Saturday, June 28, 2025

Protests erupt in Syria over Christmas tree burning | सीरिया में क्रिसमस ट्री जलाने को लेकर हंगामा: सड़कों पर उतरे हजारों ईसाई, असद को हटाने वाली HTS ने दोषियों को पकड़ा

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दमिश्क49 मिनट पहले

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सीरिया के हामा शहर में सोमवार शाम को क्रिसमस ट्री जलाया गया।

सीरिया के हामा शहर में क्रिसमस ट्री जलाने के विरोध में मंगलवार को भारी हंगामा हुआ। ईसाई समुदाय के हजारों लोग विरोध के रूप में सड़कों पर उतरे। लोगों ने सीरियाई झंडे और ईसाई धर्म के प्रतीक क्रॉस के साथ प्रदर्शन किए।

वहीं, सीरिया के असद सरकार को हटाने वाले विद्रोही गुट HTS ने इस घटना में शामिल आरोपियों को हिरासत में लेने का दावा किया है। इस्लामी संगठन ने कहा कि आगजनी करने वाले लोग विदेशी लड़ाके हैं। उन्हें हिरासत में ले लिया गया है।

HTS ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को आश्वासन दिया कि क्रिसमस ट्री को जल्द ही ठीक कर दिया जाएगा, लेकिन बावजूद इसके हजारों प्रदर्शनकारी सीरिया की सड़कों पर हैं। इनकी मांग है कि नए इस्लामी शासन में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा हो।

इससे पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें दो नकाबपोश लोग ईसाई बाहुल्य सुलैबिया शहर में क्रिसमस ट्री में आग लगा रहे थे।

सीरिया के हामा शहर में क्रिसमस ट्री जलाने के विरोध में लोगों ने प्रदर्शन किया।

हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़- प्रदर्शनकारी

न्यूज एजेंसी AFP से बातचीत में जॉर्जिस नाम के शख्स ने कहा-

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अगर हमें अपने देश में ईसाई धर्म का पालन नहीं करने दिया जाएगा, तो इस देश से हमारा भी रिश्ता नहीं होगा।

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एक और प्रदर्शनकारी ने कहा कि सीरिया एक आजाद देश है और जो यहां के नहीं हैं उन्हें देश छोड़ देना चाहिए। उन्होंने ये बात विदेशी लड़ाकों को लेकर कही। दरअसल, असद सरकार को हटाने के लिए कई विदेशी लड़ाके भी HTS की मदद कर रहे थे।

एक और प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह केवल एक पेड़ जलाने की घटना नहीं है। हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है। सीरिया में कुर्द, अर्मीनियाई, असीरियन, ईसाई, ड्रूज़, शिया और अरब सुन्नी समेत कई धर्म और संप्रदाय के लोग रहते हैं।

सीरिया में 2011 में गृह युद्ध शुरू होने से पहले तक करीब 15 लाख क्रिश्चियन रहते थे। ये कुल आबादी का 10% थे। बीते 14 साल में घटकर 2% से भी कम रह गए हैं। अभी देश में करीब तीन लाख क्रिश्चियन आबादी है। इनमें ज्यादातर दमिश्क और आसपास के इलाके में रहते हैं। दूसरे बड़े शहर अलेप्पो में इनकी आबादी 12% से गिरकर 2023 में 1.4% रह गई।

सीरिया से जुड़े ये खबरें भी देखिए…

1. महिलाएं बोलीं- हमारे बिना NO आजादी, बच्चियों ने कहा- अब स्कूल जाना चाहते हैं

सीरिया की राजधानी दमिश्क के सबसे बड़े चौराहे उमय्यद स्क्वायर पर आजादी के नारे गूंज रहे हैं। 8 दिसंबर को राष्ट्रपति बशर-अल-असद के देश छोड़कर भागने के बाद इसी चौराहे पर जश्न मना था। लोगों ने कहा कि अब सीरिया आजाद है, लेकिन दमिश्क की महिलाएं अब भी मानती हैं कि ये आजादी अधूरी है। वे आराम से जीना चाहती हैं। बच्चियां स्कूल जाना चाहती हैं। देखिए वीडियो

2. एक रोटी की कीमत 1300 सीरियन पाउंड, दुकानों के बाहर लंबी लाइनें

सीरिया की राजधानी दमिश्क में लोगों की सुबह ब्रेड यानी रोटियां खरीदने से शुरू होती है। रोटी की बाकायदा दुकानें हैं। इनके सामने सुबह 7 बजे से ही लंबी लाइनें लगने लगती हैं। एक रोटी की कीमत करीब 1300 सीरियन पाउंड है। गृह युद्ध की वजह से सीरिया में बहुत ज्यादा महंगाई है। इसलिए लोगों को जरूरत की चीजें जुटाना भी भारी पड़ रहा है। देखिए वीडियो

3. पूर्व सीरियाई राष्ट्रपति की पत्नी ने तलाक की अर्जी दी:दावा- उनके साथ रूस में खुश नहीं; असद 8 दिसंबर से मॉस्को में

सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद की पत्नी अस्मा अल असद ने तलाक के लिए अर्जी दी है। इजराइली अखबार यरुशलम पोस्ट के मुताबिक, सीरिया की सत्ता से बाहर हो चुके असद की पत्नी अस्मा रूस में रहकर खुश नहीं हैं। वह ब्रिटेन जाने का प्लान बना रही हैं। अस्मा ने रूसी अदालत में देश छोड़ने के लिए आवेदन भी किया है। पूरी खबर यहां पढ़े…

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