Tuesday, July 1, 2025

Nepal Monarchy Protest | RPP Leaders Underground | Oli Govt Crackdown | नेपाल में राजशाही समर्थक आंदोलन कुचलने की तैयारी: गिरफ्तारी के डर से नेता अंडरग्राउंड हुए; आंदोलन में शामिल 61 लोगों पर मुकदमा दर्ज

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काठमांडू से भास्कर के लिए राज शर्मा52 मिनट पहले

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नेपाल की सड़कों पर राजशाही की बहाली और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर उठती आवाजें अब सरकार के निशाने पर हैं। बीते पांच दिनों से जारी इस आंदोलन के तेज होने से सत्ता के गलियारों में बेचैनी भी बढ़ा रही है।

अब पीएम केपी शर्मा ओली की सरकार ने इस आंदोलन को कुचलने की खुली तैयारी कर ली है। काठमांडू के रिंग रोड क्षेत्र को दो महीने के लिए प्रतिबंधित घोषित कर दिया गया है।

वहीं, राजशाही आंदोलन में शामिल राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के दो शीर्ष नेता रवींद्र मिश्र और धवल शमशेर राणा समेत 61 लोगों पर सरकार ने मुकदमा भी दर्ज किया है।

सभी 61 लोगों पर राज्य के खिलाफ अपराध, अशांति फैलाने और संगठित अपराध जैसे गंभीर आरोपों में केस दर्ज हुआ है।

नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री कमल थापा के साथ रविवार को राजशाही समर्थक प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने हाथापाई की।

कार्रवाई के डर से अंडरग्राउंड हुए आंदोलन के नेता

मिश्र और राणा व अन्य बड़े नेता ओली सरकार की कार्रवाई से बचने के लिए अंडरग्राउंड हो चुके हैं।

सूत्र बताते हैं कि ये नेता पार्टी की आंतरिक रणनीतिक बैठकों में शामिल हो रहे हैं, लेकिन सरकार की गिरफ्तारी की कार्रवाई से बचने के लिए अंडरग्राउंड हो गए हैं। इनके मोबाइल स्विच ऑफ हैं और बाकी कई नेताओं ने भी अपना संपर्क सीमित कर लिया है।

आंदोलन का संचालन अब सोशल मीडिया, निजी चैनलों और पार्टी नेटवर्क से हो रहा है।

प्रदर्शनकारी संवैधानिक राजतंत्र की बहाली व हिंदू राष्ट्र के अलावा प्रांतीय व्यवस्था की समाप्ति और कार्यकारी प्रधानमंत्री के सीधे चुनाव की मांग कर रहे हैं।

आंदोलन के खिलाफ ओली की पार्टी समेत तीनों बड़े दल एकजुट

पीएम ओली की सीपीएन-यूएमएल, नेपाली कांग्रेस व माओवादी केंद्र तीनों दलों ने मिलकर आंदोलन का मुकाबला करने का ऐलान किया है।

सोमवार को सिंगदरबार स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में ओली, नेपाली कांग्रेस प्रमुख शेर बहादुर देउबा व माओवादी नेता पुष्पकमल दहल प्रचंड ने इस मुद्दे पर संयुक्त रुख अपनाने पर सहमति जताई। तीनों दलों ने यह स्पष्ट किया कि वे संविधान-लोकतंत्र विरोधी आंदोलन को सफल नहीं होने देंगे।

पूर्व नेपाल नरेश झापा के ‘मिनी पैलेस’ में बना रहे रणनीति

पूर्व नेपाल नरेश ज्ञानेंद्र शाह ने काठमांडू से दूरी बना ली है। वे झापा के दमक में ‘मिनी पैलेस’ में रह रहे हैं। दो हफ्ते वहीं रहेंगे।

सूत्रों का कहना है कि वे निजी स्तर पर राजनीतिक मुलाकातें कर रणनीति बना रहे हैं। हालांकि उनके सचिवालय ने किसी भी औपचारिक राजनीतिक कार्यक्रम से इनकार किया है। प्रेस सचिव फणिन्द्र पाठक ने कहा, यात्रा पूव-निर्धारित है। वे झापा जाते रहते हैं।

पूर्व राजकुमारी हिमानी व उनके बेटे सक्रिय

पूर्व राजकुमारी हिमानी शाह ने राजशाही समर्थकों के साथ दीप जलाकर नारायणहिटी राजदरबार हत्याकांड की 23वीं बरसी पर श्रद्धांजलि दी। फोटो: प्रकाश चन्द्र तिमिल्सेना

काठमांडू में रविवार को नारायणहिटी राजदरबार हत्याकांड की 23वीं बरसी पर राजशाही समर्थकों ने मोमबत्तियां जलाकर दिवंगत शाही परिवार को श्रद्धांजलि दी।

इस कार्यक्रम की खास बात पूर्व राजकुमारी हिमानी शाह और उनके पुत्र ह्रदयेंद्र शाह की मौजूदगी रही। यह पहली बार है जब हालिया आंदोलन के दौरान शाही परिवार की सक्रियता सार्वजनिक रूप से सामने आई है।

श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान नेपाल की पूर्व राजकुमारी के साथ हजारों की संख्या में राजशाही समर्थक भी जुटे थे। राजकुमारी ने समर्थकों संग सार्वजनिक रूप से श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल हेाकर यह संदेश दिया कि नेपाल की आबादी का एक बड़ा वर्ग अब भी राजशाही में आस्था रखता है।

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