Saturday, July 5, 2025

Indian government does not talk about matters of religion dalai lama china government buddhist religious guru | MEA बोला- भारत धर्म के मामलों पर बात नहीं करता: यहां धार्मिक स्वतंत्रता बरकरार; दलाई लामा ने उत्तराधिकारी चुनने में हस्तक्षेप न करने का कहा था

- Advertisement -


  • Hindi News
  • National
  • Indian Government Does Not Talk About Matters Of Religion Dalai Lama China Government Buddhist Religious Guru

नई दिल्ली14 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को कहा कि भारत सरकार आस्था और धर्म की प्रथाओं से संबंधित मामलों पर न तो कोई रुख नहीं अपनाती है और न बोलती है।

विदेश मंत्रालय का यह बयान बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के 2 जुलाई के बयान पर आया, जिसमें उन्होंने कहा था- तिब्बती बौद्धों के पास ही मेरे उत्तराधिकारी को चुनने का पूरा अधिकार होगा।

मंत्रालय ने कहा- भारत सरकार ने हमेशा भारत में सभी के लिए धर्म की स्वतंत्रता को बरकरार रखा है और आगे भी ऐसा करती रहेगी। हमने दलाई लामा संस्था के विस्तार से जुड़ी दलाई लामा के बयान से संबंधित रिपोर्ट देखी हैं।

2 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में 15वां तिब्बती धार्मिक सम्मेलन में दलाई लामा ने कहा था- गादेन फोडंग ट्रस्ट के पास उनके उत्तराधिकारी को मान्यता देने का एकमात्र अधिकार है। किसी और को इस मामले में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।

दलाई लाम का इशारा चीन की ओर था। उनके बयान पर चीन ने कहा है- दलाई लामा के उत्तराधिकारी को चीन की सरकार की मंजूरी लेनी होगी। चीनी कानूनों, नियमों के साथ-साथ धार्मिक अनुष्ठानों और ऐतिहासिक परंपराओं का भी पालन करना होगा।

15वें तिब्बती धार्मिक सम्मेलन में दलाई लामा के वीडियो संदेश को सुनते हुए।

हिमाचल में 3 दिन चला 15वां तिब्बती धार्मिक सम्मेलन​​​​​​

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में 15वां तिब्बती धार्मिक सम्मेलन शुरू हुआ है। यहां दलाई लामा ने दोटूक कहा था- दलाई लामा की संस्था भविष्य में भी जारी रहेगी। साथ ही उन्होंने यह भी क्लियर किया कि उनके देहांत के बाद उनके उत्तराधिकारी का चयन भी तिब्बती बौद्ध परंपराओं के अनुसार ही होगा।

तिब्बत और बौद्ध धर्म में चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए दलाई लामा ने यह भी स्पष्ट रूप से कहा था कि उनके उत्तराधिकारी के चयन में चीन की कोई भूमिका नहीं होगी। अगर चीन ऐसा करने की कोशिश भी करता है तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।इस पर चीन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। चीन का कहना है कि

धर्मशाला स्थित दलाई लामा लाइब्रेरी एंड आर्काइव में 3 दिवसीय धार्मिक सम्मेलन शुरू हुआ था, जिसमें तिब्बती बौद्ध धर्म की विभिन्न परंपराओं के प्रमुख लामाओं, तिब्बती संसद, सिविल सोसाइटी, संगठनों और दुनिया भर से आए तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधि ने भाग लिया था।

गादेन फोडंग ट्रस्ट को सौंपी जिम्मेदारी 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो ने वीडियो संदेश के माध्यम से बताया था उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के चयन की जिम्मेदारी ‘गादेन फोडंग ट्रस्ट’ को सौंपी है। दलाई लामा ने स्थापना 2015 में दलाई लामा की संस्था से संबंधित मामलों की देखरेख के लिए इस ट्रस्ट की स्थापना की थी।

तेनजिन ग्यात्सो ने कहा था कि अगले दलाई लामा की पहचान और मान्यता की पूरी प्रक्रिया का अधिकार केवल ट्रस्ट को है। कोई अन्य व्यक्ति, संगठन या सरकार इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

चीन भी नहीं कर सकता नियुक्ति दलाई लामा ने कहा था कि ट्रस्ट के अलावा कोई और अगले दलाई लामा की नियुक्ति नहीं कर सकता है। इस घोषणा ने उन चर्चाओं पर विराम लगा दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि चीन मौजूदा दलाई लामा की मौत के बाद खुद 15वें दलाई लामा की नियुक्ति कर देगा।

दलाई लामा ने अपने वीडियो संदेश में कहा था कि 1969 में ही हमने यह स्पष्ट कर दिया था कि संस्था को जारी रखने का निर्णय संबंधित लोगों को करना चाहिए। पिछले 14 सालों में हमें दुनिया भर से, विशेषकर तिब्बत से, संस्था को जारी रखने के आग्रह मिले हैं।

