रियाद17 मिनट पहले
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सऊदी अरब में आज से हज यात्रा शुरू होगी। इसके लिए रविवार तक 14 लाख रजिस्टर्ड तीर्थयात्री मक्का पहुंच चुके हैं, जबकि लाखों लोगों का आना बाकी है। यह यात्रा इस्लामी कैलेंडर के 12वें महीने जिल-हिज्जा की 8वीं से 12वीं तारीख (2025 में 4-9 जून) के बीच होती है।
हज मुसलमानों का एक आध्यात्मिक और अनिवार्य धार्मिक कर्तव्य है। हर वो मुस्लिम जो शारीरिक, आर्थिक और मानसिक तौर पर सक्षम और स्वस्थ है, उसके लिए अपने जीवन में कम से कम एक बार हज करना अनिवार्य है।
हज इस्लाम धर्म के पांच मूल स्तंभों में से एक है। हर साल दुनिया भर से लगभग 25 लाख मुस्लिम इस पवित्र यात्रा में शामिल होते हैं। इस साल भारत से लगभग 1.75 लाख लोग मक्का पहुंचेंगे।
हज के दौरान मुस्लिम काबा (बैतुल्लाह) की परिक्रमा करते हैं और अल्लाह की इबादत में समय बिताते हैं। हज मुस्लिमों के लिए पापों से मुक्ति, आध्यात्मिक शुद्धि और अल्लाह के करीब आने का मौका है।
पैगंबर इब्राहिम से शुरू होता है हज का इतिहास
हज की शुरुआत पैगंबर इब्राहिम के समय से मानी जाती है। माना जाता है कि इब्राहिम और उनके बेटे इस्माइल ने अल्लाह के आदेश पर काबा का निर्माण किया था।
628 ईस्वी में पैगंबर मोहम्मद ने पहली इस्लामी हज की शुरुआत की। 632 ईस्वी में उन्होंने हज के आधुनिक स्वरूप को स्थापित किया, जो आज भी मुस्लिम मानते हैं।
एक मुस्लिम अपने जीवन में कितनी भी बार हज कर सकता है। हालांकि, सऊदी अरब के हज मंत्रालय और कई देशों की सरकारों ने भीड़ को कंट्रोल करने के लिए नियम बनाया है कि एक इंसान पांच साल में सिर्फ एक बार हज कर सकता है।
सऊदी अरब में रहने वाले लोगों पर 5 साल का नियम उतनी सख्ती से लागू नहीं होता है, लेकिन उन्हें भी हज के लिए आधिकारिक परमिशन लेनी होती है।
हज को लेकर नए नियमों को जानिए…
सऊदी सरकार ने इस बार हज के दौरान मक्का में एंट्री और वीजा नियमों को सख्त कर दिया है। इस बार सिर्फ आधिकारिक हज वीजा या कर्मचारी परमिट वालों को ही मक्का में एंट्री की इजाजत होगी। टूरिस्ट, व्यापार, या अन्य वीजा वालों को हज सीजन के दौरान मक्का में एंट्री से रोक दिया जाएगा।
- एज लिमिट: 12 साल से कम उम्र के बच्चों को हज करने की इजाजत नहीं होगी। यह नियम भीड़ से होने वाले खतरों से बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है।
- सिंगल-एंट्री वीजा: भारत, पाकिस्तान, मिस्र, इंडोनेशिया समेत 14 देशों के नागरिकों को केवल 30 दिन की वैधता वाला सिंगल-एंट्री वीजा मिलेगा। सऊदी अरब से बाहर निकलने के बाद यह वीजा एक्सपायर हो जाएगा।
- एप्लिकेशन प्रोसेस: हज के लिए आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन होगा। सभी दस्तावेज और फोटो नुसुक पोर्टल के जरिए जमा करने होंगे।
- पहली बार हज करने वालों को प्राथमिकता: सऊदी सरकार ने घोषणा की है कि पहली बार हज करने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा मुस्लिमों को हज करने का मौका मिले।
- नई भुगतान व्यवस्था: सऊदी नागरिकों के लिए हज पैकेज का भुगतान तीन किश्तों में किया जा सकता है। पहली किश्त 20% (बुकिंग के 72 घंटे के भीतर), और बाकी दो किश्तें 40%-40% रमजान और शव्वाल तक।
2.7 लाख लोगों को मक्का में एंट्री से रोका गया
सऊदी अरब ने हज शुरू होने से पहले मक्का में एंट्री करने की कोशिश कर रहे करीब 2.7 लाख लोगों को रोक दिया। यह कदम भीड़ को कंट्रोल करने और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई पिछले साल की गर्मी से हुई मौतों के बाद बिना परमिशन हज करने वालों पर सख्ती के तहत की गई है।
