Tuesday, July 1, 2025

US vetoes Gaza ceasefire proposal | अमेरिका ने गाजा में सीजफायर प्रस्ताव पर वीटो लगाया: कहा- इजराइल को अपनी रक्षा करने का हक; 14 देशों ने जंग रोकने के लिए वोट किया

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वॉशिंगटन2 घंटे पहले

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यूएन सुरक्षा परिषद की बैठक में सीजफायर लागू करने की मांग करने वाले मसौदे के खिलाफ वीटो पावर का इस्तेमाल करतीं अमेरिका की राजदूत डोरोथी शिया।

अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के गाजा में युद्धविराम कायम करने वाले प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया है। UNSC में बुधवार को इसके लिए वोटिंग हुई जिसमें 15 में से 14 देशों ने गाजा में युद्ध विराम के पक्ष में वोटिंग की।

प्रस्ताव में सभी बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता प्रतिबंधों को हटाने की भी मांग की गई थी। अमेरिका इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने वाला एकमात्र देश था।

अमेरिका ने इसे रोकने के लिए अपने वीटो पावर का इस्तेमाल किया। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत डोरोथी शिया ने कहा कि यह प्रस्ताव सीजफायर के ‘कूटनीतिक प्रयासों’ को कमजोर करेगा।

इस प्रस्ताव को UNSC के 10 देश अल्जीरिया, डेनमार्क, ग्रीस, गयाना, पाकिस्तान, पनामा, कोरिया गणराज्य, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और सोमालिया ने मिलकर प्रस्तुत किया था, जिसपर ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन ने भी सहमति जताई थी।

मध्य गाजा पट्टी के नुसेरात शरणार्थी शिविर में 4 जून को सहायता वितरण केंद्र पर खाना लेने के लिए संघर्ष करते फिलिस्तीनी बच्चे।

अमेरिकी राजदूत बोली- अमेरिका इस प्रस्ताव के पक्ष में नहीं

वोटिंग शुरू होने से पहले कार्यवाहक अमेरिकी राजदूत डोरोथी शिया ने कहा,

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अमेरिका इस प्रस्ताव के पक्ष में नहीं है, और इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। इस संघर्ष के शुरू होने के बाद से ही अमेरिका ने बहुत स्पष्ट रुख अपनाया है कि इजराइल को अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है।

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शिया ने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र ने हमास को ‘आतंकवादी’ संगठन नहीं माना है। हम किसी ऐसे कदम का समर्थन नहीं करेंगे जो हमास की निंदा नहीं करता और जो हमास से हथियार छोड़ने और गाजा छोड़ने की मांग नहीं करता है।

वीटो पावर क्या है जिसका अमेरिका ने इस्तेमाल किया

वीटो पावर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों (अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस) को दी गई स्पेशल पावर है। इसके तहत, ये देश सुरक्षा परिषद के किसी भी प्रस्ताव को, चाहे वह कितना भी अहम क्यों न हो, अस्वीकार (वीटो) कर सकते हैं।

इसका मतलब है कि अगर इनमें से कोई एक देश भी किसी प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करता है, तो वह प्रस्ताव पारित नहीं हो सकता, भले ही बाकी सभी 14 सदस्य (10 अस्थायी और 4 स्थायी) इसके पक्ष में हों।

गाजा में बीते 19 महीनों से जारी जंग के बीच 5 लाख लोगों भुखमरी से जूझ रहें है।

इजराइली सेना ने GHF केंद्रों को वॉर जोन घोषित किया

गाजा में स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, 4 जून को अलग-अलग इजराइली हमलों में कम से कम 95 फिलिस्तीनी मारे गए और 440 से अधिक घायल हुए थे।

अल जजीरा के मुताबिक गाजा में इजराइली हमले बढ़ें है। मध्य गाजा और पूरे क्षेत्र में इजरायली हमले लगातार जारी हैं।

इस बीच, इजराइली सेना ने लोगों को GHF के केंद्रों पर जाने से मना किया है। सेना ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि इन क्षेत्रों को युद्ध क्षेत्र माना जाएगा और यहां पूरे दिन के लिए सहायता रोक दी गई है।

दक्षिणी गाजा में 1 जून को खाना बांटने के दौरान गोलीबारी हुई, जिसमें 32 फिलिस्तीनी लोगों की मौत हो गई थी ।

गाजा के सरकारी मीडिया ऑफिस ने कहा था कि दक्षिणी गाजा के राफा शहर में एक सहायता वितरण केंद्र के पास इजराइली सेना ने गोलीबारी की थी।

इसमें 32 लोगों की मौत हो गई वहीं, 232 लोग घायल हुए थे। अल-जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक 27 मई को 100 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

गाजा के दक्षिणी शहर राफा में 27 मई को खाना लेने पहुंचे लोगों में भगदड़ मच गई थी।

4 पाॅइंट में समझिए हमास-इजराइल जंग…

  • हमास-इजराइल के बीच संघर्ष का सिलसिला साल 1948 से जारी है। इसने भीषण रूप 7 अक्टूबर 2023 को लिया जब हमास ने इजराइल पर हमला किया। जिसमें 815 नागरिकों सहित 1,195 इजराइली और विदेशी नागरिक मारे गए।
  • हमास ने 251 इजराइली लोगों को बंधक बनाया। हमास ने इस हमले को इजराइल के कब्जे, गाजा की नाकाबंदी और हजारों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की मांग के लिए किया।
  • इजराइल ने जवाब में गाजा पर बमबारी शुरू की और 27 अक्टूबर 2023 को जमीनी हमला शुरू किया। इजराइल का कहना है कि उसका मकसद हमास को खत्म करना और बंधकों को रिहा कराना है।
  • इस युद्ध में 55 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। इजराइल में 1,200 से ज्यादा लोग मारे गए। गाजा में 80% लोग विस्थापित हो चुके हैं और ज्यादातर पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर तबाह हो चुका है।

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ये खबर भी पढ़ें…

BBC बोला- गाजा स्टोरी हटाने का व्हाइट-हाउस का दावा गलत:ट्रम्प की प्रेस सेक्रेटरी का आरोप – हमास की बात को सच मानता है चैनल

ब्रिटिश न्यूज चैनल बीबीसी ने गाजा से जुड़ी रिपोर्ट को हटाने के व्हाइट हाउस के दावे को गलत बताया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलीन लीविट ने दावा किया था कि बीबीसी ने राफा में एक राहत केंद्र के पास हुई मौतों और घायलों की खबर को हटाया है। पूरी खबर पढ़ें…

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