Sunday, June 29, 2025

Conversation with Rajat’s childhood guru Ram Atre | रजत ने दोस्त से कहा था- इस बार ट्रॉफी जिताऊंगा: बचपन के क्रिकेट कोच बोले- MP के ट्रायल में फेल हुआ, लेकिन कभी रुका-थका नहीं – Indore News

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रजत के बचपन के कोच राम अत्रे से दैनिक भास्कर ने बातचीत की।

इंदौर के रजत पाटीदार की कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु (आरसीबी) ने IPL-2025 की ट्रॉफी अपने नाम की। RCB ने 18 सीजन में पहला टाइटल जीता है। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में मंगलवार को पंजाब किंग्स को 6 रन से फाइनल में हराया था। IPL में पहली ब

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रजत पाटीदार ने बचपन में जिन कोच से ट्रेनिंग ली। दैनिक भास्कर ने उन्हीं बचपन के कोच राम अत्रे से बात की। उन्होंने बताया कि रजत एक सिंसियर और मेहनती खिलाड़ी थे, जो मैदान पर पूरी लगन से प्रैक्टिस करते थे।

जानते हैं, रजत पाटीदार को लेकर उनके बचपन के कोच ने क्या कहा?

रजत बचपन से आपके अंडर में खेल रहे हैं, वे कैसे खिलाड़ी हैं? कोच – रजत सात-आठ साल की उम्र से हमारे पास आ रहा है। वह बहुत अनुशासित है। हमारे क्लब में भी वह कप्तानी के दौरान हमेशा गंभीर रहता था। खिलाड़ियों के साथ घुल-मिलकर रहता है। मैच के बाद वह बताता था कि किसे कैसे सुधार करना है। किस गेंदबाज से कब गेंदबाजी करानी है, किसे कहां खड़ा करके फील्डिंग करनी है। यह सब रजत को बहुत अच्छे से आता है।

रजत की प्रतिभा को आपने कैसे पहचाना? कोच – दशहरा मैदान में इसके पिताजी ग्राउंड पर लेकर आते थे। इसका पूरा ध्यान क्रिकेट पर रहता था। हंसी-मजाक या दूसरी कोई एक्टिविटी में नहीं रहता था। रजत से 30 यार्ड की बाउंड्री भी पार नहीं होती थी। शुरू में बॉलिंग करता था, कीपिंग भी करता था, लेकिन चोट न लग जाए, इसके लिए हम विशेष ध्यान रखते थे। ताकि ये बॉलिंग-बैटिंग पर फोकस कर सके।

रजत को आगे बढ़ाने के लिए आपने क्या किया?

रजत को भविष्य में किस जगह देख पा रहे हैं? कोच – अंडर 19 तक इसे कोई चांस नहीं मिले। एमपी के ट्रायल में फेल हुआ, लेकिन कभी रुका-थका नहीं, लगातार अच्छा करने के कोशिश करता रहा और जब इसे मौका मिला, उसे छोड़ा नहीं। ये एक-दो साल में भारत के शीर्ष पर नजर आएगा।

रजत पाटीदार के ग्लव्स के साथ बचपन के कोच राम अत्रे।

विकेट कीपिंग का एक किस्सा भी साझा किया राम अत्रे ने बताया कि रजत को बैटिंग, बॉलिंग और विकेट कीपिंग का भी शौक है। हमारे साथ एक मैच के दौरान वह विकेट कीपिंग करने का बोलने लगा, लेकिन हमें यह था कि उसे लग नहीं जाए। इसलिए हमने उसके विकेट कीपिंग के ग्लव्स छिन लिए, नहीं तो वह विकेट कीपिंग भी करने लग जाता। वो ग्लव्स अभी भी मेरे पास रखे हुए हैं।

IPL 2025 में रजत पाटीदार ने दो फिफ्टी लगाई

रणजी ट्रॉफी फाइनल 2022 में पाटीदार का शतक रजत पाटीदार इंदौर के रहने वाले हैं। उनके परिवार में पिता मनोहर पाटीदार, मां मंजू पाटीदार, भाई महेंद्र पाटीदार और बहन सुनीता पाटीदार हैं। रजत ने न्यू दिगंबर जैन पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की है। उनकी जर्सी का नंबर 87 है। मध्यप्रदेश के कोच चंद्रकांत पंडित के समय रजत पाटीदार मप्र टीम के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में से एक माने जाते थे।

