न्यूयॉर्क3 मिनट पहले
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ट्रम्प ने साउथ अफ्रीकी राष्ट्रपति को वो आर्टिकल्स दिखाए, जिनमें वहां मारे गए गोरे लोगों के बारे में बताया गया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के बीच बुधवार को व्हाइट हाउस में मीडिया के सामने तीखी बहस हुई। ट्रम्प ने आरोप लगाया कि साउथ अफ्रीका में गोरे किसानों का नरसंहार किया जा रहा है।
ओवल ऑफिस में मीटिंग के दौरान ट्रम्प ने एक वीडियो को सबूत के तौर पर दिखाते हुए दावा किया कि साउथ अफ्रीका में गोरे लोगों को बड़े पैमाने पर टारगेट किया जा रहा है। इसके कारण किसान अमेरिका की ओर भाग रहे हैं। रामफोसा को इसके खिलाफ कदम उठाने चाहिए
हालांकि, रामफोसा ने दावों का खंडन करते हुए कहा कि नरसंहार के आरोप झूठे हैं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति से कहा- साउथ अफ्रीका में सभी जातियों के लोग हिंसक अपराध से पीड़ित हैं। इनमें अधिकांश अश्वेत हैं। वहां सिर्फ गोरे लोगों को नहीं सताया जा रहा है।
रामफोसा ने ट्रम्प को कतर सरकार से गिफ्ट में मिले प्लेन पर तंज भी कसा। उन्होंने कहा- मुझे माफ कीजिए मेरे पास आपको देने के लिए प्लेन नहीं है, इस पर ट्रम्प ने भी उसी तरह जवाब दिया, उन्होंने कहा, “काश आपके पास ये होता, तो मैं ले लेता।”
ट्रम्प और रामफोसा के बीच बहस की 5 तस्वीरें…
ट्रम्प ने आरोप लगाया कि साउथ अफ्रीका में गोरे लोगों पर अत्याचार हो रहा है और राष्ट्रपति रामफोसा इसे रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं।
साउथ अफ्रीकी राष्ट्रपति रामफोसा ने ट्रम्प से बातचीत के दौरान मजाकिया अंदाज में बातचीत कर माहौल को हल्का करने की कोशिश की।
ट्रम्प ने साउथ अफ्रीका में गोरे लोगों के साथ हुई हिंसा से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स की कॉपी दिखाई।
ट्रम्प ने एक और न्यूज की रिपोर्ट दिखाई जिसमें एक गोरे दंपति को बुरी तरह से पीटा गया था।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को कुछ रिपोर्ट्स की कॉपी भी सौंपीं। ट्रम्प ने दावा किया कि इनमें मारे गए साउथ अफ्रीकी श्वेत लोगों की तस्वीरें हैं।
ट्रम्प-रामफोसा में बहस कैसे शुरू हुई, सिलसिलेवार पढ़िए…
1. दोस्ताना माहौल में मीटिंग शुरू हुई
दोनों राष्ट्रपतियों के बीच दोस्ताना माहौल में मीटिंग शुरू हुई। दोनों ने गोल्फ के बारे में बात की। ट्रम्प ने अफ्रीका में लोगों के गोल्फ खेलने के टैलेंट की तारीफ की।
साउथ अफ्रीकी राष्ट्रपति रामफोसा ने फिर ‘टी’ शब्द का जिक्र करते हुए दोनों देशों के बीच ट्रेड पर चर्चा करने की कोशिश की। उन्होंने एक मिनरल डील का भी जिक्र किया।
2. ट्रम्प ने अचानक कहा- लाइट बंद करो, वीडियो चलाओ
दोनों नेता के बीच ठीक से बातचीत चल चल रही थी। अचानक ट्रम्प ने अपने स्टाफ से वीडियो चलाने के लिए लाइट्स बंद करने को कहा। इससे रामफोसा चौंक गए।
3. रामफोसा सिर्फ दो-तीन बार वीडियो देखने के लिए मुड़े
जब वीडियो शुरू हुआ, तो रामफोसा ने ट्रम्प से इशारों में सवाल किया कि यह क्या है? हालांकि, ट्रम्प ने उन्हें इंतजार करने का इशारा किया।
रामफोसा ने दो-तीन बार पीछे मुड़कर वीडियो देखा। ट्रम्प ने वीडियो को गोरे लोगों के नरसंहार का सबूत बताते हुए कहा कि इसमें हजारों गोरे किसानों की कब्र दिखाई गई हैं।
ट्रम्प ने ओवल ऑफिस में लाइट बंद कर वीडियो चलाया। इसमें एक अश्वेत शख्स ऊंची आवाज में गोरों लोगों के खिलाफ भाषण दे रहा है।
4. रामफोसा बोले- पता लगाएंगे वीडियो कहां की है- रामफोसा ने अपना संयम बनाए रखते हुए दावों से इनकार किया। उन्होंने कहा- मैंने पहले कभी यह वीडियो नहीं देखा है। हम पता लगाएंगे कि यह वीडियो कहां है। इसकी प्रामाणिकता की गहराई से जांच करेंगे। रामफोसा ने कहा, “हमारे देश में अपराध है, और इससे सभी प्रभावित हैं- चाहे वो काला हो या गोरा”
5. ट्रम्प नहीं रुके, न्यूज आर्टिकल्स दिखाकर हत्या-हत्या कहने लगे- रामफोसा के यकीन दिलाने के बाद भी ट्रम्प नहीं रुके। उन्होंने न्यूज आर्टिकल्स की प्रिंटेड कॉपी दिखाईं, जिनमें साउथ अफ्रीका में मारे गए गोरे लोगों के बारे में बताया गया है। पन्नों को पलटते हुए ट्रम्प जोर से हत्या…हत्या कहते रहे।