उन्होंने कहा कि 24 सितंबर 2011 को भी उन्होंने कहा था कि जब वह 90 वर्ष के आसपास हो जाएंगे, तब इस विषय पर निर्णय लेंगे।

सम्मेलन में तिब्बती बौद्ध धर्म की विभिन्न परंपराओं के प्रमुख लामाओं, तिब्बती संसद, सिविल सोसाइटी, संगठनों और दुनिया भर से आए तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।

CTA नेता बोले- चीन इस परंपरा का फायदा उठाना चाह रहा है कार्यक्रम के दौरान सेंट्रल तिब्बतियन एडमिनिस्ट्रेशन (CTA) के नेता पेन्पा शेरिंग ने धर्मशाला में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन पर आरोप लगाया कि वह दलाई लामा के उत्तराधिकार को राजनीतिक हथियार बना रहा है।

उन्होंने कहा था- चीन इस परंपरा को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है, जो पूरी तरह निंदनीय है। यह आध्यात्मिक प्रक्रिया है और हम इसमें किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेंगे।

पेन्पा शेरिंग ने यह भी कहा कि वर्तमान में चीन सरकार की नीतियां तिब्बती पहचान, भाषा और धर्म को मिटाने की कोशिश कर रही हैं। शी जिनपिंग की सरकार तिब्बती लोगों की सांस्कृतिक और धार्मिक जड़ों को निशाना बना रही है।

15वें तिब्बती धार्मिक सम्मेलन के मौके पर धर्मशाला में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते CTA के नेता पेन्पा शेरिंग।

दलाई लामा किताब में भी ये बातें कह चुके मौजूदा दलाई लामा 6 जुलाई को 90 साल के हो जाएंगे। इसके बाद उनके उत्तराधिकारी पर निर्णय संभव है। इस साल मार्च में प्रकाशित हुई दलाई लामा की किताब वॉयस फॉर द डायसलेस में भी उन्होंने लिखा है कि उनका पुनर्जन्म चीन के बाहर एक स्वतंत्र दुनिया में होगा, जहां तिब्बती बौद्ध धर्म की स्वतंत्रता बनी रहे।

उन्होंने लिखा है कि उनके पुनर्जन्म का उद्देश्य उनके कार्य को आगे बढ़ाना है। इसलिए, नया दलाई लामा एक स्वतंत्र दुनिया में जन्म लेगा, ताकि वह तिब्बती बौद्ध धर्म का नेतृत्व और तिब्बती लोगों की आकांक्षाओं का प्रतीक बन सके।

चीन ने दलाई लामा का बयान खारिज किया किताब में कही बात पर चीन की ओर से भी प्रतिक्रिया आई थी। चीनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने दलाई लामा के किताब में लिखे बयान को खारिज किया। साथ ही कहा कि दलाई लामा को तिब्बती लोगों का प्रतिनिधित्व करने का कोई अधिकार नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा कि बुद्ध की वंशावली चीन के तिब्बत में विकसित हुई। इस हिसाब से उनके उत्तराधिकारी का चयन भी चीनी कानून और परंपराओं के अनुसार ही होगा। उन्होंने दावा किया कि साल 1793 में किंग राजवंश ने गोल्डन अर्न प्रक्रिया शुरू की थी। उसके तहत चीन को ही दलाई लामा के उत्तराधिकारी को मंजूरी देने का अधिकार है।

दलाई लामा बोले- यह प्रक्रिया उपयोग में नहीं हालांकि, तिब्बती समुदाय और दलाई लामा ने चीन के इस दावे को खारिज किया। उन्होंने कहा कि गोल्डन अर्न प्रक्रिया केवल 11वें और 12वें दलाई लामा के लिए उपयोग की गई थी। 9वें, 13वें, और 14वें दलाई लामा के चयन में इसका उपयोग नहीं किया गया।

…………………… दलाई लामा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

अरुणाचल प्रदेश के सीएम धर्मशाला पहुंचे: दलाई लामा के जन्मदिवस समारोह में शामिल होंगे, 6 जुलाई को कार्यक्रम

अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू शुक्रवार को धर्मशाला पहुंचे। वे तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के 90वें जन्मदिवस और दीर्घायु प्रार्थना कार्यक्रम में विशेष अतिथि होंगे। धर्मशाला के होटल हयात में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की सुरक्षा मंत्री कालोन डोलमा ग्यारी ने उनका स्वागत किया। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…



Source link

आपकी राय

क्या नवरात्र में मीट की दुकानों को बंद करने का फैसला सही है?

View Results

Loading ... Loading ...

Latest news

- Advertisement -

SHARE MARKET LIVE

GOLD PRICE


Gold price by GoldBroker.com

SILVER PRICE


Silver price by GoldBroker.com

Related news

- Advertisement -