वॉशिंगटन डीसी/तेल अवीव27 मिनट पहले
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ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर नेतन्याहू के बचाव किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार मुकदमे की आलोचना की है।
उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश बताया है। इससे हमास के साथ चल रही वार्ता और ईरान के परमाणु खतरे से निपटने की कोशिशों को नुकसान पहुंचा सकता है।
ट्रम्प ने शनिवार को ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए लिखा,
इजराइल में नेतन्याहू के साथ जो हो रहा है, वो बेहद गलत है। वो एक जंग के हीरो हैं और अमेरिका के साथ मिलकर उन्होंने ईरान के खतरनाक परमाणु कार्यक्रम को रोकने में शानदार काम किया है।
ट्रम्प ने आगे कहा, “ये पागलपन है और न्याय का मजाक है। अमेरिका हर साल अरबों डॉलर इजराइल की मदद में खर्च करता है। हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे। नेतन्याहू को इस मामले से मुक्त किया जाना चाहिए, उनके पास और भी बड़े काम हैं।”
यह पहली बार है जब किसी मौजूदा इजराइली प्रधानमंत्री पर आपराधिक मामले में मुकदमा चल रहा है। (फाइल फोटो)
नेतन्याहू खिलाफ तीन अलग-अलग मामले दर्ज
नेतन्याहू के खिलाफ यह मुकदमा मई 2020 में शुरू हुआ था। उन पर इजराइल में धोखाधड़ी, विश्वासघात और रिश्वत लेने के तीन अलग-अलग मामलों में मुकदमा चल रहा है।
1. केस 1000 (गिफ्ट केस): नेतन्याहू पर हॉलीवुड प्रोड्यूसर अर्नोन मिलचन और ऑस्ट्रेलियाई अरबपति जेम्स पैकर से महंगे गिफ्ट लेने के आरोप हैं।
इनमें 2 लाख डॉलर की कीमत के सिगार, शैम्पेन, ज्वेलरी आदि शामिल हैं। आरोप है कि इसके बदले नेतन्याहू ने उन्हें राजनीतिक लाभ दिया।
2. केस 2000 (मीडिया डील केस): नेतन्याहू पर आरोप है कि उन्होंने येडियोट अहरोनोत अखबार के पब्लिशर से अपने लिए पॉजिटिव कवरेज की डील की। इसके बदले उन्होंने प्रतिद्वंदी अखबार इजराइल हायोम को कमजोर करने वाला कानून पास करने की शर्त मंजूर की।
3. केस 4000 (बीजेक टेलिकॉम केस): इस केस में नेतन्याहू पर आरोप है कि उन्होंने बीजेक नाम की टेलिकॉम कंपनी को लाभ पहुंचाया और इसके बदले मालिक शाउल एलोविच के न्यूज पोर्टल वल्ला पर अपने पक्ष में खबरें छपवाईं।
नेतन्याहू ने इन सभी आरोपों को झूठा और राजनीति से प्रेरित बताया है। फिलहाल इस मामले में कम से कम 2026 तक फैसला आने की उम्मीद नहीं है। इसके बाद नेतन्याहू सुप्रीम कोर्ट में भी अपील कर कर सकते हैं।
इजराइली कानून के मुताबिक, जब तक सुप्रीम कोर्ट नेतन्याहू को दोषी नहीं ठहराता, उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ने की जरूरत नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में भी नेतन्याहू पर मुकदमा दर्ज
घरेलू मुकदमों के अलावा हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने नेतन्याहू पर युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
आरोप है कि उन्होंने गाजा में आम नागरिकों को निशाना बनाया और भूख को एक रणनीति की तरह इस्तेमाल किया। हालांकि ये केस भ्रष्टाचार मामलों से अलग है, लेकिन इससे नेतन्याहू की छवि पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी असर पड़ा है।
नेतन्याहू की पत्नी सारा पर भी केस दर्ज
प्रधानमंत्री नेतन्याहू की पत्नी सारा नेतन्याहू भी अलग-अलग मामलों में कानूनी विवादों में रही हैं।
1. 2018 कैटरिंग घोटाला: सारा पर 2010-2013 के बीच प्रधानमंत्री आवास में झूठ बोलकर बाहर से 1 लाख डॉलर से ज्यादा का महंगा खाना मंगवाने का आरोप था। उन्होंने 2019 में एक समझौते के तहत कुछ आरोप स्वीकार किए और करीब 12500 डॉलर की भरपाई और जुर्माना चुकाकर जेल जाने से बच गईं।
2. 2025 गवाह को धमकाने की जांच: फरवरी 2025 में पुलिस ने सारा पर नेतन्याहू के केस से जुड़े एक गवाह को धमकाने का मामला दर्ज किया था। उन पर गवाह को धमकाने और न्याय में बाधा डालने का आरोप लगाकर आपराधिक जांच चल रही है।
3.कर्मचारियों से दुर्व्यवहार का मामला: 2016 में सारा के घर में काम करने वाले एक कर्मचारी ने उनके खिलाफ उत्पीड़न का केस किया था। इस मामले में कर्मचारी की जीत हुई थी। उसे जीत के बदले 42 हजार डॉलर हर्जाना मिला था।