रजत ने कई मुश्किल मौकों पर टीम को संभाला और अहम पारियां खेलीं। रणजी ट्रॉफी 2022 के फाइनल रजत पाटीदार के करियर का यादगार लम्हा बन गया। फाइनल में मुंबई जैसी मजबूत टीम को मध्यप्रदेश की टीम ने हराकर पहली बार रणजी ट्रॉफी खिताब अपने नाम किया। इस जीत में रजत की अहम भूमिका रही। रजत ने 219 गेंदों में 121 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली थी।

रणजी ट्रॉफी 2022 के फाइनल में रजत ने 219 गेंदों में 121 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली थी।

2022 में एलएसजी के खिलाफ 112 रन की पारी खेली थी रजत पाटीदार ने आईपीएल 2022 के एलिमिनेटर मैच में एलएसजी के खिलाफ नाबाद 112 रन की पारी खेली। इस पारी को आईपीएल की सबसे यादगार पारियों में से एक माना जाता है। उन्होंने न सिर्फ शतक लगाया बल्कि आरसीबी को प्लेऑफ में पहुंचाने में भी अहम भूमिका निभाई। इस पारी के बाद उनकी अलग पहचान बन गई और वे सबकी नजरों में आ गए।

आईपीएल 2022 के एलिमिनेटर मैच में एलएसजी के खिलाफ नाबाद 112 रन की पारी खेली थी।

अब जानते हैं, रजत के खास दोस्त अभिषेक पथरोड़ ने भास्कर को क्या बताया… मैं और रजत 17-18 साल पुराने दोस्त हैं। 13 साल की उम्र से हम एक-दूसरे को जानते हैं। हम विजय क्रिकेट क्लब से खेलते थे। अभी मेरा प्रोफेशन कोच का हो गया है। रजत की लाइफ में दो-तीन बार टर्निंग पॉइंट आए। एक बार उसके घुटने में इंजरी हुई थी। तब वह बहुत खराब टाइम से निकला। कुछ टाइम पहले उसकी एड़ी में इंजरी हुई थी। अभी लास्ट के तीन मैच उसने इंजरी में खेले हैं। क्योंकि वह टीम को यहां तक लेकर आया था।

IPL 2025 की ट्रॉफी जीतने के बाद रजत पाटीदार और अभिषेक गले मिलते हुए नजर आए।

टेस्ट, वन-डे और टी-20 फॉर्मेट का बेस्ट प्लेयर है रजत पथरोड़ ने बताया कि रजत पहले बॉलिंग भी करता था। वह ऑफ स्पिन बॉल डालता था, पर अभी नहीं करता है। वह फील्डर बहुत अच्छा है। एक कोच के तरह उसे देखें तो उसे किसी न किसी इंटरनेशनल टीम का हिस्सा होना चाहिए। वह टेस्ट, वन-डे और टी-20 तीनों फॉर्मेट का बेस्ट प्लेयर है।

वैसे तो बचपन की बहुत सारी यादें हैं, किस्से हैं। अभी बताना चाहूंगा कि आरसीबी ने उसे कैप्टन बनाने के लिए अप्रोच किया था। तब हमारी ऐसी ही बात हो रही थी। तब मजाक में उसने कहा था कि हो सकता है इस साल मैं आरसीबी को कप जीता दूं। उसकी वह बात सच हो गई और मैच के बाद हमने सेलिब्रेट भी किया। रजत दो से तीन दिन बाद इंदौर आ सकता है।

दोस्त अभिषेक पथरोड़ के साथ जीत के बाद ट्रॉफी लिए रजत पाटीदार।

अभिषेक ने बताया- जैसा सोचा था वैसा हुआ अभिषेक ने बताया कि वह फाइनल मैच देखने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम गए थे। जब रजत कैप्टन बना था तो मैंने उसे एक ही बात बोली थी कि मैं मैच देखने तभी आऊंगा, जब तेरी कैप्टनशिप में फाइनल खेलेंगे और वही हुआ भी कि रजत की कैप्टनशिप में टीम फाइनल खेली।

मैं सिर्फ फाइनल मैच ही देखने गया। इसके पहले का कोई मैच देखने नहीं गया। वही बात हुई। जब हम नीचे मिले तो रजत ने बोला कि जैसा अपन ने सोचा था, वैसा हुआ। हम फाइनल जीत गए। इंदौर में भी स्थिति के अनुसार जीत का सेलिब्रेशन करने का प्लान है।

