Friday, June 27, 2025

India Offers 4-Point Plan to Ease Border Tension with China | SCO 2025 | राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षामंत्री को मधुबनी पेंटिंग गिफ्ट की: वन टु वन मीटिंग में कहा- सैनिकों की वापसी से जुड़े समझौते का पालन हो

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बीजिंग4 मिनट पहले

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भारत और चीन के बीच शुक्रवार को SCO समिट की साइडलाइन में रक्षा मंत्रियों की द्विपक्षीय बैठक हुई। इसमें भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षामंत्री एडमिरल डोंग जुन शामिल हुए। राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री को बिहार की मधुबनी पेंटिंग भेंट की। इस बैठक में राजनाथ सिंह ने चीन के साथ कूटनीतिक संबंधों को बेहतर करने के लिए एडमिरल डोंग जुन को 4 पॉइंट वाला प्लान पेश किया है।

ये चारों पॉइंट इस तरह हैं…

  • सैनिकों की वापसी से जुड़े 2024 के समझौते का पूरी तरह पालन हो।
  • सीमा पर तनाव कम करने के लिए प्रयास जारी रखना।
  • बॉर्डर तय करने की प्रकिया को तेज करना।
  • मतभेदों को सुलझाने और संबंधों को बेहतर बनाने के लिए विशेष प्रतिनिधियों के स्तर पर बातचीत करना।

बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने बताया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर रचनात्मक और भविष्य की दिशा में सोचने वाली बातचीत हुई।

चीन ने भी बैठक सकारात्मक और आपसी समझ के लिहाज से महत्वपूर्ण बताया गया है। उसने अपने बयान में कहा कि भारत टकराव नहीं चाहता, बल्कि विश्वास बढ़ाना चाहता है।

राजनाथ ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया

राजनाथ सिंह ने दोनों देशों के बीच अच्छे पड़ोसी संबंध बनाने और एशिया में स्थिरता के लिए मिलकर काम करने की जरूरत बताई। उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने की भी तारीफ की।

इसके साथ ही उन्होंने चीन के रक्षा मंत्री को जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले और पाकिस्तान में भारत की कार्रवाई की जानकारी भी दी। राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर ऑपरेशन सिंदूर भारत का स्टैंड है।

इससे पहले गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक हुई थे। इसमें भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ, दोनों शामिल हुए थे। हालांकि, राजनाथ सिंह ने पाकिस्तानी रक्षा मंत्री से मुलाकात नहीं की।

SCO की जॉइंट स्टेटमेंट पर भारत ने साइन नहीं किए

राजनाथ सिंह ने कल SCO के जॉइंट स्टेटमेंट पर साइन करने से भी इनकार कर दिया। क्योंकि उसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को शामिल नहीं किया गया था, जबकि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुई आतंकी घटना का जिक्र था। भारत ने इससे नाराजगी जाहिर की।

राजनाथ सिंह ने बैठक में कहा, ‘कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति मानते हैं। वे आतंकवादियों को पनाह देते हैं। फिर इसे इनकार करते हैं। ऐसे डबल स्टैंडर्ड के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्हें समझना होगा कि अब आतंकवाद के एपिसेंटर सेफ नहीं हैं। SCO को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।’

राजनाथ सिंह ने चीन के किंगदाओ में SCO (शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन) बैठक में आतंकवाद पर भारत का पक्ष रखा।

SCO क्या है

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 2001 में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने मिलकर की थी। बाद में भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके सदस्य बने और 2023 में ईरान भी सदस्य बन गया।

SCO का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सुरक्षा, आर्थिक और राजनीतिक सहयोग को बढ़ाना है। संगठन आतंकवाद, उग्रवाद, ड्रग तस्करी और साइबर अपराध जैसे मुद्दों पर साझा रणनीति बनाता है।

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