Wednesday, July 2, 2025

5 big challenges in front of Test captain Shubman Gill | टेस्ट कप्तान शुभमन गिल के सामने 5 बड़े चैलेंज: इंग्लैंड में 18 साल बाद सीरीज जीतना, भारत को फिर WTC फाइनल में पहुंचाना

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स्पोर्ट्स डेस्क13 मिनट पहले

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25 साल के शुभमन गिल भारत के नए टेस्ट कप्तान बनाए गए। वे रोहित शर्मा की जगह लेंगे। जिनकी कप्तानी में टीम ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछली 2 सीरीज हार गई। शुभमन के सामने सबसे पहली और बड़ी चुनौती टीम इंडिया का विनिंग कमबैक कराना ही है।

शुभमन के सामने 5 चैलेंज 1. इंग्लैंड में 18 साल बाद सीरीज जिताना 2. टेस्ट में भारत का विनिंग कमबैक कराना 3. विदेश में खुद की बैटिंग साबित करना 4. ट्रांजिशन फेज में युवा टीम को संभालना 5. भारत को WTC फाइनल में फिर पहुंचाना

शुभमन ही क्यों बने टेस्ट कप्तान?

मई में भारतीय टेस्ट टीम के 2 सीनियर प्लेयर विराट कोहली और रोहित शर्मा ने संन्यास ले लिया। उनसे पहले रविचंद्रन अश्विन भी रिटायर हो गए थे। जिसके बाद टीम को नए कप्तान की जरूरत पड़ी, जो टीम का परमानेंट मेंबर भी हो और लंबे समय तक जिम्मेदारी संभाल सके।

जसप्रीत बुमराह और केएल राहुल भी दावेदार थे, लेकिन बुमराह को फिटनेस के कारण कमान नहीं सौंपी गई। वहीं सिलेक्टर्स का मानना है कि राहुल को परमानेंट कप्तान नहीं बनाया जा सकता। ऐसे में कमेटी ने युवा गिल को कमान सौंपी, जो लंबे समय तक टीम की बागडोर संभाल सके।

गिल के सामने 5 चैलेंज…

1. इंग्लैंड में 18 साल से सीरीज नहीं जीते

कप्तान के रूप में गिल के सामने पहला चैलेंज इंग्लैंड में 5 टेस्ट की सीरीज है। भारत को यहां 2007 से सीरीज जीत नहीं मिली। 2011, 2014 और 2018 में टीम ने तीनों सीरीज गंवाईं। इस दौरान भारत 14 में से 2 ही टेस्ट जीत सका, टीम को 11 में हार मिली, जबकि 2 मुकाबले ड्रॉ रहे।

2021 में आखिरी बार विराट की कप्तानी में भारत ने सीरीज 2-2 से ड्रॉ कराई थी। इंग्लैंड फिर 2024 में भारत आई, जहां उन्हें 4-1 से हार मिली। यानी इंग्लैंड ने 7 साल से टीम इंडिया को टेस्ट सीरीज नहीं हराई है। गिल के सामने भारत को 18 साल बाद इंग्लैंड में सीरीज जिताने की चुनौती तो है ही, इंग्लैंड के खिलाफ 7 साल से अजेय टीम को अजेय रखने का चैलेंज भी है।

2. भारत का टेस्ट प्रदर्शन सुधारना

रोहित की कप्तानी में भारत को अपने घर में न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 की हार मिली। टीम फिर ऑस्ट्रेलिया में भी 1-3 से हार गई। जिससे टेस्ट रैंकिंग में भारत नंबर-4 पर फिसल गया। गिल के सामने चुनौती है कि टीम इंडिया अपना विनिंग फॉर्म वापस हासिल करे।

न्यूजीलैंड से पहले भारत को 12 साल से घर में किसी ने टेस्ट सीरीज नहीं हराई थी, वहीं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी भारत को 10 साल बाद हार मिली। इतने खराब फॉर्म से उबारने के लिए शुभमन को नई स्ट्रैटजी के साथ टीम को जिताने पर फोकस करना होगा।

3. विदेशी में खुद की बैटिंग साबित करना

2020 में टेस्ट डेब्यू करने वाले शुभमन के नाम 32 टेस्ट में 35.05 की औसत से 1893 रन हैं। उनके डेब्यू के बाद से ही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के कारण दुनियाभर की पिचें गेंदबाजों के लिए मददगार रहीं। इसके बावजूद गिल ने 5 सेंचुरी और 7 फिफ्टी लगा दी। हालांकि, होम कंडीशन के मुकाबले विदेश में उनका फॉर्म थोड़ा कमजोर है।

गिल ने भारत में 17 टेस्ट खेले और 42.03 के औसत से 1177 रन बनाए। उन्होंने 4 सेंचुरी और 5 फिफ्टी लगाईं। विदेश में शुभमन 15 टेस्ट में 1 सेंचुरी और 2 ही फिफ्टी लगा सकें। उनका औसत भी महज 27.53 का रहा। विदेश में गिल की इकलौती सेंचुरी भी बांग्लादेश में आई। यानी इंग्लैंड सीरीज से ही गिल को खुद की बैटिंग भी साबित करनी होगी।

4. ट्रांजिशन फेज में युवा टीम को संभालना

विराट, रोहित और अश्विन जैसे सीनियर प्लेयर्स ने टेस्ट से संन्यास ले लिया। मोहम्मद शमी इंजरी के कारण स्क्वॉड का हिस्सा नहीं हैं। टीम में जसप्रीत बुमराह, रवींद्र जडेजा और केएल राहुल ही सीनियर प्लेयर्स हैं। इंग्लैंड में भारत की बहुत युवा टीम खेलने वाली है, 9 प्लेयर्स की उम्र तो 21 से 28 साल के बीच ही है। ऐसे में गिल के सामने भारत का ट्रांजिशन फेज संभालने की चुनौती भी है।

टीम इंडिया के सामने 2011 से 2013 के बीच आखिरी बार ट्रांजिशन फेज का सामना करना पड़ा था। तब राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह और सचिन तेंदुलकर जैसे प्लेयर्स एक साथ टीम से चले गए थे। तब विराट, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, अश्विन और जडेजा ने टीम इंडिया को संभाला और भारत को नंबर-1 टेस्ट टीम बनाया। गिल की युवा टीम इंडिया के सामने इसी लिगेसी को आगे बढ़ाने की चुनौती है।

5. भारत को WTC फाइनल में पहुंचाना

2019 में शुरू हुए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के शुरुआती 2 फाइनल भारत ने ही खेले। तब टीम ने विराट की कप्तानी में घर और विदेश में सीरीज जीतते हुए खिताबी मुकाबले में जगह बनाई थी। हालांकि, टीम खिताब नहीं जीत सकी, लेकिन टीम इंडिया रोहित की कप्तानी में तीसरी बार फाइनल में जगह नहीं बना सकी।

इंग्लैंड सीरीज से ही WTC का नया साइकल शुरू हो रहा है। भारत इंग्लैंड के बाद 5 और टीमों से 2027 तक टेस्ट सीरीज खेलेगा। जिनमें ज्यादातर मैच जीतने से ही टीम WTC फाइनल में जगह बना पाएगी। युवा शुभमन के सामने भारत को तीसरी बार WTC फाइनल में पहुंचाने की चुनौती भी है।

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