड पर कब्जा करने का दावा:

ट्रम्प ने 23 दिसंबर को कहा कि दुनिया में नेशनल सिक्योरिटी और आजादी के लिए ग्रीनलैंड पर अमेरिका कंट्रोल होना बेहद जरूरी है। ट्रम्प के बयान के अगले ही दिन ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट एगेडे ने कहा कि ग्रीनलैंड यहां के लोगों का है। हम बिकाऊ नहीं हैं और न कभी बिकाऊ होंगे।

H-1B वीजा विवाद:

H-1B वीजा को लेकर ट्रम्प के ही समर्थक एक-दूसरे से भिड़ गए। ट्रम्प के करीबी इलॉन मस्क और विवेक रामास्वामी ने इस वीजा प्रोग्राम का समर्थन कर रहे हैं, वहीं लॉरा लूमर, मैट गेट्ज जैसे रिपब्लिकन इसके खिलाफ हैं। उनके मुताबिक इससे अमेरिकी लोगों के हिस्से की नौकरियां विदेशी लोगों को मिलेंगी। हालांकि बाद में ट्रम्प ने कहा कि वे वीजा प्रोग्राम का समर्थन करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि अमेरिका में सबसे सक्षम लोग होने चाहिए। देश को ऐसे लोगों की जरूरत है।

ट्रम्प का कन्फर्मेशन, उसी दिन कैपिटल हिल हिंसा हुई

इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती के बाद डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति चुनाव जीतने की आधिकारिक घोषणा की जाएगी। ठीक इसी दिन 4 साल पहले 2021 में जो बाइडेन को अगला राष्ट्रपति घोषित किया गया था। इसके बाद ट्रम्प के समर्थकों ने वॉशिंगटन के कैपिटल हिल पर धावा बोल दिया था और वहां मौजूद पुलिस से भिड़ गए थे।

कई दंगाई सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ते हुए कैपिटल हिल के अंदर घुस गए और खिड़कियों के कांच तोड़ दिए।

इस हिंसा में कुल 5 लोग मारे गए थे। इनमें एक कैपिटल हिल का पुलिस कर्मचारी भी था। इस हिंसा के पीछे डोनाल्ड ट्रम्प के उस बयान को वजह माना गया था जिसमें उन्होंने अपने समर्थकों से कैपिटल हिल की तरफ कूच करने के लिए कहा था।

हिंसा के बाद ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव भी लाया गया। वे अमेरिकी इतिहास के पहले ऐसे राष्ट्रपति बने जिनके खिलाफ दो बार महाभियोग लाया गया।

6 जनवरी 2021 को ट्रम्प समर्थकों ने कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद) पर हमला कर तोड़ फोड़ की थी।

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