Friday, June 27, 2025

Prisoner CNN helped free from Syrian prison was actually notorious Assad regime torturer: report | सीरिया जेल पर CNN की रिपोर्ट झूठी निकली: जिसे कैदी बताया वो असद सरकार का खुफिया अधिकारी निकला, चैनल ने कहा- हमें गुमराह किया गया

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दमिश्क4 घंटे पहले

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11 अक्टूबर को दमिश्क की जेल से ‘कैदी’ को बाहर निकालतीं क्लैरिसा वार्ड।

सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के देश छोड़कर भागने के बाद 8 दिसंबर को विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद हजारों कैदी वहां की जेलों से आजाद करा दिए गए थे।

इन्हीं कैदियों में से एक कैदी की रिहाई का लाइव फुटेज अमेरिकी चैनल CNN पर भी प्रसारित हुआ था। अब पता चला है कि वो पूरा मामला ही फेक था।

CNN ने भी यह माना है कि उसे गुमराह किया गया था। मीडिया चैनल ने सोमवार को कहा कि दमिश्क की जेल से जिस कैदी की रिहाई का दावा किया गया था, वह कोई सामान्य कैदी नहीं था बल्कि असद सरकार का खुफिया अधिकारी था।

11 दिसंबर को जेल में जब CNN की टीम पहुंची तो कैदी इस हालत में था।

जैल से निकलने के बाद आसमान की तरफ देखकर ऊपरवाले का शुक्रिया अदा करता ‘कैदी’।

कैदी ने पत्रकार क्लेरिसा वार्ड का शुक्रिया अदा किया।

12 साल पहले लापता हुए पत्रकार की तलाश में जेल पहुंची थी CNN की टीम

CNN ने बताया कि 11 दिसंबर को उसकी टीम लापता अमेरिकी पत्रकार ऑस्टिन टाइस की तलाश में जेल पहुंची थी। ऑस्टिन 2012 में सीरिया के गृहयुद्ध को कवर करने गए हुए थे। इस दौरान उनका अपहरण हो गया था।

असद सरकार के पतन के बाद CNN पत्रकार क्लेरिसा वार्ड, ऑस्टिन की तलाश में दमिश्क की जेल पहुंची थी। इस दौरान उन्हें एक कमरा मिला जिसमें ताला लगा था। ताला तोड़ने के बाद उस कमरे में एक शख्स मिला, जिसने अपना नाम अदेल गुरबल बताया था।

जब अदेल को बताया गया कि असद सरकार गिर गई है तो वह खुशी से झूम उठा था। अदेल ने कहा कि उसे असद सरकार की सेना ने 3 महीने पहले गिरफ्तार किया था। वह इतने समय से इसी जेल में कैद था।

सोशल मीडिया पर CNN का यह वीडियो वायरल हो गया। हालांकि इस वीडियो की सच्चाई पर लोगों ने सवाल खड़े करने शुरू कर दिए। एक यूजर ने लिखा-

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3 महीने से कैद शख्स इतना स्वस्थ कैसे हो सकता है। उसके कपड़े भी बिल्कुल साफ हैं। जो शख्स 3 महीने से अंधेरे कमरे में कैद है, बाहर निकलने के बाद तेज रोशनी में भी वह साफ कैसे देख पा रहा है। यह मामला संदिग्ध लग रहा है।

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एक यूजर ने पत्रकार क्लेरिसा की रिपोर्टिंग पर भी सवालिया निशान लगाए। उसने लिखा कि CNN पत्रकार ने जानबूझकर ये सीन क्रिएट किया है। यह सीरियाई कैदियों का अपमान और शोषण है।

अमेरिकी फैक्ट चेक वेबसाइट ने खुलासा किया

बाद में अमेरिकी फैक्ट चेक वेबसाइट ‘वेरीफाई-एसवाई’ ने इस पूरे मामले का खुलासा कर दिया। वेरीफाई-एसवाई ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कैदी ‘अदेल गुरबल’ का असली नाम ‘सलामा मोहम्मद सलामा’ है। उसे ‘अबू हमजा’ के नाम से भी जाना जाता है। सलामा असद सरकार के खुफिया विभाग में लेफ्टिनेंट के पद पर था।

रिपोर्ट में बताया गया है कि सलामा चेक प्वाइंट्स पर जबरन वसूली करने और लोगों को यातनाएं देने के लिए कुख्यात था। हालांकि अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि सलमा जेल में कैसे पहुंचा।

क्लेरिसा वार्ड पर फर्जी कहानियां गढ़ने का आरोप

क्लेरिसा वार्ड पर पहले भी टीवी रेटिंग बढ़ाने के लिए फर्जी कहानियां गढ़ने के आरोप लग चुके हैं। 7 अक्टूबर को इजराइल-हमास जंग शुरू हुई थी जिसे कवर करने वह गाजा पहुंची थी। इस दौरान एक वीडियो बनाने के दौरान वह जमीन पर गिर गई थी।

वह यह बताना चाह रही थी कि रॉकेट के हमले से बचने के लिए वह जमीन पर गिरी है। सोशल मीडिया पर ये दावा किया गया कि हकीकत में आस-पास कहीं बम या रॉकेट नहीं गिरा था।

CNN पत्रकार क्लेरिसा पर नाराजगी जताती फिलिस्तीनी महिला। यह फुटेज सोशल मीडिया पर कुछ महीने पहले वायरल हुई थी।

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