तुवालु13 मिनट पहले
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तुवालु का कोई भी हिस्सा समुद्र से 6 मीटर से ज्यादा ऊंचा नहीं है।
तुवालु के एक-तिहाई से ज्यादा लोगों ने दुनिया के पहले ‘क्लाइमेट वीजा’ के लिए आवेदन किया है। इससे उन्हें ऑस्ट्रेलिया में स्थायी रूप से रहने की अनुमति मिलेगी। यह वीजा आवेदन 16 जून को शुरू हुआ था। हालांकि हर साल सिर्फ 280 लोगों को ही लॉटरी के जरिए ये वीजा मिलेगा।
तुवालु अमेरिका के शहर हवाई और ऑस्ट्रेलिया के बीच दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित एक छोटा द्वीप देश है जो समुद्र तल से सिर्फ 6 मीटर ऊपर है। यह देश जलवायु परिवर्तन से समुद्र में पानी के बढ़ने के कारण डूबने के खतरे से जूझ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2050 तक आधा तुवालु समुद्र में डूब जाएगा। यही वजह है कि ज्यादातर लोग देश छोड़ना चाहते हैं। अब तक 1,124 लोगों ने आवेदन किया है, जिनमें उनके परिवार के सदस्य मिलाकर 4,052 लोग शामिल हैं। जबकि 2022 की जनगणना के मुताबिक तुवालु की कुल आबादी करीब 10,643 है।
5 तस्वीरों में देखिए तुवालु देश के हालात…
तुवालु के विदेश मंत्री ने 2021 में कॉप26 के लिए घुटनों तक समुद्री पानी में खड़े होकर भाषण रिकॉर्ड किया था।
तुवालु देश का आधा हिस्सा साल 2050 तक समुद्र में डूब जाएगा, और 2100 तक 90% पानी में होगा।
तुवालु में अकसर समुद्री तूफान आते हैं, जिससे गांवों में बाढ़ के हालात बन जाते हैं।
पानी में डूबने से बचाने के लिए लोग रेत का बांध बना रहे हैं, जिससे समुद्र का पानी गांव में ना घुसे।
वीजा के लिए आवेदन करने का शुल्क 25 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर रखा गया है और आवेदन 18 जुलाई तक लिए जाएंगे।
ऑस्ट्रेलिया ने लॉन्च किया क्लाइमेट वीजा प्लान
ऑस्ट्रेलिया ने 16 जून को तुवालु के लोगों के लिए एक खास वीजा योजना शुरू की थी। तुवालु के लिए ऑस्ट्रेलिया की वीजा योजना फालेपिली मोबिलिटी पाथवे है, जो पैसिफिक एंगेजमेंट वीजा (सबक्लास 192) ट्रीटी स्ट्रीम (तुवालु) के तहत चलाई जाएगी।
यह वीजा प्लान लोगों को जलवायु परिवर्तन के असर से बचाने के लिए बनाई गई है। यह वीजा हासिल करने वाले लोगों को ऑस्ट्रेलिया में स्थायी निवास, काम करने का अधिकार, मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा का अवसर मिलेगा।
यह वीजा योजना 2023 में ऑस्ट्रेलिया और तुवालु के बीच हुए एक समझौते का हिस्सा है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने तुवालु की सैन्य और जलवायु संबंधी सुरक्षा की जिम्मेदारी ली है। ऑस्ट्रेलिया ने यह भी वादा किया है कि अगर भविष्य में तुवालु की जमीन पूरी तरह पानी में डूब जाए, तब भी उसकी संप्रभुता और पहचान बनी रहेगी।
इसी सदी के आखिर तक खत्म हो सकता तवालु
तुवालु के प्रधानमंत्री फेलेती तियो ने बताया कि साल 2050 तक तुवालु का आधा हिस्सा समुद्र में डूब जाएगा, और साल 2100 तक 90% हिस्सा पानी में होगा।
तुवालु की राजधानी फोंगाफाले, जो फुनाफुति द्वीप पर है, कुछ जगहों पर बस 20 मीटर चौड़ी है। प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन में कहा था-
हमारे पास ऊंची जमीन पर जाने का कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि तुवालु पूरी तरह सपाट है।
ऑनलाइन देश बनने की राह पर तुवालु
2022 में मिस्र के शर्म अल-शेख में COP27 में, तुवालु ने घोषणा की कि वह पूरी तरह से ऑनलाइन होने वाला दुनिया का पहला देश बनना चाहता है।
तब से सरकार ने अपनी जमीन को डिजिटल रूप से बनाने, इतिहास और संस्कृति को संग्रहित करने और सभी सरकारी कार्यों को डिजिटल स्पेस में बदलने की योजना विकसित की है।
ऑस्ट्रेलिया अब तुवालु की डिजिटल संप्रभुता को मान्यता देता है, जिससे देश को उम्मीद है कि वह अपनी पहचान बनाए रखेगा और अपने देश के चले जाने के बाद भी एक राज्य के रूप में कार्य करना जारी रखेगा।
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार ने जलवायु नीतियों और इमिग्रेशन पर सख्त कदम उठाए हैं। अमेरिका तुवालु सहित 36 देशों को यात्रा प्रतिबंध सूची में जोड़ना चाहता है। जिसमें तुवालु के पड़ोसी देश टोंगा और वानुअतु भी शामिल हैं।
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