Tuesday, July 1, 2025

Bangladesh removed the picture of former President Mujiburahman from the currency | बांग्‍लादेशी करेंसी से शेख हसीना के पिता की तस्‍वीर हटाई: राष्ट्रपिता माने जाते हैं शेख मुजीब, नए नोटों पर हिंदू-बौद्ध मंदिरों की फोटो

- Advertisement -


ढाका1 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

1971 में बांग्लादेश बनने के बाद से अब तक नोटों के डिजाइन में पांच बार बदलाव हुआ है।

बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक ने रविवार को 1000, 50 और 20 टका नए नोट जारी किए। इन नोटों से शेख हसीना के पिता और देश के संस्‍थापक राष्‍ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की तस्‍वीर को हटा दिया गया है।

इसके अलावा, 500, 200, 100 और 10 टका के नए नोट जल्द जारी होंगे। इसे लेकर बांग्लादेश सेंट्रल बैंक के प्रवक्ता आरिफ हुसैन खान ने कहा-

QuoteImage

नई डिजाइन में किसी व्यक्ति की तस्वीर नहीं होगी, नए नोटों पर देश के पारंपरिक स्थलों को जगह मिली है।

QuoteImage

खान ने आगे कहा- नए नोट सेंट्रल बैंक के हेडक्वार्टर से और बाद में देश भर के बाकी ऑफिसेज से जारी किए जाएंगे।” हालांकि पुराने नोट और सिक्के भी चलन में बने रहेंगे।

नए नोटों पर हिंदू और बौद्ध मंदिरों की तस्वीरें भी छापी जाएंगी। 1971 में बांग्लादेश बनने के बाद से अब तक नोटों के डिजाइन में पांच बार (1972, 1970 के दशक, 1980-90 के दशक, 2000 के दशक, और 2025) बदलाव किए गए हैं।

धार्मिक और ऐतिहासिक नजरिए से खास है नए नोट

20 टका के नोट पर दिनाजपुर में स्थित हिंदू मंदिर कंटाजी मंदिर और पहाड़पुर मठ की तस्वीर है। 50 टका के नोट पर राजधानी ढाका में स्थित महल अहसान मंजिल और जैनुल आबेदीन की पेंटिंग है। वहीं, 1,000 टका के नोट पर राष्ट्रीय शहीद स्मारक और जातीय संसद भवन की तस्वीरें हैं।

तीनों पर रॉयल बंगाल टाइगर वाटरमार्क और बैंक का मोनोग्राम है।

  • धार्मिक और ऐतिहासिक चित्र: नोटों पर हिंदू और बौद्ध मंदिरों की तस्वीरें होंगी, जो बांग्लादेश की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती हैं।
  • जैनुल आबेदीन की कला: प्रसिद्ध बांग्लादेशी चित्रकार जैनुल आबेदीन की कलाकृतियां, जो 1943 के बंगाल अकाल (ब्रिटिश शासन के दौरान) को दर्शाती हैं, नोटों पर होंगी।
  • राष्ट्रीय स्मारक: एक डिज़ाइन में 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए लोगों की याद में बना राष्ट्रीय स्मारक शामिल है।
  • पर्यावरण और संस्कृति: नोटों पर प्राकृतिक परिदृश्य और पारंपरिक स्थल होंगे, जो बांग्लादेश की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करेंगे।

यह मंदिर कृष्ण को समर्पित है। इसकी स्थापना महाराजा प्राण नाथ ने की थी। यह 1722 में बनकर तैयार हुआ था।

पहाड़पुर मठ की स्थापना पाल वंश के दूसरे राजा धर्मपाल देव ने की थी।

बांग्लादेश की करेंसी राजनीतिक उथल-पुथल से जुड़ी

बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक ये राजनीतिक उथल-पुथल से जुड़ा है। बांग्लादेश की करेंसी का इतिहास समय-समय पर सत्तारूढ़ पार्टियों का असर नजर आता है।

1972 में जब बांग्लादेश ने पूर्वी पाकिस्तान से अलग होकर आजादी हासिल की, तब शुरुआती नोटों पर भौगोलिक और सांस्कृतिक चित्र थे।

