इस्लामाबाद6 घंटे पहले
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पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल बिलावल की अगुवाई में UN पहुंचा था।
संयुक्त राष्ट्र (UN) मुख्यालय में मंगलवार देर रात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तानी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी के झूठ को एक पत्रकार ने मौके पर ही पकड़ लिया।
बिलावल ने आरोप लगाया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले को भारत सरकार राजनीतिक मकसद से इस्तेमाल कर रही है ताकि भारत के मुसलमानों को बदनाम किया जा सके।
इस पर एक पत्रकार ने कहा कि, आप कह रहे हैं कि हालिया आतंकी हमले का इस्तेमाल भारत में मुस्लिमों को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है, लेकिन मैंने खुद भारतीय सेना की ब्रीफिंग्स देखी हैं, और उसमें मुस्लिम अधिकारी ही शामिल थे।
दरअसल भारत की तरफ से दो महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी प्रेस ब्रीफिंग कर रही थीं।
7 मई को सुबह 10 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी।
बिलावल बोले- पाकिस्तान शांति चाहता है
बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति चाहता है, लेकिन यह शर्तों के साथ नहीं हो सकती।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि भारत ने कश्मीर के पहलगाम में हुई एक घटना के लिए बिना किसी जांच या सबूत के पाकिस्तान को दोषी ठहराया, जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ़ ने इस घटना की जांच में मदद की पेशकश की थी।
बिलावल भुट्टो ने आरोप लगाया कि भारत ने सीमा पार कर के निर्दोष लोगों को निशाना बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान हर तरह के आतंकवाद की निंदा करता है और इस लड़ाई में उसने बहुत भारी कीमत चुकाई है।
उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव पर चिंता जताई और कहा कि दोनों देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं, इसलिए हालात काफी गंभीर हो सकते थे।
भुट्टो ने माना कि अमेरिका के राष्ट्रपति और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस तनाव को शांत करने में अहम भूमिका निभाई।
भारत की तरह पाकिस्तान ने भी विदेश में डेलिगेशन भेजा
पाकिस्तान ने भी भारत की तरह विदेशों में अपनी बात रखने के लिए डेलिगेशन भेजा है। इस प्रतिनिधिमंडल में कुल 9 सदस्य शामिल हैं।
इसकी अध्यक्षता पूर्व विदेश मंत्री और पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी कर रहे हैं।यह प्रतिनिधिमंडल न्यूयॉर्क, वाशिंगटन डीसी, लंदन और ब्रुसेल्स का दौरा करेगा।
इस डेलिगेशन में जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. मुसद्दिक मलिक, पूर्व सूचना मंत्री शेरी रहमान, विदेश मामलों की संसदीय समिति की अध्यक्ष हिना रब्बानी खार, पूर्व रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान शामिल हैं।
इनके अलावा समुद्री मामलों के पूर्व मंत्री सैयद फैसल अली सबजवारी, सीनेटर बुशरा अंजुम बट पूर्व विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी और तहमीना जंजुआ को भी इस प्रतिनिधिमंडल में रखा गया है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष सहायक सैयद तारिक फातिमी की अगुवाई में एक अलग प्रतिनिधिमंडल रूस पहुंचा है।
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