वॉशिंगटन डीसी6 मिनट पहले
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तरफ से सभी देशों के लिए ट्रेड डील की डेडलाइन का काउंटडाउन शुरू हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 9 जुलाई की डेडलाइन से पहले भारत और अमेरिका के बीच ‘मिनी ट्रेड डील’ होने के आसार हैं।
माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच कई बिन्दुओं पर सहमति बन गई है। अगले दो-तीन दिन में डील हो सकती है। इसे मिनी ट्रेड डील इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि भारत और अमेरिका सितंबर-अक्टूबर में होने वाले 43 लाख करोड़ रुपए के द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर फोकस कर रहे हैं।
अमेरिका को एग्री सेक्टर पर एंट्री नहीं देगा भारत
वॉशिंगटन में व्यापार वार्ता में भारत ने अमेरिका को एग्री सेक्टर में एंट्री देने से इनकार कर दिया है। जबकि अमेरिका जेनेटिकली मॉडिफाइड फसली उत्पादों को भारत में बाजार मुहैया कराने की मांग करता रहा है।
भारत के रवैए को देखते हुए अमेरिका ने फिलहाल कृषि सेक्टर में एंट्री के लिए दबाव नहीं डालने का निर्णय किया है। जबकि भारत लेबर इन्टेंसिव सेक्टर गारमेंट, जेम्स-जूलरी और लेदर प्रोडक्ट पर कम अमेरिकी टैरिफ पर कायम है।
भारत की ओर से कहा गया है कि BTA के बाद के तीन सालों में द्विपक्षीय व्यापार के असल आंकड़े सामने आने लगेंगे।
अभी डील की डिटेल सामने आनी मुश्किल
भारत-अमेरिका ट्रेड डील जल्द होगी। लेकिन 9 जुलाई से पहले डील के सभी प्रावधान सामने आना मुश्किल हैं। क्योंकि डील के कई प्रावधानों पर सहमति होना जरूरी है। चीन और ब्रिटेन के साथ भी ट्रम्प ने डील की लेकिन इसके प्रावधान नहीं बताए। भारत से पहले स्टेज में सिर्फ डील घोषित होगी।
भारत खेती का सेक्टर नहीं खोलेगा क्योंकि हमारी 60% आबादी इस पर निर्भर है। अमेरिका की 1% आबादी खेती पर निर्भर है। भारत, अमेरिका से एनर्जी और डिफेंस की बड़ी खरीद कर इसकी भरपाई करेगा। खरीद शुरू भी हो चुकी।
साथ ही भारत कई अमेरिकी प्रोडक्ट्स के लिए बजट में ही ड्यूटी कम करने का ऐलान कर चुका है। इसमें अमेरिकी मोटरसाइकिल और व्हिस्की शामिल हैं।
भारत-अमेरिका के बीच 10 साल का डिफेंस फ्रेमवर्क तैयार
भारत-अमेरिका के बीच 10 साल का डिफेंस फ्रेमवर्क तैयार कर लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के बीच इसे लेकर फोन पर बातचीत में सहमति बन गई है।
हेगसेथ ने कहा, भारत हमेशा से अमेरिका का भरोसेमंद साझेदार रहा है। अमेरिका से भारत को अपाचे AH-64ई अटैक हेलिकॉप्टर की पहली खेप की डिलीवरी 15 जुलाई को होगी। दूसरी खेप नवंबर में मिल सकती है।
बता दें कि लगभग 5 हजार करोड़ रुरए के इन 6 अपाचे हेलिकॉप्टर खरीद का समझौता 2020 में हुआ था।भारतीय रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने एक लाख करोड़ रुपए के हथियारों की खरीद प्रक्रिया को शुरू कर दिया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इसमें आर्म्ड रिकवरी व्हीकल, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और तीनों सेनाओं के लिए सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की खरीद शामिल है।