सऊदी सरकार के मुताबिक, पिछले साल हज के दौरान 51.8 डिग्री की भीषण गर्मी में 1,301 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी, जिनमें ज्यादातर बिना परमिट वाले लोग थे। बिना इजाजत के हज करने वालों से भीड़ बढ़ती है, जिससे भगदड़ और मौत का खतरा होता है।
बिना परमिशन हज करने वालों के लिए सजा…
जुर्माना: बिना हज परमिट के पकड़े जाने पर 20,000 रियाल (लगभग 5,000 डॉलर या 4.2 लाख रुपए) तक का जुर्माना।
डिपोर्ट: विदेशी तीर्थयात्रियों को सजा के बाद देश से निकाला जा सकता है और 10 साल तक सऊदी अरब में एंट्री पर रोक लग सकती है।
अन्य सजा: 23,000 से ज्यादा सऊदी नागरिकों पर नियम तोड़ने के लिए जुर्माना लगाया गया है, और 400 हज सर्विस कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए गए।
मक्का में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सऊदी के लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अल-ओमारी ने कहा- तीर्थयात्री हमारी नजर में है, और जो नियम तोड़ेगा, वह हमारे हाथ में होगा।
सऊदी सरकार ने सुरक्षा के लिए कई उपाय
सऊदी सरकार ने पिछले हादसों से सबक लेते हुए तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए इस बार पहले से कई कदम उठाए हैं।
ड्रोन का इस्तेमाल: इस साल पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल निगरानी, भीड़ मैनेजमेंट और आग बुझाने के लिए किया जाएगा।
हेल्थ सुविधाएं: 50,000 से ज्यादा मेडिकल सर्विसेज, 71 मेडिकल पॉइंट्स और 140 सर्जरी की सुविधाएं तैयार की गई हैं।
स्मार्ट तकनीक: नुसुक और अरशिदनी प्लेटफॉर्म के जरिए तीर्थयात्रियों के लिए ट्रांसपोर्ट और ठहरने की व्यवस्था को आसान बनाया गया है।
गर्मी से बचाव: तीर्थयात्रियों को छाता इस्तेमाल करने, पर्याप्त पानी पीने और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचने की सलाह दी गई है।
पिछले 40 सालों में हज के दौरान हुई 10 बड़ी दुर्घटनाएं
- दिसंबर 1975: मीना में तीर्थयात्रियों के टेंट में एक खाना पकाने वाला गैस सिलेंडर फटने से आग लग गई, जिसमें 200 से ज्यादा तीर्थयात्री मारे गए।
- जुलाई 1987: ईरानी प्रदर्शनकारियों और सऊदी पुलिस के बीच झड़प में 400 से ज्यादा ईरानी तीर्थयात्री मारे गए।
- जुलाई 1990: मक्का के पास अल-मुऐस्सम सुरंग में भगदड़ के कारण 1400 तीर्थयात्री कुचलकर मारे गए। यह हादसा ईद-उल-अजहा के दिन हुआ।
- मई 1994: मीना में जमारात पुल के पास भगदड़ में 270 तीर्थयात्री मारे गए, जहां शैतान को पत्थर मारने का अनुष्ठान होता है।
- अप्रैल 1997: मीना के हज कैंप में टेंट में आग लगने से 343 तीर्थयात्री मारे गए। इसके बाद सऊदी सरकार ने फायर प्रूफ स्थायी टेंट शहर बनाया।
- अप्रैल 1998: हज के दौरान भगदड़ में 119 मुस्लिम तीर्थयात्री कुचलकर मारे गए।
- फरवरी 2004: जमारात पुल के पास शैतान को पत्थर मारने के अनुष्ठान के दौरान भगदड़ में 251 तीर्थयात्री मारे गए।
- जनवरी 2006: मीना के रेगिस्तानी मैदान में शैतान को पत्थर मारने के दौरान भगदड़ में 360 से ज्यादा तीर्थयात्री मारे गए। हज शुरू होने से एक दिन पहले मक्का की ग्रैंड मस्जिद के पास एक आठ मंजिला हॉस्टल ढहने से 73 लोग मारे गए थे।
- 11 सितंबर 2015: हज से कुछ हफ्ते पहले दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद, ग्रैंड मस्जिद में एक क्रेन गिरने से 111 लोग कुचलकर मारे गए।
- 24 सितंबर 2015: मीना कैंप से जमारात पुल की ओर जाते समय भगदड़ में 700 से ज्यादा तीर्थयात्री मारे गए। यह हादसा ईद-उल-अजहा से एक दिन पहले हुआ।