गोल्फ ट्रम्प का पसंदीदा खेल है। इसे ध्यान में रखते हुए राष्ट्रपति रामफोसा दो दक्षिण अफ्रीकी गोल्फ खिलाड़ियों एर्नी एल्स (सबसे दाएं) और रीटिफ गूसेन (बीच में) को मेहमान के तौर पर साथ ले गए थे। बहस के दौरान वे दोनों राष्ट्रपति के पीछे खड़े थे।
रामफोसा बोले- साउथ अफ्रीका में गोरे ज्यादा खुशहाल
इसके खत्म होने के बाद रामफोसा ने कहा कि वीडियो में उनके देश की पूरी तस्वीर नहीं दिखाई गई है। उन्होंने कहा कि साउथ अफ्रीका में कई राजनीतिक दल हैं। लोकतंत्र ने उन्हें अपनी बात कहने की अनुमति दी है। वीडियो में वो जो कह रहे हैं हमारी सरकार की नीति उससे अलग है।
रामफोसा ने माना कि उनके देश में बहुत ज्यादा अपराध है। लेकिन उन्होंने यह नहीं माना कि वहां पर सिर्फ गोरे लोगों को सताया जा रहा है। उन्होंने इस दौरान नेल्सन मंडेला का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने सीख दी थी कि जब भी कोई समस्या हो, तो लोगों को एक साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए।
रामफोसा ने आगे कहा कि गोरे लोगों की हत्याएं हुई हैं लेकिन पुलिस आंकड़े यह नहीं कहते कि वे अश्वेत लोगों की तुलना में ज्यादा खतरे में हैं। अफ्रीकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनके देश में आर्थिक से लेकर लगभग हर पैमाने पर गोरे लोग, अश्वेत की तुलना में कहीं बेहतर स्थिति में हैं।
साउथ अफ्रीका में रंगभेद खत्म होने के 3 दशक बाद भी अश्वेतों की स्थिति बेहतर नहीं हो पाई है। बाएं तरफ अश्वेतों की बस्तियां हैं। दाईं तरफ गोरों की आलीशान कोठियां। तस्वीर केपटाउन की है। (फोटो- रॉयटर्स)
भूमि अधिग्रहण कानून को लेकर नाराज हैं ट्रम्प
साउथ अफ्रीका में 9 अक्टूबर 2024 को सिरिल रामफोसा के दस्तखत के बाद जमीन अधिग्रहण कानून लागू हुआ था। इस कानून के तहत सरकार सार्वजनिक हित जैसे कि सड़क, हॉस्पिटल या फिर स्कूल बनाने के लिए बिना मुआवजे के निजी जमीन का अधिग्रहण कर सकती है।
इस कानून का मकसद साउथ अफ्रीका के इतिहास में रंगभेद के दौरान हुए अन्याय को ठीक करना है। तब काले लोगों से उनकी जमीनें छीन ली गई थीं और उन्हें गरीब इलाके में भेज दिया गया था। यह कानून के लागू होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प और टेस्ला चीफ इलॉन मस्क ने बेहद नाराज हो गए थे।
ट्रम्प ने दावा किया कि साउथ अफ्रीका की सरकार इस कानून के जरिए लोगों की जमीन जबरदस्ती छीन रही है और गोरे लोगों के साथ बुरा बर्ताव कर रही है। उन्होंने इस मुद्दे की जांच होने तक साउथ अफ्रीका को दी जाने वाली सारी आर्थिक मदद रोकने की धमकी दी थी।
ट्रम्प ने साउथ अफ्रीका की फंडिंग रोक दी थी
इसके बाद रामफोसा ने ट्रम्प के दावे को गलत बताया था। उन्होंने कहा था कि साउथ अफ्रीका में संविधान के मुताबिक काम होता है। सरकार ने कोई जमीन जब्त नहीं किया है। रामाफोसा ने यह भी कहा कि कुछ लोग ट्रम्प को गलत जानकारी दे रहे हैं।
हालांकि ट्रम्प इससे सहमत नहीं हुए और उन्होंने एक कार्यकारी आदेश जारी कर साउथ अफ्रीका को हर साल दी जाने वाली आर्थिक मदद (करीब 440 मिलियन डॉलर यानी 3,674 करोड़ रुपए) रोकने का ऐलान कर दिया। वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी साउथ अफ्रीका की नीतियों की आलोचना की और 20-21 फरवरी 2025 को होने वाली G20 समिट में हिस्सा न लेने का फैसला किया।
फरवरी में ट्रम्प की यूक्रेन जंग पर जेलेंस्की से बहस हुई थी
20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद यह दूसरी बार है, जब ट्रम्प ने मीडिया के सामने किसी देश के राष्ट्रपति के साथ बहस की हो। इससे पहले 28 फरवरी को ट्रम्प की यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ यूक्रेन जंग पर व्हाइट हाउस में तीखी बहस हुई थी। पूरी खबर पढ़ें…
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ट्रम्प का फिर दावा, बोले- मैंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष रुकवाया:दोनों देशों के साथ बड़ा सौदा कर रहे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को फिर से दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए संघर्ष को सुलझाया है। ट्रम्प ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने व्यापार के जरिए से विवाद सुलझाया है। अमेरिका भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ बड़ा सौदा कर रहा है।’ पूरी खबर पढ़ें…