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फ्लोरिडा18 मिनट पहले
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यह मिशन सबसे पहले 29 मई को लॉन्च होना था। बाद में इसे 8 जून, 10 जून, 11 जून, 19 जून और फिर 22 जून को स्थगित कर दिया गया था।
भारतीय गगनयात्री शुभांशु शुक्ला एक्सिअम मिशन 4 के तहत आज यानी, 25 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन, यानी ISS जा रहे हैं। उनके साथ तीन अन्य एस्ट्रोनॉट भी स्पेस स्टेशन जाएंगे।
मिशन भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से जुड़े ड्रैगन कैप्सूल में शुभांशु उड़ान भरेंगे।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और भारतीय एजेंसी इसरो के बीच हुए एग्रीमेंट के तहत ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए चुना गया है। शुभांशु अभी इंडियन एयरफोर्स में ऑफिसर है।
शुभांशु इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले और स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। इससे 41 साल पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी।
ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट करीब 28.5 घंटे के बाद 26 जून को शाम 04:30 बजे ISS से जुड़ेगा।
लॉन्च से पहले फ्लोरिडा में कैनेडी स्पेस सेंटर पर कॉम्प्लेक्स 39 A में खड़ा फाल्कन-9 रॉकेट और कैप्सूल।
बीते दिनों शुभांशु शुक्ला समेत सभी 4 एस्ट्रोनॉट ने फुल ड्रेस रिहर्सल की थी। इसमें असेंबली बिल्डिंग से रॉकेट तक जाने, उसमें बैठने के प्रोसेस को फॉलो किया।
6 बार टाला गया एक्सियम-4 मिशन
- 29 मई को ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के तैयार नहीं होने के कारण लॉन्चिंग टाल दी गई।
- इसे 8 जून को शेड्यूल किया गया। फाल्कन-9 रॉकेट लॉन्च के लिए तैयार नहीं था।
- नई तारीख 10 जून दी गई। फिर से इसे मौसम खराब होने की वजह से टाला गया।
- चौथी बार 11 जून को मिशन शेड्यूल किया गया। इस बार आक्सीजन लीक हो गई।
- नई तारीख 19 जून दी गई। मौसम की अनिश्चितता, क्रू मेंबर्स की सेहत के कारण टल गया।
- छठी बार मिशन को 22 जून के लिए शेड्यूल किया गया। ISS के ज्वेज्दा सर्विस मॉड्यूल के मूल्यांकन करने के लिए अतिरिक्त समय चाहिए था। इसलिए मिशन टल गया।
मिशन का उद्देश्य: स्पेस स्टेशन बनाने की प्लानिंग का हिस्सा
Ax-4 मिशन का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में रिसर्च करना और नई टेक्नोलॉजी को टेस्ट करना है। ये मिशन प्राइवेट स्पेस ट्रैवल को बढ़ावा देने के लिए भी है और एक्सियम स्पेस प्लानिंग का हिस्सा है, जिसमें भविष्य में एक कॉमर्शियल स्पेस स्टेशन (एक्सियम स्टेशन) बनाने की योजना है।
- वैज्ञानिक प्रयोग: माइक्रोग्रेविटी में विभिन्न प्रयोग करना।
- टेक्नोलॉजी टेस्टिंग: अंतरिक्ष में नई तकनीकों का परीक्षण और विकास।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग: विभिन्न देशों के अंतरिक्ष यात्रियों को एक मंच प्रदान करना।
- एजुकेशनल एक्टिविटीज: अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लोगों को प्रेरित करना और जागरूकता फैलाना।
अब 5 जरूरी सवालों के जवाब:
सवाल 1: कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
जवाब: शुभांशु का जन्म 1986 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से की। वह 2006 में वायु सेना में शामिल हुए और फाइटर जेट्स उड़ाने का अनुभव रखते हैं।
उन्हें ISRO के गगनयान मिशन के लिए भी चुना गया है, जो भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है। अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए उन्होंने रूस और अमेरिका में खास ट्रेनिंग ली। इसमें उन्होंने माइक्रोग्रैविटी में काम करना, इमरजेंसी हैंडलिंग, और वैज्ञानिक प्रयोग सीखे।
सवाल 2: शुभांशु ISS पर क्या करेंगे?
