Tuesday, July 1, 2025

Human Rights Activist Jaswant Singh Khalra ; USA Nameed School | Franco America | अमेरिका में जसवंत खालड़ा के नाम पर सरकारी स्कूल: सेंट्रल यूनिफाइड की बैठक में फैसला, 6 सदस्यों का समर्थन; 1995 में हुई थी हत्या – Amritsar News

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जसवंत सिंह खालड़ा के नाम पर वोट करते हुए सदस्य।

कैलिफोर्निया के फ्रेस्नो में नए बन रहे सरकारी एलीमेंट्री स्कूल का नाम दिवंगत मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा के नाम पर रखा जा रहा है। यह निर्णय मंगलवार देर रात फ्रेस्नो के सेंट्रल यूनिफाइड स्कूल डिस्ट्रिक्ट (सीयूसीडी) की बैठक में लिया गया। संभ

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मिली जानकारी के अनुसार (अमेरिकी समयानुसार) मंगलवार शाम को सीयूसीडी के सदस्यों की बैठक हुई। इस बोर्ड में कुल 7 सदस्य हैं। जिनमें से छह सदस्यों ने स्कूल का नाम जसवंत सिंह खालरा के नाम पर रखने पर सहमति जताई और इसके पक्ष में मतदान किया। जबकि एक सदस्य ने मतदान से परहेज किया।

सेंट्रल यूनिफाइड स्कूल बोर्ड के चेयरमैन नैनदीप सिंह चन्न ने कहा कि संभावना है कि यह अमेरिका का पहला सरकारी स्कूल होगा, जिसका नाम किसी सिख व्यक्ति के नाम पर रखा गया है।

अमेरिका में बन रही स्कूल बिल्डिंग, जिसका नाम जसवंत सिंह खालड़ा के नाम पर रखा जाएगा।

सितंबर में बनकर तैयार होगा स्कूल

अध्यक्ष नैनदीप सिंह सा स्कूल का निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है और इसका उद्घाटन सितंबर 2025 में किया जाएगा। फ्रेस्नो में पहले से ही खालड़ा के नाम पर एक पार्क मौजूद है और स्थानीय लोग उनके संघर्ष और मानवाधिकारों के लिए किए गए प्रयासों से अच्छी तरह परिचित हैं। यहां सिर्फ सिख समुदाय ही नहीं, बल्कि अन्य समुदायों के लोग भी उनका सम्मान करते हैं।

पत्नी ने खुशी की व्यक्त

खालड़ा की पत्नी परमजीत कौर खालड़ा ने कहा कि यह उनके लिए गर्व और खुशी का क्षण है। उनके दिवंगत पति के बलिदान और मानवाधिकारों के लिए किए गए संघर्ष को अमेरिका में एक सरकारी स्कूल का नामकरण कर सम्मानित किया जा रहा है। यह वाकई दिल छू लेने वाला है कि पूरी दुनिया उनके मानवाधिकारों की रक्षा के कार्य से परिचित है।

जसवंत सिंह खालड़ा।

जानें कौन हैं जसवंत सिंह खालड़ा

जसवंत सिंह खालड़ा एक साहसी और समर्पित मानवाधिकार कार्यकर्ता थे। जिन्होंने 1980 और 1990 के दशक के दौरान पंजाब में सिखों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों और मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने खुलासा किया कि उस दौर में हजारों सिख युवाओं को अवैध हिरासत में लिया गया, फर्जी मुठभेड़ों में मार दिया गया और उनके शवों का गुप्त अंतिम संस्कार कर दिया गया।

खालड़ा ने पंजाब पुलिस और प्रशासन द्वारा की जा रही इन गुमशुदगी और हत्याओं को उजागर किया था। उन्होंने उस समय में अमृतसर के श्मशान घाटों का दौरा कर यह जानकारी जुटाई कि वहां 6,000 से अधिक शवों का गुप्त रूप से अंतिम संस्कार किया गया था। यह जानकारी उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी साझा की, जिससे भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर सवाल खड़े हुए।

1995 में हुई थी हत्या

खालड़ा को सिखों के हकों के लिए लड़ने का खामियाजा अपनी जान देकर चुकाना पड़ा था। परिवार का आरोप है कि 6 सितंबर 1995 को पुलिस ने खालड़ा का उनके घर से अपहरण कर लिया। इसके बाद उन्हें पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई।

पुलिस ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज नहीं की। जिसके बाद, जसवंत की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दी और कोर्ट ने सीबीआई को जांच का आदेश दिया था। जिसके बाद उनके हत्या के दोष में चार पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है।

फिल्म पहले फरवरी महीने में रिलीज होनी थी, लेकिन किसी कारणवश इसकी रिलीज को रोक दिया गया।

खालड़ा पर बनी फिल्म में दिलजीत ने निभाया किरदार

भारत में जसवंत सिंह खालड़ा के जीवन पर आधारित बायोपिक “पंजाब 95” अभी भी सरकारी मंजूरी की प्रतीक्षा कर रही है। तकरीबन एक साल से अधिक समय से ये फिल्म रिलीज का इंतजार कर रही है। फिल्म में अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने खालड़ा की भूमिका निभाई है।

परिवार की भी इच्छा है कि परमजीत सिंह खालड़ा के जीवन पर बनी फिल्म का बिना कट्स के मंजूरी दी जाए। क्योंकि यह फिल्म पूरी तरह तथ्यों और कोर्ट की कार्यवाही पर आधारित है।



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