दमिश्क4 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
सीरिया के विद्रोही गुट तहरीर अल शाम (HTS) के नेता अबु मोहम्मद अल जुलानी ने बुधवार को दमिश्क में संविधान खत्म कर खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया। सीरियाई न्यूज एजेंसी SANA के मुताबिक कमांडर हसन अब्देलघानी ने कहा कि जब तक देश में पूरी तरह स्थिरता नहीं आ जाती है, तब तक जुलानी राष्ट्रपति पद पर रहेंगे।
अब्देलघनी ने कहा कि सीरिया की संसद भी भंग कर दी गई है। नए संविधान के लागू होने तक राष्ट्रपति एक अस्थायी विधान परिषद का गठन करेंगे। हालांकि इसके लिए कोई समय-सीमा नहीं बताई।
अब्देलघानी ने यह भी कहा कि पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद की बाथ पार्टी से जुड़े सभी संगठनों और संस्थाओं भंग कर दिया जाएगा। साथ ही उनकी सारी प्रॉपर्टी पर सीरियाई सरकार का कंट्रोल होगा।
पिछले महीने तहरीर अल शाम (HTS) ने सीरिया में तख्तापलट करके राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया था। इसके साथ ही असद खानदान की 54 पुरानी हुकूमत खत्म हो गई थी। तत्कालीन राष्ट्रपति बशर अल असद ने भागकर मॉस्को में शरण ली थी।
मेडिकल की पढ़ाई छोड़, आतंक से जुड़ा जुलानी
जुलानी की पढ़ाई दमिश्क में ही हुई है। उसने अहमद अल-शरा के नाम भी जाना जाता है। जुलानी ने साल 2000 की शुरुआत में उन्होंने मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया। एक लिबरल इस्लाम वाले माहौल में पला-बढ़ा जुलानी जब कॉलेज पहुंचा तो उसका सामना कट्टर इस्लाम वाली विचारधारा रखने वाले लोगों से हुआ।
2003 में जब उसे लगा कि अमेरिका इराक पर हमला करने वाला है तो वह परेशान हो गया और मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर जंग लड़ने चला गया। इराक पहुंचकर जुलानी, अल कायदा नेताओं के संपर्क में आया। जून 2006 में उसे अमेरिकी सेना ने पकड़ लिया और जेल भेज दिया।
जेल में रहने के दौरान जुलानी बगदादी से जुड़े लोगों के संपर्क में आया। जुलानी 2011 में जेल रिहा हुआ। इसी साल उसने सीरिया में कई हमलों को अंजाम दिया। जुलानी ने एक साल के भीतर 5000 लड़ाके जुटाए। इसके बाद उसने 2012 में अल कायदा की सीरिया शाखा जबात अल-नुस्र का गठन किया।
2017 में बनाया यात तहरीर अल-शाम
2017 में जुलानी ने एक वीडियो जारी कर हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के गठन का ऐलान किया। उसने कहा कि उसके संगठन का किसी बाहरी देश या पार्टी से कोई संबंध नहीं है। तह जुलानी ने कहा था कि उसका एकमात्र मकसद सीरिया को असद सरकार से आजाद कराना है।
2018 में अमेरिका ने HTS को आतंकी संगठन घोषित कर दिया और अल-जुलानी के सिर पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम भी रखा। उसे सबसे बड़ी सफलता 2023 में मिली, जब उसने सीरिया में ISIS के सबसे बड़े लीडर अबू हुसैन अल-हुसैनी की हत्या कराई।
जुलानी ने कैसे किया तख्तापलट मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2016 में जब सीरिया का गृह युद्ध थमा तब से जुलानी अपनी लड़ाकों को मजबूत करने में जुट गया। चीन के उईगर मुसलमानों से लेकर अरब और सेंट्रल एशिया से लोगों की मदद से उसने अपनी फौज तैयार की।
उसने सही समय का इंतजार किया, जो इजराइल-हमास जंग और रूस-यूक्रेन जंग की वजह से आया। 2022 में यूक्रेन में जंग शुरू हो गई और रूस वहां व्यस्त हो गया। इसके चलते रूस ने अपने सैनिकों को सीरिया से निकाल लिया।
फिर 2023 में इजराइल और हमास के बीच जंग शुरू हुई। नतीजा ये हुआ कि ईरान और हिजबुल्लाह जो सीरिया में असद की मदद कर रहे थे वे अब उन पर ध्यान नहीं दे पाए। हसन नसरल्लाह की मौत के बाद हिजबुल्लाह कमजोर हो गया। इसी का फायदा उठाकर जुलानी ने सीरियाई सेना पर हल्ला बोल दिया और 11 दिन में राष्ट्रपति का तख्तापलट कर दिया।