अभिषेक पथरोड़ और रजत पाटीदार बचपन के दोस्त हैं।

रजत को कॉल करके मैच खेलने बुलाते थे एमवायसीसी के कोच दिनेश शर्मा ने बताया कि जब रजत 12-13 साल का था, तब उसके पिता उसे मेरे पास लाया करते थे। जब वह जूनियर क्रिकेट से सीनियर टीम में आया, तब जिले में क्रिकेट प्रेमी कलेक्टर राघवेंद्र सिंह थे। उस समय भी हम रजत को खेलने के लिए बुलाया करते थे, क्योंकि कलेक्टर साहब खुद भी क्रिकेट खेलते थे और रजत अंडर-19 में लगातार रन बना रहा था। उस समय टीम की जिम्मेदारी मेरे पास ही थी, इसलिए मैं ही उसे कॉल करके बुलाता था।

रजत ने इंदौर और इंदौर के बाहर भी कई मैच खेले हैं। ये ऑफिशियल टूर्नामेंट होते थे, जिनमें शहडोल डिवीजन और अलग-अलग डिवीजन के अधिकारियों की टीम बुलाते थे और इंदौर की ओर से हमारी टीम हिस्सा लेती थी। रजत उन मैचों में भी खेलने जाता था। अगर उसके शुरुआती ट्रैक रिकॉर्ड को देखें, तो मुझे लगता है कि उसने जहां से शुरुआत की, अंडर-15, अंडर-19, अंडर-22, वह सभी स्तर के क्रिकेट खेल चुका है।

रजत शुरू से ही डिसिप्लीन में रहता है। क्रिकेट के साथ ही उसे फुटबॉल भी प्रिय है। फुटबॉल खेलने के दौरान उसे इंजरी भी हुई थी। रजत को किसी से कंपेयर नहीं किया जा सकता। वह बड़ा प्लेयर बन गया है, अच्छे मुकाम पर है। रजत का 20-20 में, वन-डे में यहां तक की टेस्ट मैच में भी अच्छा रिकॉर्ड है। इस फॉर्मेट में तो विराट कोहली ही है। मैं किसी से उसका कंपेयर नहीं करूंगा। रजत का फ्यूचर बहुत अच्छा होने वाला है।

पत्नी और परिवार को लाइमलाइट से दूर रखते हैं रजत की शादी साल 2022 में रतलाम की गुंजन पाटीदार से हुई थी। रजत अपनी निजी जिंदगी को बहुत प्राइवेट रखते हैं, इसलिए उनकी पत्नी के बारे में ज्यादा जानकारी लोगों को नहीं पता। रजत और उनकी पत्नी दोनों ही मीडिया और लाइमलाइट से दूर रहना पसंद करते हैं।

देखिए रजत पाटीदार की तस्वीरें

रजत पाटीदार के साथ दोस्त अभिषेक। रजत ने खिलाड़ी के तौर पर अपना करीयर बनाया, वहीं अभिषेक का प्रोफेशन कोच का हो गया।

पैर की सर्जरी से रिकवर होने के बाद 17 दिसंबर 2023 को 10 दोस्तों के ग्रुप के साथ वैष्णोदेवी दर्शन के लिए गए थे।

3 मई 2023 को रजत के पैर की सर्जरी की गई थी।

रजत पाटीदार ने साल 2022 में रतलाम की गुंजन पाटीदार से शादी की थी। यह शादी परिवार और करीबी दोस्तों की मौजूदगी में, सादगी से हुई थी।

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इंदौर के रजत की कप्तानी, पहली बार IPL जीती RCB

इंदौर के रजत पाटीदार की कप्तानी में आखिरकार रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु (आरसीबी) को आईपीएल की ट्रॉफी मिल ही गए। 17 साल से आईपीएल में आरसीबी ने कई कप्तान बदले पर रजत इस टीम के लिए लकी चार्म साबित हुए। रजत ने इस आईपीएल में 15 मैच में 143.77 के स्ट्राइक रेट से 312 रन बनाए। इस सीजन वे दो फिफ्टी भी लगा चुके हैं। अब तक रजत आईपीएल में 1111 रन बना चुके हैं। पढ़ें पूरी खबर…



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