जवाब: शुभांशु वहां 14 दिनों तक रहेंगे और 7 प्रयोग करेंगे, जो भारतीय शिक्षण संस्थानों ने तैयार किए हैं। इनमें ज्यादातर बायोलॉजिकल स्टडीज होंगी, जैसे कि अंतरिक्ष में मानव स्वास्थ्य और जीवों पर असर देखना।
इसके अलावा, वो NASA के साथ 5 और प्रयोग करेंगे, जो लंबे अंतरिक्ष मिशनों के लिए डेटा जुटाएंगे। इस मिशन में किए गए प्रयोग भारत के गगनयान मिशन को मजबूत करेंगे।
सवाल 3: इस मिशन में भारत को कितनी लागत आई है?
जवाब: इस मिशन पर भारत ने अब तक करीब 548 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसमें शुभांशु और उनके बैकअप ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर की ट्रेनिंग का खर्च भी शामिल है। ये पैसे ट्रेनिंग, उपकरण, और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी में लगे हैं।
शुभांशु की ट्रेनिंग की 3 तस्वीरें…
शुभांशु ने NASA, ESA, और JAXA जैसी स्पेस एंजेंसीज के साथ ट्रेनिंग की है।
शुभांशु को ISRO के गगनयान मिशन के लिए भी चुना गया है, जो भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है।
सवाल 4: भारत के लिए यह मिशन कितना अहम है?
जवाब: शुभांशु का ये अनुभव गगनयान मिशन (2027 में प्लान्ड) के लिए बहुत मददगार होगा। वो जो डेटा और अनुभव लाएंगे, वो भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम को आगे बढ़ाएगा। 24-25 जून को वापस आने के बाद वो अपने प्रयोगों के नतीजे शेयर करेंगे।
सवाल 5: क्या ये प्राइवेट स्पेस मिशन है?
जवाब: हां, एक्सियम मिशन 4 एक प्राइवेट स्पेस फ्लाइट मिशन है। अमेरिका की प्राइवेट स्पेस कंपनी एक्सियम स्पेस और नासा के कोलेबोरेशन में यह हो रहा है। एक्सियम स्पेस का यह चौथा मिशन है।
- 17 दिन का एक्सियम 1 मिशन अप्रैल 2022 में लॉन्च हुआ था।
- 08 दिन का एक्सियम का दूसरा मिशन 2 मई 2023 में लॉन्च हुआ था।
- 18 दिन का तीसरा मिशन 3 जनवरी 2024 में लॉन्च किया गया था।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन क्या है?
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पृथ्वी के चारों ओर घूमने वाला एक बड़ा अंतरिक्ष यान है। इसमें एस्ट्रोनॉट रहते हैं और माइक्रो ग्रेविटी में एक्सपेरिमेंट करते हैं। यह 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रैवल करता है। यह हर 90 मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा पूरी कर लेता है। 5 स्पेस एजेंसीज ने मिलकर इसे बनाया है। स्टेशन का पहला पीस नवंबर 1998 में लॉन्च किया गया था।
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लखनऊ के शुभांशु शुक्ला जल्द ही NASA और Axiom Space के कंबाइंड मिशन पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की उड़ान भरेंगे। मिशन में उनके साथ 4 लोग जा रहे हैं। मिशन का नाम-Axiom 4 है। अंतरिक्ष में वे 14 दिन रहेंगे। इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन और एस्ट्रोनॉट शुभांशु ऐसा करने वाले के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे, उनसे पहले राकेश शर्मा ये कारनामा कर चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें…