Tuesday, July 1, 2025

SpaceX Starlink Nears Final Approval for India Launch, Service Expected Soon | भारत में जल्द मिलेगा हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट: IN-SPACe चेयरमैन बोले- स्टारलिंक को कुछ दिनों में मिल जाएगा फाइनल अप्रूवल

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नई दिल्ली23 मिनट पहले

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IN-SPACe के चेयरमैन डॉ. पवन गोयनका ने कहा है कि स्टारलिंक को लेकर ज्यादातर रेगुलेटरी और लाइसेंसिंग की औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।

इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स कुछ ही दिनों में स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने वाली है। स्पेस रेगुलेटर इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर यानी, IN-SPACe के चेयरमैन डॉ. पवन गोयनका ने कहा है कि स्टारलिंक को लेकर ज्यादातर रेगुलेटरी और लाइसेंसिंग की औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।

डॉ. गोयनका के मुताबिक, अब सिर्फ कुछ अंतिम मंजूरियां बाकी हैं, जो अगले कुछ दिनों में मिल जाएंगी। हाल ही में स्पेसएक्स की प्रेसिडेंट ग्विन शॉटवेल भारत आई थीं। उन्होंने डॉ. गोयनका से मुलाकात की थी। इस मीटिंग में स्टारलिंक की लॉन्चिंग से जुड़े बचे हुए मुद्दों पर बात हुई थी।

हालांकि, डॉ. गोयनका ने यह भी साफ किया कि मंजूरी मिलने के बाद भी Starlink सर्विस को शुरू होने में कुछ महीने और लग सकते हैं। उन्होंने कहा ऑथराइजेशन के बाद भी कई टेक्निकल और प्रोसीजरल स्टेप्स पूरे करने होंगे। गोयनका ने सभी बातें NDTV को दिए इंटरव्यू में कहीं हैं।

टेलीकॉम डिपार्टमेंट से मिल चुका लाइसेंस

इससे पहले स्पेसएक्स को स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस भारत में ऑपरेट करने के लिए टेलीकॉम डिपार्टमेंट का लाइसेंस मिल चुका है। अब उसे सिर्फ IN-SPACe के अप्रूवल का इंतजार है। स्टारलिंक तीसरी कंपनी है जिसे भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस ऑपरेट करने का लाइसेंस मिला है।

इससे पहले वनवेब और रिलायंस जियो को मंजूरी मिली थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्टारलिंक भारत में 840 रुपए में महीनेभर अनलिमिटेड डेटा देगा। आधिकारिक तौर पर मस्क की कंपनी ने इसकी जानकारी नहीं दी है।

6 सवाल-जवाब में जानें स्टारलिंक से जुड़ी जरूरी बातें…

सवाल 1: स्टारलिंक क्या है और ये खास क्यों है?

जवाब: स्टारलिंक, स्पेसएक्स का प्रोजेक्ट है, जो सैटेलाइट्स के जरिए हाई-स्पीड इंटरनेट देता है। इसके सैटेलाइट्स पृथ्वी के करीब घूमते हैं, जिससे इंटरनेट तेज और स्मूथ चलता है। ये खासकर उन इलाकों के लिए फायदेमंद है, जैसे गांव या पहाड़, जहां आम इंटरनेट नहीं पहुंचता।

सवाल 2: भारत में इसके इंटरनेट प्लान्स की कीमत कितना हो सकती है?

द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेसएक्स भारत में अपनी स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज मंथली 10 डॉलर यानी लगभग 840 रुपए से कम कीमत वाले शुरुआती प्रमोशनल अनलिमिटेड डेटा प्लान से शुरू करेगा।

सवाल 3: स्टारलिंक को लाइसेंस मिलने में इतना वक्त क्यों लगा?

जवाब: स्टारलिंक 2022 से कोशिश कर रही थी, लेकिन सिक्योरिटी चिंताओं की वजह से देरी हुई। भारत सरकार ने डेटा सिक्योरिटी और कॉल इंटरसेप्शन जैसी शर्तें रखी थीं। स्टारलिंक ने इन शर्तों को माना, और मई 2025 में लेटर ऑफ इंटेंट मिलने के बाद अब लाइसेंस मिल गया।

सवाल 4: आम लोगों को क्या फायदा होगा?

जवाब: स्टारलिंक से गांवों और दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट पहुंचेगा, जिससे ऑनलाइन एजुकेशन, टेलीमेडिसिन, और बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, टेलीकॉम मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से सस्ते और बेहतर प्लान्स मिल सकते हैं।

सवाल 5: अब स्टारलिंक का अगला कदम क्या है?

जवाब: स्टारलिंक को अब IN-SPACe से फाइनल अप्रूवल और स्पेक्ट्रम चाहिए। अगले 15-20 दिनों में ट्रायल स्पेक्ट्रम मिल सकता है, और फिर कॉमर्शियल सर्विस शुरू होगी।

सवाल 6: भारत मस्क के लिए क्यों जरूरी है?

जवाब: भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट मार्केट है। मस्क के लिए ये लाइसेंस बड़ी कामयाबी है, खासकर जब अमेरिका में उनकी डोनाल्ड ट्रम्प के साथ तनातनी चल रही है। इससे स्पेसएक्स के कॉन्ट्रैक्ट्स खतरे में हैं।

सैटेलाइट्स से आप तक कैसे पहुंचेगा इंटरनेट?

  • सैटेलाइट धरती के किसी भी हिस्से से बीम इंटरनेट कवरेज को संभव बनाती है। सैटेलाइट के नेटवर्क से यूजर्स को हाई-स्पीड, लो-लेटेंसी इंटरनेट कवरेज मिलता है। लेटेंसी का मतलब उस समय से होता है जो डेटा को एक पॉइंट से दूसरे तक पहुंचाने में लगता है।
  • स्टारलिंक किट में स्टारलिंक डिश, एक वाई-फाई राउटर, पॉवर सप्लाई केबल्स और माउंटिंग ट्राइपॉड होता है। हाई-स्पीड इंटरनेट के लिए डिश को खुले आसमान के नीचे रखना होगा। iOS और एंड्रॉइड पर स्टारलिंक का ऐप मौजूद है, जो सेटअप से लेकर मॉनिटरिंग करता है।

जून 2020 में सरकार ने IN-SPACe स्थापित किया था

डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस ने जून 2020 में IN-SPACe को स्थापित किया था। यह स्पेस एक्टिविटीज में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी को रेगुलेट करने और उसे सुविधाजनक बनाने के लिए सिंगल-विंडो एजेंसी के रूप में काम करती है। IN-SPACe नॉन-गवर्नमेंटल एंटिटीज के लिए लाइसेंसिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरिंग और स्पेस बेस्ड स‌र्विसेज को बढ़ावा देने का काम भी करती है।

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बांग्लादेश में मस्क का सैटेलाइट वाला स्टारलिंक इंटरनेट शुरू:केबल और फाइबर की जरूरत नहीं; ₹3000 में 300mbps की स्पीड और अनलिमिटेड डेटा

बांग्लादेश में इलॉन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी स्टारलिंक ने मंगलवार से अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने इसके लिए देश की जनता को बधाई दी।

उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा- देश में स्टारलिंक का हाई-स्पीड, लो-लेटेंसी इंटरनेट दो पैकेज के साथ उपलब्ध हो चुका है। एक प्लान में लोगों को 6000 टका (4,203 भारतीय रुपए) और दूसरे प्लान में 4200 टका (2,942 भारतीय रुपए) खर्च करने होंगे। पूरी खबर पढ़ें…

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