स्पोर्ट्स डेस्क14 मिनट पहले
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ललित मोदी IPL के फाउंडर हैं। उन्होंने 2008 में IPL फ्रेंचाइजी लीग को शुरू किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को IPL के पूर्व चैयरमैन ललित मोदी की याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में ललित ने BCCI को 10.65 करोड़ रुपए का जुर्माना भरने की मांग की थी। यह जुर्माना प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट (FEMA) का उल्लंघन करने के लिए उन पर लगाया था।
जस्टिस पी. एस. नरसिंहा और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने मोदी की याचिका को जवाब लायक नहीं बताया और कहा, “इस मामले में मोदी चाहें तो सिविल कोर्ट में कानूनी उपाय आजमा सकते हैं, लेकिन BCCI पर कोई सीधा आदेश नहीं दिया जा सकता।”
ललित मोदी के जुर्माना से जुड़े 6 सवालों के जवाब…
1. क्या है पूरा मामला? साल 2009 में IPL का आयोजन साउथ अफ्रीका में हुआ था। इस दौरान ED ने IPL को शिफ्ट करने के दौरान हुए लेन-देन को लेकर मोदी पर ₹10.65 करोड़ का जुर्माना लगाया था। उन पर FEMA (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) के उल्लंघन के आरोप लगे थे।
इसके खिलाफ मोदी ने बॉम्बे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने तर्क दिया था कि IPL चेयरमैन और BCCI के उपाध्यक्ष रहते हुए जो भी उन्होंने कार्य किया, उसका खर्च और नुकसान BCCI को उठाना चाहिए, क्योंकि बोर्ड के नियमों में ऐसा प्रावधान है।
2009 का IPL फाइनल साउथ अफ्रीका के जोहानसबर्ग में खेला गया था।
2. ललित ने अपनी याचिका में क्या कहा? ललित मोदी ने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें 2005 से 2010 तक BCCI का उपाध्यक्ष और 2007 से 2010 तक IPL का चेयरमैन बनाया गया था। BCCI के मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन के रूल 34 के तहत बोर्ड को अपने अधिकारियों को उनके कार्यकाल के दौरान हुए नुकसान और खर्चों के लिए मुआवजा देना होता है।
ललित मोदी ने याचिका में यह भी कहा कि BCCI ने पहले एन. श्रीनिवासन (पूर्व सचिव) और एम.पी. पंडोव (पूर्व कोषाध्यक्ष) को इसी तरह के मामलों में पेनल्टी से राहत दी थी। उनका आरोप था कि BCCI ने भेदभावपूर्ण ढंग से काम किया है।
3. बॉम्बे हाईकोर्ट ने याचिका क्यों खारिज की? इस मामले में 19 दिसंबर 2024 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने ललित मोदी की याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने तब कहा था कि याचिका, पूरी तरह से गलतफहमी पर आधारित है। FEMA के तहत लगाया गया जुर्माना व्यक्तिगत है, जिसे मोदी को ही चुकाना होगा। कोर्ट ने मोदी पर ₹1 लाख का जुर्माना भी लगाया था, जिसे टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल को जमा करने को कहा गया।
4. कोर्ट ने BCCI को लेकर क्या कहा? कोर्ट ने कहा, BCCI भारत के संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत राज्य की परिभाषा में नहीं आता, इसलिए BCCI पर रिट याचिका (आदेश) नहीं डाली जा सकती। ललित मोदी का यह दावा BCCI एक पब्लिक बॉडी है और उसे खर्च की भरपाई करनी चाहिए न्यायिक रूप से सही नहीं है।
25 अप्रैल 2010, मुंबई में खेले गए IPL फाइनल के दौरान ललित मोदी
5. क्यों लगे थे ललित मोदी पर प्रतिबंध? 2010 IPL सीजन के बाद ललित मोदी पर ऑक्शन में फिक्सिंग, आर्थिक गड़बड़ी के आरोप लगे। BCCI ने उन्हें तुरंत निलंबित कर जांच शुरू की। जांच कमेटी ने 2013 में उन्हें दोषी पाया, जिसके बाद 2013 में ललित पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया।
6. क्या अब ललित की कानूनी लड़ाई खत्म? नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने दरवाजा पूरी तरह बंद नहीं किया है। मोदी चाहें तो अब इस मामले में सिविल कोर्ट के जरिए BCCI से मुआवजे की मांग कर सकते हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ कर दिया है कि इस तरह की रिट याचिका के जरिए सीधे आदेश की मांग करना कानून के दायरे में नहीं आता।