Tuesday, July 1, 2025

At least 54 people killed in Sudan market attack | सूडान में पैरामिलिट्री फोर्स का बाजार में आमलोगों पर हमला: 56 की मौत, 158 घायल; दो साल से देश में जंग जारी

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खार्तूम32 मिनट पहले

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सूडान में सेना और आरएसएफ के लीडर्स के बीच दो साल से जंग चल रही है।

सूडान में सेना के खिलाफ लड़ रहे अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) ने शनिवार को ओमडुरमैन शहर के एक सब्जी मार्केट में आम लोगों पर हमला कर दिया। अलजजीरा के मुताबिक इसमें कम से कम 56 लोगों की मौत हो गई है, वहीं कम से कम 158 लोग घायल हुए हैं।

वहीं सूडान के संस्कृति मंत्री और सरकार के प्रवक्ता खालिद अल-अलीसिर ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि हताहतों में कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमले के कारण ‘निजी और सार्वजनिक संपत्तियों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा है।’ उन्होंने इस हमले को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन बताया।

सूडान में सेना और RSF के बीच जंग में हजारों लोग मारे जा चुके हैं। (फुटेज-फाइल)

सूडान में 2 साल में 28 हजार से ज्यादा लोग मारे गए सूडान में लगभग दो साल से सेना और अर्धसैनिक बल के बीच संघर्ष चल रहा है। यह संघर्ष अप्रैल 2023 में तब शुरू हुआ था, जब सेना और RSF के लीडर्स के बीच सत्ता संघर्ष की लड़ाई छिड़ गई। पिछले दो साल में अब तक 28 हजार से अधिक लोग सूडान में मारे जा चुके हैं, जबकि लाखों लोगों को पलायन करना पड़ा है।

सूडान के डॉक्टर सिंडिकेट ने RSF के हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि एक गोला अल-नव हॉस्पिटल से कुछ मीटर की दूरी पर गिरा था। उन्होंने कहा कि अस्पताल में ज्यादातर घायल महिला और बच्चे हैं। इनके इलाज के लिए हॉस्टिपल में पर्याप्त डॉक्टर और नर्स नहीं हैं।

5 पॉइंट्स में समझें सूडान में हिंसा की वजह…

1. सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच वर्चस्व की लड़ाई है। 2019 में सूडान के तब के राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर को सत्ता से हटाने के लिए लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे।

2. अप्रैल 2019 में सेना ने राष्ट्रपति को हटाकर देश में तख्तापलट कर दिया। लेकिन फिर लोग लोकतांत्रिक शासन और सरकार में अपनी भूमिका की मांग करने लगे।

3. इसके बाद सूडान में एक जॉइंट सरकार को गठन हुआ, जिसमें देश के नागरिक और मिलिट्री दोनों का रोल था। 2021 में यहां दोबारा तख्तापलट हुआ और सूडान में मिलिट्री रूल शुरू हो गया।

4. आर्मी चीफ जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान देश के राष्ट्रपति और RSF लीडर मोहम्मद हमदान डागालो उपराष्ट्रपति बन गए। इसके बाद से RSF और सेना के बीच संघर्ष जारी है।

5. सिविलियन रूल लागू करने की डील को लेकर मिलिट्री और RSF आमने-सामने है। RSF सिविलियन रूल को 10 साल बाद लागू करना चाहती है जबकि आर्मी का कहना है कि ये 2 साल में ही लागू हो जाना चाहिए।



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