ढाका6 मिनट पहले
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बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के ढाका स्थित धनमंडी-32 आवास पर बुधवार देर रात हमला बोला।
बांग्लादेश के कई शहरों में बुधवार देर रात फिर हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर्रहमान के ढाका स्थित धनमंडी-32 आवास पर धावा बोला और तोड़फोड़ की।
हिंसा सोशल मीडिया पर ‘बुलडोजर जुलूस’ के ऐलान के बाद हुई। जब हमला हुआ, तब सुरक्षाबल भी मौजूद थे। भीड़ को वहां से जाने के लिए समझाने की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं।
कुछ उपद्रवी आवास और संग्रहालय में भी घुस गए। बालकनी पर चढ़ गए और तोड़फोड़ की। बताया जा रहा है कि आवास में आगजनी भी की गई है। इसके कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
आज हिंसा क्यों भड़की? बांग्लादेश में अवामी लीग 6 फरवरी से विरोध मार्च निकालने का ऐलान कर चुकी है। यह मार्च शेख हसीना पर लगे कथित मामले दर्ज करने और अल्पसंख्यकों पर हमले के विरोध में निकाला जाना है। इससे पहले 5 फरवरी की रात 9 बजे शेख हसीना अपने समर्थकों के लिए ऑनलाइन भाषण देने वाली थीं। इससे पहले हसीना के विरोधी छात्रों ने इसी दौरान 9 बजे ‘बुलडोजर मार्च’ निकालने का ऐलान किया। इसके लिए सोशल मीडिया पर प्रचार किया गया। इसमें शेख हसीना के पिता का घर गिराया जाने की बात कही गई, लेकिन प्रदर्शनकारी 8 बजे ही शेख मुजीबुर्ररहमान के घर धनमंडी-32 पहुंच गए और तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस हिंसा की अगुआई ’24 रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट-जनता’ नाम के छात्र संगठन कर रही है।
हिंसा और तोड़फोड़ की फोटोज…
शेख मुजीबुर्रहमान के आवास के बाहर उनकी तस्वीर को तोड़ दिया गया।
प्रदर्शनकारी शेख मुजीबुर्रहमान के घर की दूसरी मंजिल तक पहुंच गए।
शेख मुजीबुर्रहमान के घर की बाउंड्री को बुलडोजर से तोड़ा गया।
घर के अंदर के फर्नीचर में आग लगा दी।
हिंसक भीड़ आवास की बालकनी तक पहुंच गई।
भीड़ ने घर में आग लगा दी।
प्रदर्शनकारी ‘शेख हसीना को फांसी दो’ के नारे लगा रहे थे प्रदर्शनकारी शेख मुजीबुर्ररहमान के घर का मेनगेट तोड़कर अंदर घुस गए। इस दौरान वे ‘फांसी दो, फांसी दो। शेख हसीना को फांसी दो।’ पूरे बंगाल (बांग्लादेश) को खबर दो, मुजीबुर्रहमान की कब्र खोद दो’ ‘अवामी लीग के लोगों को पीटने, बांग्लादेश में वे नहीं रहेंगे’ के नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि मुजीबुर्रहमान का घर ‘फांसीवादियों का गढ़’ है, इससे छुटकारा पाना जरूरी है।’