टोक्यो5 मिनट पहले
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जापान के टोकारा में बुधवार की रात 5.5 तीव्रता का भूकंप आया था।
जापान के टोकारा द्वीपों के आसपास पिछले दो हफ्तों में 900 से ज्यादा बार भूकंप आए हैं। जापान की मौसम एजेंसी के मुताबिक ये भूकंप 21 जून से शुरू हुए और अभी तक चालू हैं।
बुधवार की रात लगभग 3 बजे यहां 5.5 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके बाद एजेंसी ने बड़े झटको की चेतावनी जारी की है। साथ ही लोगों को सुरक्षित जगह पर जाने के निर्देश दिए गए हैं।
जापान दुनिया के सबसे ज्यादा भूकंप वाले देशों में से एक है। ये चार बड़े टेक्टोनिक प्लेटों पर बसा है और प्रशांत महासागर के “रिंग ऑफ फायर” का हिस्सा है। हर साल यहां करीब 1500 भूकंप आते हैं, जिनमें से ज्यादातर हल्के होते हैं।
जापान में आए भूकंप की तस्वीरें देखिए…
जापान के टोकारा द्वीप में दो सप्ताह में 900 से ज्यादा बार भूकंप आए हैं।
जापान के टोकारा में भूकंप के कारण भूस्खलन और जमीन खिसकने के बाद सड़क पर दरार पड़ गई।
जापान के इशिकावा प्रान्त में जनवरी 2024 में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें करीब 600 लोगों की जान गई थी।
जापान में हर साल 1500 से ज्यादा भूकंप आते हैं। जो दुनिया के कुल भूकंपों का 18% हिस्सा है।
एक दिन में 183 बार भूकंप आए
टोकारा द्वीप पर 21 से 30 जूलाई तक 740 भूकंप दर्ज किए गए, जो जापान के 5 या उससे ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप थे। टोकारा के 12 द्वीपों में से 7 पर करीब 700 लोग रहते हैं।
डेटा के अनुसार 23 जून को 183 भूकंप आए, जो एक दिन में आए सबसे ज्यादा भूकंप थे। 26 जून को यहां 15 और 27 जून को 16 बार भूकंप आए। लेकिन 28 जून को यह संख्या फिर से बढ़कर 34 और 29 जून को 98 हो गई। 30 जून को 62 भूकंप दर्ज किए गए।
अगले 30 साल भूकंप से 2.98 लाख मौतों का जोखिम
जापान के नोटो द्वीप में 2024 में आए भूकंप में करीब 600 लोग मारे गए थे। 2011 में 9.0 तीव्रता के भूकंप और सुनामी ने 18 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी।
जापान सरकार ने अगले 30 साल में यहां 75-82 प्रतिशत तक भूकंप के तीव्र होने की चेतावनी दी है। अगर ऐसा हुआ तो 2.98 लाख लोग मारे जा सकते हैं और 2 ट्रिलियन डॉलर (167 लाख करोड़ रुपए) का नुकसान हो सकता है।
निवासी बोले- ये भूकंप बुरे सपने की तरह
अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल कहीं से किसी नुकसान की कोई खबर नहीं और न ही भूकंप से सुनामी की कोई चेतावनी जारी की गई है लेकिन ज़रूरत पड़ने पर लोगों को तैयार रहने के लिए कहा है।
एक स्थानीय निवासी ने मीडिया को बताया कि यहां रात में सोना भी बहुत डरावना हो गया है। ऐसा लगता है कि घर हमेशा हिलता रहता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे डर के मारे सो नहीं पा रहे। एक व्यक्ति ने कहा, “हर समय धरती हिल रही है, ये भूकंप किसी बुरे सपने की तरह हैं।” एक अन्य निवासी ने बताया, “पता नहीं ये कब रुकेगा। मुझे अपने बच्चों को सुरक्षित जगह ले जाना है।”
कैसे तय होता है कि ये सुनामी है या नहीं
जापान के ‘सुनामी वॉर्निंग सिस्टम’ के मुताबिक- अगर भूकंप के बाद सुनामी की एडवाइजरी या अलर्ट जारी होता है और इसके बाद समंदर में 1 मीटर ऊंची लहरें उठती हैं तो इसे सुनामी कैटेगरी में रखा जाता है। इनकी ऊंचाई बाद में 3 से 5 मीटर हो सकती है। अगर 5 मीटर तक लहरें उठती हैं तो इसे ‘मेजर सुनामी’ कैटेगरी में रखा जाता है।
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