बीजिंगकुछ ही क्षण पहले
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राजनाथ सिंह ने 26 जून को चीनी रक्षामंत्री को मधुबनी पेंटिंग गिफ्ट की थी।
चीन ने सोमवार को कहा कि भारत के साथ सीमा विवाद जटिल है और इसे हल होने में वक्त लगेगा। चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत के साथ सीमा के निर्धारण (डिलिमिटेशन) पर बातचीत करने की इच्छा जाहिर की।
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा- चीन और भारत ने सीमा विवाद के लिए खास सिस्टम डेवलप किया है। दोनों देशों के बीच अलग-अलग लेबल पर डिप्लोमेटिक और मिलिट्री कम्युनिकेशन सिस्टम मौजूद है।
मंत्रालय ने आगे कहा कि चीन बॉर्डर निर्धारण जैसे मुद्दों पर भारत के साथ बातचीत बनाए रखने और बॉर्डर इलाकों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए तैयार है। हम क्रॉस बॉर्डर सहयोग को बढ़ावा देना चाहते हैं।
भारत और चीन के बीच 2020 की गलवान झड़प के बाद लंबे वक्त तक सीमा पर तनाव बना रहा था। दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे के आमने सामने आ गए थे।
चीन बोला- उम्मीद है भारत साथ मिलकर काम करता रहेगा
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग से पूछा गया कि दोनों देशों के 23 बार स्पेशल प्रतिनिधि वार्ता हो चुकी है, लेकिन अब भी सीमा विवाद बना हुआ है।
इस पर माओ निंग ने कहा- सीमा विवाद जटिल है और इसे सुलझाने में समय लगेगा। अच्छी बात यह है कि दोनों देशों ने बातचीत के लिए कई सिस्टम डेवलप किए हैं। हम उम्मीद करते हैं कि भारत भी चीन के साथ मिलकर काम करेगा और बॉर्डर इलाकों में शांति बनाए रखेगा।
भारत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने पिछले साल दिसंबर में बीजिंग दौरे पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच 23वें दौर की स्पेशल प्रतिनिधि वार्ता की थी। इस बैठक में अक्टूबर 2024 के समझौते को लागू करने की पुष्टि की गई, जिसके तहत बॉर्डर इलाके में गश्त और चराई की इजाजत दी थी।
भारतीय NSA अजित डोभाल ने पिछले साल सीमा विवाद को लेकर विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी।
राजनाथ सिंह हाल ही में चीन दौरे पर पहुंचे थे
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हाल ही में 26 जून को किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान चीनी रक्षामंत्री डोंग जुन से मिले थे। इस दौरान राजनाथ सिंह ने सुझाव दिया कि भारत और चीन को एक व्यवस्थित रोडमैप के तहत जटिल सीमा मुद्दों को हल करना चाहिए।
इसमें बॉर्डर पर तनाव कम करने और बॉर्डर निर्धारण के मौजूदा सिस्टम को आगे बढ़ाने पर बात की थी। इस वार्ता का मुख्य फोकस LAC पर शांति और स्थिरता बनाए रखने पर था।
राजनाथ ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया
राजनाथ सिंह ने दोनों देशों के बीच अच्छे पड़ोसी संबंध बनाने और एशिया में स्थिरता के लिए मिलकर काम करने की जरूरत बताई। उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने की भी तारीफ की।
इसके साथ ही उन्होंने चीन के रक्षा मंत्री को जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले और पाकिस्तान में भारत की कार्रवाई की जानकारी भी दी। राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर ऑपरेशन सिंदूर भारत का स्टैंड है।
इससे पहले गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक हुई थे। इसमें भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ, दोनों शामिल हुए थे। हालांकि, राजनाथ सिंह ने पाकिस्तानी रक्षा मंत्री से मुलाकात नहीं की।
गलवान में 15 जून 2020 को झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए
15 जून 2020 को चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगह पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं।
भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे। हालात इतने खराब हो गए कि LAC पर गोलियां चलीं।
इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। बाद में भारत ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसमें करीब 60 चीनी जवान मारे गए थे।
तस्वीर लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प की है। इसी के बाद दोनों देशों के बीच विवाद गहराया।
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