बाद में, शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीरें नोटों पर शामिल की गईं, खासकर जब उनकी अवामी लीग पार्टी सत्ता में थी।

नई करेंसी को शेख हसीना के शासन के प्रभाव को कम करने और देश की छवि को समावे शी बनाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।

शेख हसीना ने 8 अप्रैल को सोशल मीडिया पर बात करते हुए कहा था कि पहले बांग्लादेश को विकास के मॉडल के तौर पर देखा जाता था, लेकिन अब ये आतंकी देश बन गया है।

शेख मुजीब से जुड़ी कई निशानियों पर हमला

अगस्त 2024 को बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से लगातार शेख मुजीब की जुड़ी निशानियों पर हमला किया गया था। ढाका में उनकी मूर्ति को तोड़ा गया और कई सार्वजनिक स्थानों पर लगी नेमप्लेट को भी हटा दिया गया।

अंतरिम सरकार ने आजादी और संस्थापक से जुड़े दिनों की 8 सरकारी छुट्टियां भी कैंसिल कर दी थी। शेख मुजीबुर्रहमान बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति थे। वह 17 अप्रैल 1971 से लेकर 15 अगस्त 1975 तक देश के प्रधानमंत्री भी रहे थे।

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता मुजीबुर्रहमान ने बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाने में भी बड़ी भूमिका निभाई थी। 15 अगस्त 1975 को शेख मुजीबुर्रहमान की उनके घर पर ही हत्या कर दी गई थी।

अगस्त 2024 में ढाका में शेख मुजीब की मूर्ति को तोड़ दिया गया।

शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध का मुकदमा शुरू

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध से जुड़े आरोपों में ट्रायल शुरू हो गया है। बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) में रविवार को इन आरोपों को औपचारिक तौर पर दर्ज किया गया।

चीफ प्रॉसिक्यूटर ताजुल इस्लाम ने ट्रिब्यूनल में ये आरोप दर्ज कराए हैं। ICT के प्रॉसिक्यूटर गाजी मनोवार हुसैन तमीम ने डेली स्टार को यह जानकारी दी है। 12 मई को ट्रिब्यूनल की जांच एजेंसी ने हसीना के खिलाफ अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी थी।

इसमें जुलाई 2024 में आंदोलन के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों के पांच आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक आंदोलन के दौरान 1500 से अधिक लोग मारे गए जबकि 25 हजार से ज्यादा घायल हुए थे।

आरक्षण के खिलाफ आंदोलन ने किया था तख्तापलट

शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त को देश छोड़कर भारत आ गई थीं। दरअसल, उनके खिलाफ देशभर में छात्र प्रदर्शन कर रहे थे।

बांग्लादेश में 5 जून को हाईकोर्ट ने जॉब में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था, इस आरक्षण के खिलाफ ढाका में यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे थे।

यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जा रहा था। हालांकि, हसीना सरकार ने यह आरक्षण बाद में खत्म कर दिया था।

इसके बाद छात्र उनके इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। बड़ी संख्या में छात्र और आम लोग हसीना और उनकी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए।

इस प्रोटेस्ट के दो महीने बाद 5 अगस्त को उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अंतरिम सरकार की स्थापना की गई।

————————–

ये खबर भी पढ़ें…

शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध का मुकदमा शुरू:बांग्लादेश में ट्रायल TV पर लाइव दिखा रहे; तख्तापलट के बाद से भारत में हैं हसीना

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध से जुड़े आरोपों में ट्रायल शुरू हो गया है। बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) में रविवार को इन आरोपों को औपचारिक तौर पर दर्ज किया गया। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…



Source link

आपकी राय

क्या नवरात्र में मीट की दुकानों को बंद करने का फैसला सही है?

View Results

Loading ... Loading ...

Latest news

- Advertisement -

SHARE MARKET LIVE

GOLD PRICE


Gold price by GoldBroker.com

SILVER PRICE


Silver price by GoldBroker.com

Related news

- Advertisement -