बीजिंग3 घंटे पहले
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चीन की सेना में 2023 से एंटी करप्शन ऑपरेशन चल रहा है। इसी के तहत टॉप सैन्य अधिकारियों की जांच की जा रही है।
चीन ने एंटी करप्शन प्रोग्राम के तहत शुक्रवार को सेना के तीन सीनियर अधिकारियों को पद से हटा दिया। इनमें जनरल मियाओ हुआ, नेवी के चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल ली हानजुन और चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉरपोरेशन के डिप्टी चीफ इंजीनियर लियू शिपेंग शामिल हैं।
हॉन्गकॉन्ग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, तीनों अधिकारियों पर भ्रष्टाचार की वजह से एक्शन लिया गया। इन सभी को चीनी संसद नेशनल पीपल्स कांग्रेस (NPC) ने बर्खास्त किया।
चीन को डर है कि भ्रष्टाचार की वजह से चीन की सेना कमजोर हो रही है। इसलिए 2023 से सेना में एंटी करप्शन ड्राइव चल रही है। इसके तहत अब तक करीब 10 जनरल और कई अधिकारियों को हटाया जा चुका है।
जनरल मियाओ को खुद राष्ट्रपति जिंगपिंग ने चुना था
जनरल मियाओ हुआ चीन की सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के सदस्य और इसके पॉलिटिकल वर्क डिपार्टमेंट के डायरेक्टर थे। उन्हें नवंबर 2024 से भ्रष्टाचार की वजह से जांच के दायरे में रखा गया था।
मियाओ को अप्रैल 2025 में NPC से हटाया गया था और अब उन्हें CMC से भी बर्खास्त कर दिया गया है। वे चीनी आर्मी में कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा के मैनेजमेंट के लिए जिम्मेदार थे।
मियाओ को खुद राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने व्यक्तिगत तौर पर चुना था और उनका करियर शी के सत्ता में आने के बाद तेजी से आगे बढ़ा था।
वहीं, वाइस एडमिरल ली हानजुन नेवी के चीफ ऑफ स्टाफ थे और लियू शिपेंग न्यूक्लियर सेक्टर में काम करते थे। लियू शिपेंग को भी NPC से हटा दिया गया है।
मियाओ हुआ को शी जिनपिंग का करीबी सहयोगी माना जाता था।
रक्षा मंत्री पर भी लगा था भ्रष्टाचार का आरोप
राष्ट्रपति बनने के बाद से ही शी जिनपिंग सेना में फैले भ्रष्टाचार की रोकथाम में लगे हैं। पिछले साल चीन के रक्षा मंत्री डोंग जुन का भी एंटी करप्शन ड्राइव में नाम आया था, जिसके बाद उनके खिलाफ जांच बैठाई गई थी। इससे पहले दो पूर्व रक्षा मंत्री ली शांगफू और वेई फेंगहे को पद से हटा दिया गया था।
शी का टारगेट सेना में कम्युनिस्ट पार्टी के लिए वफादारी तय करना और इसे ग्लोबल सुपर पावर बनाना है। एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार को खत्म करने के साथ-साथ शी जिनपिंग की सत्ता को और मजबूत करने का हिस्सा है।
डोंग जुन दिसंबर 2023 में रक्षा मंत्री बने थे। वे चीन के तीसरे रक्षा मंत्री थे, जिनके खिलाफ इस तरह की जांच शुरू की गई थी।
चीन लगातार अपनी सेना को आधुनिक बना रहा
चीन लगातार अपनी सेना का आधुनिकीकरण कर रहा है। चीन ने इस साल के अपने सालाना रक्षा बजट में 7.2% की बढ़त की है। इस साल यह 249 अरब डॉलर (1.78 ट्रिलियन युआन) हो गया। यह भारत के 79 अरब डॉलर के सैन्य बजट के मुकाबले करीब 3 गुना ज्यादा है।
एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि चीन का वास्तविक डिफेंस खर्च उसकी तरफ से बताए गए खर्च से 40-50% ज्यादा है। चीन अपने सैन्य खर्च को कम दिखाने के लिए अलग-अलग सेक्टर के तहत धन आवंटित करता है।
चीन अमेरिका के बाद सेना पर सबसे ज्यादा खर्च करता है। अमेरिका का रक्षा बजट 950 अरब डॉलर के करीब है। जो चीन के बजट से 4 गुना से भी ज्यादा है।
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