Thursday, July 3, 2025

India Pakistan ceasefire dispute Donald Trump, John Walton | पूर्व US NSA बोले- ट्रम्प को क्रेडिट लेने की आदत: भारत-पाक सीजफायर पर अमेरिकी राष्ट्रपति का दावा खारिज किया, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का सपोर्ट किया

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वॉशिंगटन DC45 मिनट पहले

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बुधवार को बोल्टन ने न्यूज एजेंसी ANI को इंटरव्यू दिया।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने 21 मई को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें ट्रम्प ने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने में बड़ी भूमिका निभाई। बोल्टन ने कहा- यह ट्रम्प की आदत है, वह हर चीज का क्रेडिट खुद लेना चाहते हैं।

बोल्टन ने भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ की गई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कार्रवाई को पूरी तरह सही ठहराया। उन्होंने कहा, ’22 अप्रैल को कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद भारत को आत्मरक्षा में कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है।’

न्यूज एजेंसी ANI से कहा, ‘पाकिस्तान को अपने देश के अंदर चल रहे आतंकी गतिविधियों पर रोक लगानी चाहिए। अगर पाकिस्तान ऐसा नहीं करता है तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।’

2018 में जॉन बोल्टन और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच व्हाइट हाउस में मुलाकात की तस्वीर।

बोल्टन बोले- भारत को आतंकी इलाकों पर कार्रवाई करने का हक

  • भारत को अपने बचाव में पाकिस्तान के उन इलाकों पर कार्रवाई करने का पूरा हक था, जहां से आतंकी हमले की योजना बनी और उसे अंजाम दिया गया। यह एक गंभीर मामला है जब कोई देश अपने यहां हो रही आतंकी गतिविधियों पर काबू नहीं पा सकता, या शायद खुद भी उसमें शामिल होता है।
  • ट्रम्प का भारत और पाकिस्तान के बीच शांति समझौते का क्रेडि​​​​​​ट लेना भारत के खिलाफ नहीं था। ट्रम्प ऐसे ही हैं, वह हर चीज का क्रेडिट लेना चाहते हैं। यह उनकी आदत है कि वह सबसे पहले आगे आकर खुद ही क्रेडिट ले लेते हैं, इससे पहले कि कोई और ले सके। यह कई लोगों को चिढ़ा सकता है, लेकिन इसका मतलब भारत के खिलाफ कुछ भी नहीं है, बस ट्रम्प का तरीका ऐसा ही है।
  • ऐसा हो सकता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी, उपराष्ट्रपति जेडी वांस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो से फोन पर बात की हो, क्योंकि दूसरे देश भी यह जानने के लिए कॉल कर सकते हैं कि वे क्या मदद कर सकते हैं।

बोल्टन बोले- मुनीर को फील्ड मार्शल बनाया जाना चिंता का विषय

बोल्टन ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाए जाने पर भी टिप्पणी की और इसे चिंता का विषय बताया। उन्होंने कहा- पाकिस्तान में आंतरिक असहमति को दबा दिया जाता है। इमरान खान अभी भी जेल में हैं, मुझे नहीं लगता कि यह पाकिस्तान के हित में है। अमेरिका को इस मुद्दे पर दबाव बनाना चाहिए।

बोल्टन ने भारत के उस फैसले का समर्थन किया जिसमें सभी दलों के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल प्रमुख साझेदार देशों में भेजा गया है, ताकि यह बताया जा सके कि भारत आतंकवाद के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के लोगों को यह समझाना जरूरी है कि यह आतंकी हमला कितना गंभीर था, क्योंकि निर्दोष लोगों को डराना और नुकसान पहुंचाना बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जा सकता।

भारत-पाक सीजफायर पर ट्रम्प के अब तक 7 दावे

पहला: 10 मई- सीजफायर पर पहला बयान, जंग रोकने का दावा किया

भारत और पाकिस्तान सीजफायर के लिए राजी हो गए हैं। मैं दोनों देशों को कॉमनसेंस, समझदारी से भरा फैसला लेने के लिए बधाई देता हूं।

दूसरा: 11 मई- कश्मीर मुद्दे पर हल निकालने की कोशिश करूंगा

मुझे भारत और पाकिस्तान की मजबूत लीडरशिप पर बहुत गर्व है, जिन्होंने ताकत, समझदारी और हिम्मत दिखाकर यह फैसला लिया कि अब मौजूदा तनाव को रोकने का समय है। साथ ही, मैं दोनों के साथ मिलकर यह देखने की कोशिश करूंगा कि क्या ‘हजार साल’ बाद कश्मीर मुद्दे का कोई हल निकाला जा सकता है।

तीसरा: 12 मई- मैंने भारत-PAK के बीच परमाणु जंग रोकी

मैंने परमाणु जंग रोक दी है। अमेरिका ने दोनों देशों के बीच सीजफायर कराने में मदद की है। मुझे यकीन है कि यह सीजफायर स्थायी होगा। दोनों देशों के पास बहुत सारे परमाणु हथियार हैं, इससे एक भीषण परमाणु जंग छिड़ सकती थी। पूरी खबर यहां पढ़ें…

चौथा: 13 मई- सीजफायर के लिए बिजनेस का इस्तेमाल किया

दोनों देशों के बीच सीजफायर में मध्यस्थता के लिए मैंने काफी हद तक बिजनेस का इस्तेमाल किया। मेरा सबसे बड़ा सपना शांति स्थापित करने का है। मैं विभाजन नहीं, एकता चाहता हूं।

पांचवां: 15 मई- सीजफायर नहीं कराया, सिर्फ मदद की

मैंने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता नहीं कराई, लेकिन मैंने मदद की है। मैं ये नहीं कहता कि ये मैंने किया, लेकिन ये पक्का है कि पिछले हफ्ते भारत-पाकिस्तान के बीच जो हुआ, मैंने उसे सेटल करने में मदद की। पूरी खबर यहां पढ़ें…

छठा- 16 मई- भारत-PAK न्यूक्लियर वॉर मैंने रुकवाया

दोनों देशों के बीच हालात बहुत गंभीर हो गए थे। अगला कदम क्या होता, आप जानते हैं… ‘N वर्ड’। यानी न्यूक्लियर वॉर। मैंने दोनों देशों को जंग रोकने के बदले उनके साथ ट्रेड करने का प्रस्ताव रखा था। पूरी खबर यहां पढ़ें…

सातवा -22 मई- मैंने बिजनेस के जरिए से विवाद सुलझाया

‘मुझे लगता है कि मैंने बिजनेस के जरिए से विवाद सुलझाया है। अमेरिका, भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ बड़ा सौदा कर रहा है।’ पूरी खबर यहां पढ़ें…

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